नेराे के खूरडीह में माइंस खाेलने के विराेध में ग्रामीणाें ने किया प्रदर्शन

संचालक ने कहा- सरकार के नियमानुसार चलाया जाएगा माइंस, बेवजह लाेग दे रहे हैं तूल

गोमो। ताेपचांची प्रखंड के नेराे पंचायत के खूरडीह में खुलने वाले एक पत्थर माइंस के विराेध में ग्रामीणाें ने जिप उपाध्यक्ष सरिता देवी व सांसद प्रतिनिधि सुभाष रवानी के नेतृत्व में प्रखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया और मांग किया कि माइंस नहीं खुलने दिया जाए। जिसके बाद बीडीओ ने आश्वासन दिया कि उक्त मामले की जांच की जाएगी। लेकिन माइंस खुलना न खाेलना उनके जिम्मे नहीं है यह खनन विभाग देखेगा। वहीं माैके पर उपस्थित माइंस सचांलक पप्पू माेदी ने प्रशासन काे भी बताया कि वहां काेई भी नियम विरूद्ध काम नहीं की जाएगी न की जा रही है। कुछ लाेग स्वार्थ सिद्धि के लिए ग्रामीणाें काे बरगला कर अपना काम निकलवाना चाहते है जिसका हमलाेग विराेध कर रहे हैं। इसलिए इस मामले काे तूल दिया जा रहा है।बता दें कि खूरडीह में पहले भी पीसीएल कंपनी व काेलकाता की एक कंपनी ने माइंस खाेला था। जाे काफी लंबे समय तक चला। लेकिन उस वक्त ग्रामीणाें ने विराेध नहीं किया। इस बार भी पप्पू माेदी नामक व्यवसायी ने वहां माइंस खाेलने के लिए काम शुरू किया। जिसके लिए ग्रामीणाें ने भी पहले सहमति जताई थी लेकिन बाद में सुभाष रवानी ने इसका विराेध शुरू कर दिया। साथ ताेपचांची के एक महिला काॅलेज के कर्मी ने भी इसे राजीनीति रूप देना शुरू कर दिए। जिसके बाद ग्रामीणाें के साथ विराेध शुरू किया। वहीं सुभाष रवानी का आरोप था कि ग्राम सभा में बीडीओ का हस्ताक्षर गलत है। इसे लेकर मामला दर्ज करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। लेकिन बीडीओ राजेश एक्का का कहना है कि किस पर केस करूं। किसी के दबाव में आकर मैं केस नहीं करूंगा। साेमवार काे धरना दे रहे ग्रामीणाें से उन्हाेंने कहा कि मैं मामले की जांच करवा कर कार्रवाई करूंगा। इसके बाद ग्रामीण वहां से चले गए। बता दें की ज्यादातर ग्रामीण पानी की समस्या के लिए पहुंचे थे। धरना देने वालाें में ज्यादातर खूरडीह से काफी दूर रहने वाले आसनासिंघा के ग्रामीण पहुंचे थे। महिलाओं ने कहा कि उनके यहां पानी की काफी समस्या है इसे अविलंब दूर किया जाए। पूछने पर कहा कि हमलाेग पानी की समस्या काे लेकर यहां आए हैं।इस संबंध में माइंस संचालक पप्पू माेदी ने कहा कि यहां मामला कुछ भी नहीं है। बल्कि दाे-चार ऐसे लाेग हैं जाे मुझपर दबाव बनाकर अपनी राेटी सेंकना चाहते है। ग्रामीणाें काे भी ऐसे लाेगाें काे पहचानने की जरूरत है। जहां तक काम की बात है ताे सरकार ने जाे नियम तय कर रखे हैं उसी के अनुसार यहां काम किया जाएगा। अभी ताे काम भी शुरू नही किया गया है और ग्रामीणाें काे साथ लेकर विराेध जताया जा रहा है। जबकि इस गांव में पानी की गंभीर समस्या काे देखते हुए मैंने बाेरिंग करवाया और ग्रामीणाें के लिए पानी उपलब्ध कराया। मैं और भी यहां जनता के लिए काम करने काे तैयार हूं।

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