प्रेस को धमका रही है पिंटू जी की  भाभी

 

राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची   :   इस समय जनसंपर्क विभाग निदेशालय झारखंड सरकार में भ्रष्टाचार ,मनमानी और अनियमिकता बहुत ही व्यापक रूप से है! तथा अब धमकी का बोलबाला हो गया है !इस संबंध में ज्ञात है कि पिछले दिनों     श्रीमती शालिनी वर्मा उप निदेशक जनसंपर्क विभाग निदेशालय झारखंड सरकार ने बिरसा टाइम्स को एक लीगल नोटिस धमकी के रूप में दिया हैश्रीमती वर्मा हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू जी की  भाभी है!  जिसमें एक ही बात को बार-बार दोहराया गया है जबकि प्रेस एक्ट के अनुसार सच्ची खबर में किसी भी पदाधिकारी ,राजनेता ,समाजसेवी एवं उद्योगपति के बारे में समाचार प्रकाशित होता है तो समाचार का खंडन किया जाता है ,नाकि डराने और धमकाने के लिए लीगल नोटिस भेजता है !भारत के संविधान के अनुसार सच्ची खबर प्रकाशित करना समाचार पत्र का मौलिक अधिकार है तथा इस संबंध में समय-समय पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय और कई उच्च न्यायालयों ने प्रेस की स्वतंत्रता की व्याख्या कर चुका है ,जिसका एक नमूना पेश कर रहा हूं

supreme court treatment of coronavirus patients LNJP delhi Government । LNJP पर India TV की रिपोर्ट का सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, दिल्ली सरकार से मांगा जवाब - India TV Hindi News

Supreme Court of India
Indian Express Newspapers … vs Union Of India & Ors. Etc. Etc on 6 December, 1984
Equivalent citations: 1986 AIR 515, 1985 SCR (2) 287
Author: E Venkataramiah
Bench: Venkataramiah, E.S. (J)
Newspaper industry enjoys two of the fundamental rights, namely, the freedom of speech and expression
guaranteed under Article 19 (1) (a) and the freedom to engage in any profession, occupation, trade. industry orbusiness guaranteed under Article 19 (1) (g)
3. Freedom of press is the heart of social and political. intercourse The press has now assumed the role of
the public educator making formal and non-formal education possible in a large scale particularly in the developing
world,where television and other kinds of modern communication are not
291still available for all sections of society. The purpose of the press is to advance the public interest by publishing
facts and opinions without which a democratic electorate cannotmake responsible judgments. Newspapers being
purveyors of news and views having a bearing on public administration very often carry material which would not be
palatable to governments and other authorities. With a view to checking malpractices which interfere with free flow of information, democratic constitutions all over the world have made provisions guaranteeing the freedom of speech andexpression laying down the limits of interference with it.
[316B.D; H]
It is the primary duty of all the national courts touphold the said freedom and invalidate all laws or
administrative actionswhich interfere with it, contrary tothe constitutional mandate. [317A] Brij Bhushan & Anr. v The State of Delhi [1950] S C.R.605, Bennett Coleman & Co. & ors v. Union of India & ors.[1973] 2 S.C.R. 757, Romesh Thappar v. The State of Madras;1950 S.C.R. 594, Express Newspapers (Private) Ltd. & Anr. v.
The Union of lndia & ors. [1959] S.C R. 12 and Sakal Papers(P Ltd. & Ors v. The Union of India [19621 3 S.C.R. 842,followed.
उपरोत्त फैसला में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा गया है कि कहा गया है कि समाचार और विचार का प्रकाशन की स्वतंत्रता को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है
ऐसे बिरसा टाइम्स को समय-समय पर सच्ची खबरों के लिए कई बार प्रशासन तथा अन्य लोग तरह-तरह के लीगल नोटिस तथा बिरसा टाइम्स के मालिक के ऊपर कई बार मुकदमे भी किया हैं, परंतु बिरसा टाइम्स सच्ची खबर को कभी नहीं रोका है ! इस से संबंधित प्रशासन का एक मूल पत्र प्रस्तुत कर रहा हूं

इस लीगल नोटिस में श्रीमती वर्मा लिख रही है कि श्रीमती वर्मा के एक -एक अंग में जहर भरा हुआ है !श्रीमती वर्मा अपने आप को विक्टोरिया रानी समझती है इस तरह का व्यवहार शिबू सोरेन के किसी भी बहू का नहीं है !
इस संबंध में कहना है कि एक प्रतिष्ठित स्वर्गीय पत्रकार की पत्नी द्वारा संचालित दैनिक समाचार पत्र को पिछले 14 महीने से श्रीमती शालिनी वर्मा झारखंड सरकारके विज्ञापन से वंचित रखा गया! इस संबंध में जानकारी है कि स्वर्गीय पत्रकार ने श्रीमती शालिनी वर्मा उपनिदेशक के बारे में में कभी कोई समाचार प्रकाशित किया था जिसके मरणोपरांत के बाद एक विधवा तथा रोग ग्रस्त महिला से श्रीमती वर्मा बदला ले रही है ! जबकि हमारे हिंदू धर्म के अनुसार मरे हुए व्यक्ति से बदला कोई नहीं लेता है! इससे स्पष्ट होता है कि श्रीमती वर्मा के भीतर द्वेष और घर्णा का जहर भरा हुआ है और जिसके कारणअपने कार्य में श्रीमती वर्मा जहर उगलती रहती है! और विक्टोरिया रानी की तरह व्यवहार करती है! जबकि उपयुक्त महिला जनसंपर्क विभाग निदेशालय विभाग के प्रधान सचिव से लेकर निदेशक तक अपनी बातों को कइ बार कह चुकी है ,परन्तु दोनों पदाधिकारी यही कहते हैं कि आप श्रीमती शालिनी वर्मा से मिले ,वहीं विज्ञापन निर्गत करती है और वही निर्णय लेगी है
दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार झारखंड सरकार के विज्ञापन के लिए
सम्मिलित समाचार पत्र में स्वदेश टुडे दैनिक तथा देशप्राण समाचार पत्र को प्रिंट मीडिया सूची में बिना विभागीय जांच कराए हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आंख में धूल झोंक कर स्वीकृति ले लिया गया है इसमें पूरा हाथ श्रीमती शालिनी वर्मा है और दोनों अखबार के मालिक आर एस एस और भाजपा के सदस्य और प्रचारक हैं
ऐसे बिरसा टाइम्स पाठकों के बीच सच्ची खबर पहुंचाते रहेंगे इसमें बिरसा टाइम्स को कितनी भी आर्थिक हानि तथा मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़े !
एक शायर के अनुसार ‘खुदी को कर बुलंद इतना की खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है,

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