डिस्ट्रिक्ट मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्टेशन कार्यशाला का हुआ आयोजन

रिपोर्ट- अविनाश मंडल

पाकुड़/झालसा रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के तत्वाधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी की अध्यक्षता में आज 28 जनवरी 2024 रविवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय मल्टी स्टेक होल्डर कंसल्टेशन कार्यक्रम का आयोजन न्याय सदन पाकुड़ कॉन्फ्रेंस हॉल में किया गया।

जिसका उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी, अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय चौधरी एहसान मोईज पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। उक्त कार्यक्रम में एमएसीटी, पॉक्सो एक्ट से संबंधित कई बिंदु पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

किसी भी पीड़ित/पीड़िता को न्याय मिल सके इसे लेकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ बाल कृष्ण तिवारी ने कहा दस्तावेज तैयार करना, मुआवजा की राशि मिलने कानूनी प्रक्रिया को समय सीमा के अंदर सारे रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने समेत कई महत्वपूर्ण निर्देश दी मेडिकल की टीम से लेकर पुलिस प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

अपने जिम्मेवारी को निभाने को लेकर कहा गया।कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय चौधरी एहसान मोईज ने एमएसीटी एक्ट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में समय पर कागजात कोर्ट में जमा होने से मृतकों के परिजनो को मुआवजा राशि मिल जायेगा पुलिस पदाधिकारियों को संदेश देते हुए कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी हालत में 48 घंटे के अंदर दुर्घटना सूचना ट्रिब्यूनल को भेज देनी है,

साथ ही कहा कि समय पर पुलिस ऐसा कर दे तो मृतक के परिजनों को होने वाली मुश्किलों का सामना नही करना होगा। इसे समय पर करना हमारा कर्तव्य है थाना प्रभारियों को कहा कि किसी भी मामले को लंबित रखने के बजाय उस पर त्वरित कार्यवाही कर अदालत में जल्द से जल्द अंतिम प्रतिवेदन रिपोर्ट या चार्जशीट दायर कर दी जानी चाहिए जिससे लोगों को त्वरित न्याय दिया जा सके।

अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी श्री निर्मल कुमार भारती ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों के अधिकार की सुरक्षा में न्यायपालिका का अहम रोल है। कहा कि नाबालिग से दुराचार के मामले में पुलिस पदाधिकारियों का दायित्व है कि वे चौबीस घंटे के अंदर पीड़िता की मेडिकल जांच कराएं और उसकी उम्र निर्धारण के लिए संबंधित दस्तावेज एकत्रित करें समेत कई कानूनी प्रक्रिय पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

कई विशेष न्यायिक मुद्दे चर्चा की गई ताकि पीड़ित को सुरक्षा प्रदान करते हुए समय पर न्याय मिल सके। मौके अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार पाकुड़ के सचिव अजय कुमार गुड़िया,अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी श्री निर्मल कुमार भारती, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कमल प्रकाश, डीएसपी बैद्यनाथ प्रसाद , जिले के सभी थाना प्रभारी मेडिकल टीम के सभी अधिकारी सभी मेडिएटर, पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के सभी अधिवक्ता, सीडब्ल्यूसी के सदस्य, इंश्योरेंस कंपनियां के अधिवक्ता पीएलवी मौजूद रहे।

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