झालको लिफ्ट एरिगेशन द्वारा बनाये जाने वाले जरहरिया में सिंचाई परियोजना लाखों रुपये के निकासी के बाद डेढ साल से अधूरा

रामजी साह

रामगढ़:इन दिनों झालको लिफ्ट एरिगेशन यह के पदाधिकारियों ,कनिय अभियंता,तथा संवेदक की मिली भगत से सिंचाई परियोजना में जमकर लूट खसोट हो रहा है ।जहां सरकार द्वारा बनाये जाने वाले महत्वाकांक्षी सिंचाई योजना धरातल पर उतारकर किसानों को सिंचाई उपलब्ध है कराना था वहीं विभागीय पदाधिकारी तथा संवेदक द्वारा योजना में लाखों रुपये निकासी के बाद की सालों से योजना अधूरा छोड़ दिया जाता है जिससे किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है।

वहीं झालको द्वारा जरहरिया में नदी किनारे मोजा जरहरिया में प्लांट नंबर 84 जामाबंदी नंबर 12 रकवा दो बीधा जमीन पर विगत 2020/21 में 50,00000पचास लाख रुपये की लागत से सिंचाई परियोजना के तहत एक पंपहाउस ,नदी में 30/20 ब्यास सिंचाई कुप के अलावा 3600 फीट सिंचाई पाइप जमीन पर बिछाने के अलावा तीन फेज बिजली कनेक्शन शामिल हैं।

लेकिन संवेदक पंकज यादव ने द्वारा सिंचाई परियोजना निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई है।नदी में जहां है कुप की गहराई 30 फीट ब्यास 20 फीट है वहीं संवेदक कुप की गहराई 30फीट गहराई के बदले मात्र 11 फीट में ही कूप को लोकल धटीया बोल्डर सें बांध दिया जिसके कारण उक्त कूप से सैकड़ों सीधा जमीन की सिंचाई करना तो दुर एक बीधा जमीन का सिंचाई नहीं हो पा रहा है।

जमीन पर जगह जगह बिना पाईप बिछाये ही दिखावे के लिये भैठ बना दिया है लेकिन अधिकांश जगहों में पाईप नहीं बिछाया गया।वहीं मशीन हाऊस निर्माण में एक भी पिलर नहीं देने के कारण जब पंपसेट चालु होता है तो पुरा मशीन हाऊस कंम्पन करता है।

इसके अलावा तीन बिजली पेज काम भी बाधित है यहां बता दें कि विगत सात माह पुर्व झालको लिफ्ट एरिगेशन के एरिया मैनेजर भुतनाथ रजक,कनिय अभियंता ने जरहरिया में सिंचाई योजना की जांच कर मौके मौजूद संवेदक पंकज यादव को फिर से सिंचाई कुप को बनाने का आदेश दिया था लेकिन आज तक कुछ भी गुणवत्ता में सुधार नहीं लाया गया है।।

वही किसानों में नंदकिशोर साह,रामजी प्रसाद, गोविंद साह,ओम साह चंदशेखर साह, शिवप्रसाद मांझी,समेत दर्जनों किसानों ने अधुरे योजना को चालु कराते हुए योजना की जांच की पुरजोर मांग किया है।

योजना पुर्ण नहीं होने के कारण किसानों को खरीफ तथा रवि नहीं उगा पा रहे हैं जिसके कारण किसान दुसरे प्रदेश काम की तालाश में पलायन कर रहे हैं।बहरहाल पचास लाख रुपये के लागत से बनाये जा रहे झालको लिफ्ट एरिगेशन एक मात्र शोभा का बस्तु बनकर रह गया है।

वहीं दुमका के झालको लिफ्ट एरिगेशन के प्रबंध निदेशक भुतनाथ रजक से संपर्क नहीं होने से उनका मंतव्य नहीं लिया जा सका।फोटोजरहरिया नदी किनारे पचास लाख की लागत से बनाए जा रहें लिफ्ट एरिगेशन डेढ़ साल से अधूरा

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