नाम सिटी होस्पीटल, सुविधा मानक से भी कम

मनीष बरणवाल जामताड़ा :जामताड़ा में एक निजी हॉस्पिटल बिना आईसीयू बेड के चल रहा है। वहीं यहां दवा दुकान बिना फार्मासिस्ट के चल रही है। इसका खुलासा अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण के दौरान किया। बता दें कि सदर अस्पताल की मेडिकल टीम ने आज शहर के सिटी हॉस्पिटल की जांच की। इसमें कई तरह की अनियमितताएं देखने को मिलीं। चौंकाने वाली बात ये रही कि अस्पताल प्रंबधन अधिकारियों की टीम को जांच में सहयोग करने के बजाय उनसे उलझ पड़े। दोनों पक्ष के बीच हुए विवाद को सुलझाने में…

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झालको लिफ्ट एरिगेशन द्वारा बनाये जाने वाले जरहरिया में सिंचाई परियोजना लाखों रुपये के निकासी के बाद डेढ साल से अधूरा

रामजी साह रामगढ़:इन दिनों झालको लिफ्ट एरिगेशन यह के पदाधिकारियों ,कनिय अभियंता,तथा संवेदक की मिली भगत से सिंचाई परियोजना में जमकर लूट खसोट हो रहा है ।जहां सरकार द्वारा बनाये जाने वाले महत्वाकांक्षी सिंचाई योजना धरातल पर उतारकर किसानों को सिंचाई उपलब्ध है कराना था वहीं विभागीय पदाधिकारी तथा संवेदक द्वारा योजना में लाखों रुपये निकासी के बाद की सालों से योजना अधूरा छोड़ दिया जाता है जिससे किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। वहीं झालको द्वारा जरहरिया में नदी किनारे मोजा जरहरिया में प्लांट नंबर 84 जामाबंदी…

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बरमसिया मुख्य बाजार के पास अंचलाधिकारी ने सरकारी जमीन को कराया अतिक्रमण मुक्त।

शिकारीपाड़ा /दुमका/ आज शनिवार को शिकारीपाड़ा अंचल क्षेत्र के बरमसिया मुख्य बाजार में शिकारीपाड़ा अंचलाधिकारी ने रोड की जमीन कोअतिक्रमण मुक्त कराया है यह जमीन बरमसिया मौजा में है और ज़मीन पर अतिक्रमण करने वाले का नाम अजीत दत्त पिता नारायण दत्त है दुकान को जेसीबी की मदद से तोड़ कर अतिक्रमण मुक्त किया गया। इस संबंध में शिकारीपाड़ा अंचलाधिकारी ने कहा कि यह मामला 2 वर्ष पुराना है इससे पहले दुकानदार अजीत दत्त को जमीन खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था । लेकिन नोटिस के बावजुद जमीन…

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सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं

सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं

सरकारी स्कूलों को बहुत ही प्रायोजित तरीके से निशाना बनाया गया है. प्राइवेट स्कूलों की समर्थक लॉबी की तरफ से बहुत ही आक्रामक ढंग से इस बात का दुष्प्रचार किया गया है कि सरकारी स्कूलों से बेहतर निजी स्कूल होते हैं और सरकारी स्कूलों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है. शिक्षा का अधिकार क़ानून (आरटीई) लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आज की स्थिति में 90 फीसदी से अधिक स्कूल आरटीई के मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं. इस दौरान सरकारी स्कूलों की स्थिति और…

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