पूरी दुनिया में अलग अंदाज है झारखंड में छठ महापर्व मनाने की परंपरा

पूरी दुनिया में अलग अंदाज है झारखंड में छठ महापर्व मनाने की परंपरा

 

पैसरा धान को सिरक कर खीर बनाने की वर्षों से है इस परंपरा

 

संजय सागर

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पूरी दुनिया में भारत धर्म व पर्व की खासियत को लेकर अनोखा देश है . यहां विविध धर्म के लोग रहते हैं . यहां विविधता में भी एकता है. भारत के लोग अपने भाषा व परंपरा के अनुकूल पर्व मनाते हैं. सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की रीति -रिवाज पारंपरिक व ऐतिहासिक रही है. वहीं कई पर्व त्यौहार विज्ञान की विधि विधान से भी जुड़ा है. छठ महापर्व भी पारंपरिक , ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काफी महत्व रखता है. दीपावली के दूसरे दिन बाद छठ महापर्व की तैयारी में लोग जुट जाते हैं . छठ महापर्व भारत के बिहार, झारखंड, ओडिशा ,पश्चिम बंगाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है. अब यह पर्व धीरे-धीरे भारत के कई राज्यों में मनाए जाने लगा है .भारत के झारखंड राज्य एक ऐसा राज्य है, जहां छठ महापर्व अलग अंदाज में मनाए जाते हैं.छठ महापर्व की तैयारी झारखंड के गांव- देहातों में शुरू हो गयी है. यह महापर्व देश के अन्य पर्वों से अलग है. यहां कार्तिक माह शुरू होते ही लोग मांस -मदिरा छोड़ देते हैं. छठ पूजा करने वाले वर्ती अपने सगे संबंधियों एवं आस-पड़ोस एवं गांव के लोगों को न्योता देते हैं .छठ महापर्व में सगे -संबंधी व आस -पड़ोस के लोग वर्ती के घर पहुंचकर महापर्व की रीति- रिवाज एवं कार्यक्रमों में हाथ बंटाते हैं.जिनके यहां छठ व्रत होती हैं .उनके यहां आस- पड़ोस महिलाएं माता छठ के लिए भजन करने सुबह-शाम जाती हैं.महापर्व को लेकर गांव से लेकर छठ घाटों तक साफ- सफाई की जाती है. बच्चों से लेकर बड़ों के बीच हर्षोउल्लास भरा रहता है. वहीं, महिलाएं भी भक्ति में तल्लीन रहती हैं.यह महापर्व भगवान सूर्य के महत्व को दर्शाता है. भगवान सूर्य एवं मानव जीवन के बीच सदियों से गहरा ताल्लुक रहा है. इसीलिए �

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