कई मुख्य छठघाट पोखर पर पड़ी ज़िला प्रशासन की नज़र तो कई गुमनाम छठ घाट पर छठवर्ती ने करवाया पोखर की साफ सफाई 

कई मुख्य छठघाट पोखर पर पड़ी ज़िला प्रशासन की नज़र तो कई गुमनाम छठ घाट पर छठवर्ती ने करवाया पोखर की साफ सफाई

 

 

पाकुड़ जिले में तालाबों और गाडियां किस्म की जमीनों पर कब्जा करने की मंशा इस कदर सर चढ़ी है की तालाबों और गाड़िया किस्म की जल संचय के साधनों को भू माफिया विलुप्त करने की कगार पर पहुंच चुके है वैसा ही एक नया मामला सामने आया है यह पाकुड़ सिंधी पाड़ा का है जहा पुर्व से एक तालाब मौजूद हैं जिसके चारो ओर बडे़ बडे़ मकान बने हुए हैं मकान भी बने हैं तो क़रीब पान मंजिला से कम नहीं हैं इस तालाब को भू माफिया और दबंग किस्म के लोगों अपने कब्जे में लेने के लिए इस तालाब की अस्तित्व को समाप्त करने की ठान ली थी पर जहा छठ महापर्व और छठ मईया का आस्था और विश्वास हों बो भला किस दबंग और माफिया से डर सकता है इस कथन को सत्य कर दिखाया और अपने पैसे से तालाब की साफ सफाई करवाई ताकी उस तालाब में छठ पूजा संपन्न हों सकें इस तालाब की साफ सफाई में नगर पालिका और ना ज़िला प्रशासन किसी की नज़र नही दौड़ी जिसका मुख्य वजह यह है की यह छठवर्ती चका चौंध की दुनिया से परे आध्यात्मिक दुनियां से परे है ज़िला प्रशासन मुख्यत पाकुड़ शहर के नामचीन मुख्य घाटों पर ही अपनी दृष्टि डालते हैं इस चका चौंध दुनिया के अंदर भी कई वैसे छठवर्ती हैं जो गुमनाम होकर भी स्वच्छ मानसिकता से परिपूर्ण होकर निस्वार्थ भाव से भक्ति में लीन रहते हैं ज़िला प्रशासन के द्वारा इन सभी पहलुओं पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है

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