News Agency : देश में लोकसभा चुनाव संपंन्न हो गए है और अब सबकी नजरें twenty three मई को आने वाले चुनाव नतीजों पर है। देश में लोकसभा चुनाव करीब डेढ़ महीने तक चला। लोकसभा चुनाव के बाद द हिंदू- CSDS-लोकनीति का सर्वे सामने आया है। ये सर्वे लोकसभा चुनाव के दौरान किया गया। इस सर्वे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस सर्वे के मुताबिक आम चुनाव में बेरोजगारी लोगों के बीच बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया। बेरोजगारी के अलावा आर्थिक मुद्दो ने भी लोगों को ज्यादा प्रभावित नहीं किया।
द हिंदू में CSDS-लोकनीति का चुनाव बाद सर्वे सामने आया है। इसमें चुनाव से पहले किए सर्वे और बाद में किए गए सर्वे की तुलना की गई है। जिन लोगों ने आर्थिक मुद्दे, जिसमें बेरोजगारी, जीएसटी के कार्यान्वयन, महंगाई और गरीबी को लेकर चिंता जताई थी। पोस्ट पोल सर्वे में thirty eight फीसदी से गिरकर twenty five फीसदी हो गए। वहीं twelve पोस्ट पोल सर्वे में twelve फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा माना। पोस्ट सर्वे में इस मुद्दे पर लोगों की राय में nine फीसदी की गिरावट देखी गई।
पोस्ट पोल सर्वे में ये गिरावट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जिन लोगों ने आर्थिक मुद्दों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उनकी विपक्ष और यूपीए(यूनाइटेड प्रोगेसिव एलायंस) को समर्थन देने की संभावना ज्यादा थी। चुनाव के बाद आए इस सर्वे में ये भी पाया गया कि कांग्रेस के फ्लैगशिप कार्यक्रम न्यूनतम आय योजना(NYAY)को लेकर लोगों में जागरुकता चुनाव के दौरान बढ़ी। लेकिन गरीबों के वर्ग जिसे इसका सबसे ज्यादा फायदा होना था, उस तक पूरी तरह इस योजना की जानकारी नहीं पहुंच पाई।
द हिंदू- CSDS-लोकनीति के सर्वे के मुताबिक राफेल डील में भ्रष्टाचार को मुख्य राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश करना कांग्रेस की सही रणनीति नहीं थी। सर्वे में पाया गया कि केवल आधे लोगों को ही राफेल के विवाद के बारे में पता था जबकि आधे से कम लोगों ने माना कि सरकार ने गलत काम किया है। इससे साफ होता कि राफेल विवाद को मुद्दा बनाने का कांग्रेस पर अपेक्षित नहीं प्रभाव पड़ा।