बिहार में नतीजों से पहले बीजेपी-जेडीयू में तकरार

BJP-JDU debate before results in Bihar

News Agency : एनडीए के सहयोगी दलों के दम पर बीजेपी दोबारा सत्ता में आने का ख्वाब देख रही है। लेकिन उसी सहयोगी पार्टियों की सोच बीजेपी से मेल नहीं खा रही है। जो बीजेपी के लिए चिंता की बात है। बीजेपी की खास सहयोगी में से एक जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने धारा 370 पर बीजेपी के उलट बयान दिया है। एनडीए की बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि धारा 370 को हटाने और कॉमन सिविल कोड थोपने की बात नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अयोध्या मसले का समाधान आपसी सहमति या कोर्ट के फैसले से होना चाहिए। खास बात यह कि नीतीश कुमार के उलट बीजेपी कश्मीर से धारा 370 हटाने के पक्ष में है.लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान झारखंड में एक चुनावी सभा को संबोधित कते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि एक बार फिर मोदी को पीएम बनाइए, हम कश्मीर से धारा 370 हटा देंगे। बीजेपी ने कई बार जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने की बात कही है। इतना ही नहीं बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में भी धारा 370 को खत्म करने की घोषणा की है।

इन सभी के बावजूद बिहार के सीएम और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपने आप को बीजेपी के फैसले से अलग कर लिया है। बता दें कि बीजेपी और जेडीयू में मतभेद की खबरें लोकसभा चुनाव के दौरान चली आ रही है। खबरों के मुताबिक, बीजेपी के दबाव के चलते ही जेडीयू ने अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया। बीजेपी चाहती थी कि जेडीयू अपने घोषणापत्र में कुछ मु्द्दों का जिक्र न करे। जिसके लिए नीतीश कुमार तैयार नहीं थे।

बीजेपी जेडीयू पर अपने घोषणापत्र में अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दे को जिक्र नहीं करने का दबाव बना रही थी। जेडीयू धारा 370 की पक्षधर है, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है। जेडीयू अपने घोषणा पत्र में जिक्र करना चाहती थी लेकिन बीजेपी अपने घोषणापत्र में हटाने की बात पहले ही कह चुकी है।

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