कार्मेल स्कूल में सीआईएससीई जोनल कराटे प्रतियोगिता का आयोजन

ओवरऑल चैंपियनशिप की ट्रॉफी कार्मेल स्कूल हजारीबाग (बालिका) और संत ऐन स्कूल रामगढ़ (बालक) विद्यालय को दी गई

द्वितीय विजेता बिशप वेस्टकोट बालिका विद्यालय एवं बिशप वेस्टकोट बालक विद्यालय को दी गई।

हजारीबाग। बालिकाओं के प्रसिद्ध विद्यालय कार्मेल स्कूल में सीआईएससीई जोनल कराटे प्रतियोगिता का भव्य आयोजन शनिवार को किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय बैंड द्वारा बतौर मुख्य अतिथि शामिल आनंद जोजो (बिशप हजारीबाग) के शानदार स्वागत द्वारा किया गया। दीप प्रज्वलन प्रार्थना एवं प्रार्थना नृत्य के बाद मुख्य अतिथि द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की गई थी। बिशप आनंद जोजो ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि कराटे अनुशासन की प्राचीन प्रक्रिया है जिसकी शुरुआत 15 वीं शताब्दी में जापान के ओकीनावा द्वीप पर रयुकुक डायनेस्टी के दौरान हुई थी।

यह 1920 के दशक में पूरे जापान में लोकप्रिय हो गया और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका विस्तार हुआ। कराटे चैंपियनशिप की शुरूआत सिस्टर लिनी ए.सी. (मैनेजर कार्मेल स्कूल) सिस्टर सविता मेरी ए.सी. (प्राचार्या सी आईएससीई बोर्ड) सिस्टर मेरी रानी ए.सी. (उप प्राचार्या सी आई एस सी ई बोर्ड) अलबेला ए.सी. सिस्टर रेणु ए.सी. एवं सभी विद्यालयों से आए हुए शिक्षक शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही।

इस प्रतियोगिता में कक्षा 6 से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं ने कुल 31 प्रकार के विभिन्न आयोजनों में भाग लिया जिसमें 14, 17 एवं 19 वर्ष के तहत 26 से 70 किलोग्राम तक के प्रतिभागियों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया। पूरे कार्यक्रम में कुल 8 विद्यालयों के लगभग 100 से भी अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विद्यालय प्रांगण में रामगढ़ एवं रांची से आए हुए मुख्य विद्यालय में लोरेटो, बिशप वेस्टकोट बालिका एवं बालक विद्यालय, कार्मेल स्कूल रांची, संत एंटोनी स्कूल, संत ऐन रामगढ़, बिशप वेस्टकोट बालिका विद्यालय डोरंडा आदि शामिल हुए। कराटे प्रतियोगिता में रेफरी के रूप में हेजिंग असदक (एशियन एवं वर्ल्ड कराटे फेडरेशन कोच) एक पर्यवेक्षक 3 गणमान्य जजों तथा तीन अधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति रही।

ओवरऑल चैंपियनशिप की ट्रॉफी कार्मेल स्कूल हजारीबाग (बालिका) और संत ऐन स्कूल रामगढ़ (बालक) विद्यालय को दी गई। द्वितीय विजेता बिशप वेस्टकोट बालिका विद्यालय एवं बिशप वेस्टकोट बालक विद्यालय को दी गई। विद्यालय की प्राचार्या सिस्टर सविता मेरी ए.सी. द्वारा रैफरी, पर्यवेक्षक, जजों एवं अधिकारियों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के अंत में नरेंद्र सिन्हा (राष्ट्रीय ए क्लास रेफरी) द्वारा दिए गए भाषण में विद्यालय की मेजबानी, प्रतिभागियों की सहभागिता एवं अनुशासन की सराहना की गई। इस आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय प्रशासन, सभी शिक्षक – शिक्षिकाओं सहित कराटे शिक्षक के रूप में 30 वर्षों से कार्यरत प्रकाश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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