विश्व आदिवासी दिवस हजारीबाग में हर्षोल्लास मनाया गया

आदिवासी काफी शांत और सरल स्वभाव के होते हैं: उप विकास आयुक्त

आदिवासियों के भाषा संस्कृति संरक्षण के लिए सरना धर्म कोड देना अत्यंत जरूरी: मनोज टुडू _

हजारीबाग। विश्व आदिवासी दिवस आदिवासी छात्र संघ, आदिवासी केंद्रीय सरना समिति, ऑल संथाल स्टूडेंट्स यूनियन ,एवं कैथोलिक महासभा के संयुक्त तत्वाधान में धूमधाम से नगर भवन हजारीबाग में बुधवार को संपन्न की गई जिसका नेतृत्व आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुशील ओड़िया ने की। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित, विशिष्ट अतिथि प्रशिक्षु आईएएस सुलोचना मीणा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभा खलखो, जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार, अपर समाहर्ता राकेश रोशन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव, प्रोफेसर डॉ जयप्रकाश रविदास संत कोलंबस कॉलेज, बिशप आनंद जोजो कैथोलिक चर्च, किस्टो बेसरा बीडीओ केरेडारी,बंधन एक्का पूर्व केंद्रीय समिति अध्यक्ष संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर विश्व आदिवासी दिवस की शुभारंभ की। विश्व आदिवासी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हजारीबाग उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित ने विश्व आदिवासी दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिवासी प्रकृति की पूजा करते हैं वे काफी शांत और सरल स्वभाव से होते हैं।

आदिवासियों की सभ्यता एवं संस्कृति काफी लोकप्रिय है अपने स्वभाव और अपने किरदार की बुनियाद पर वह लोगों का दिल जीतने में अपनी पहचान छोड़ जाते हैं। प्रशिक्षु आईएएस सुलोचना मीणा ने इस अवसर पर सभी को आदिवासी दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार की समारोह में शामिल होने का आज गौरव प्राप्त हुआ। कहा कि आदिवासियों की अपनी सभ्यता एवं संस्कृति है, आदिवासी प्रकृति प्रेमी और काफी शांत व सरल स्वभाव के होते हैं।

मुझे आदिवासियों की सभ्यता और संस्कृति से बेहद लगाव है।केंद्रीय सरना समिति अध्यक्ष महेंद्र बैक ने विश्व आदिवासी दिवस समारोह में उपस्थित सभी आदिवासी समाज के लोगों से कहा कि हम आदिवासी समाज के लोग अपने हक़ अधिकार की लड़ाई में काफी पिछड़े हुए हैं इसकी मुख्य कारण यह है कि हम आदिवासी समाज में शिक्षित वर्ग के लोगों की संख्या कम है शिक्षा के क्षेत्र में सभी को जागरूक करने की अपील करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को उच्च शिक्षा हासिल कर सरकारी विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। क्योंकि सरकारी व्यवस्था में जितनी हमारी भागीदारी होगी, हमारे हक और अधिकार की लड़ाई में कामयाबी हासिल किया जा सकता है।

प्रीतम उरांव ने इस अवसर पर सभी को विश्व आदिवासी दिवस की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजक होते हैं वह काफी सरल और शांत स्वभाव के होते हैं मगर जब आदिवासियों के ऊपर किसी भी प्रकार का जुल्म और अत्याचार होगा आदिवासी समाज चुपचाप होकर सहने वाले नहीं ऐसी परिस्थिति में आदिवासियों को आक्रामक होकर अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए एकजुटता के साथ आगे आना होगा।यंगब्लड आदिवासी समाज सह ऑल संथाल स्टूडेंट्स यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज टुडू ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस का मुख्य उद्देश्य वर्तमान समय में आदिवासियों की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति का अवलोकन करना है।

आदिवासियों की सामाजिक स्थिति: के बारे में मनोज टुडू ने बताया कि वर्तमान समय में भी सामाजिक स्थिति अत्यधिक पिछड़े हुए अवस्था में है इसमें लोगों को समुचित शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य के रूप में अत्यंत संतोषजनक स्थिति में नहीं है।शिक्षा का स्तर तकनीकी शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधार के लिए सरकार के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की सहभागिता एवं योगदान की अत्यंत आवश्यकता है ताकि सामूहिक रूप के साथ एवं सहयोग के साथ में आदिवासियों की स्थिति में सुधार लाया जा सके ।आर्थिक स्थिति भी संतोष जनक स्थिति में नहीं है क्योंकि अभी भी आदिवासी की बहुसंख्यक आबादी आदिवासी मजदूरी में ही संलग्न है।राजनीतिक में भी दूर दृष्टि राजनीति नहीं है उसे समुचित विकास कर सके आदिवासी समाज।

हजारीबाग में भी आदिवासी विधायक होना चाहिए जो आदिवासियों से संबंधित आवाज को सदन तक उठा सके। मनोज टूटू ने आगे कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस के रूप में सभी संगठनों के संयुक्त रूप से सरहुल मैदान हजारीबाग में वृक्षारोपण कार्यक्रम को संपन्न किया गया। उरांव,मुंडा ,संथाली ,कला संस्कृति को टाउन हॉल में प्रदर्शित किया गया।केंद्र और राज्य सरकार से निवेदन है कि आदिवासियों के अस्तित्व की रक्षा सरना कोड से मिलेगी इनकी भाषा लिपि तभी बचेगी जब इनका वास्तव में धर्म कोड प्राप्त होगा केंद्र सरकार सरना धर्म कोड अविलंब कोड देने पर अमल करें।

विश्व आदिवासी दिवस समारोह को संबोधित करने वालों में मुख्य रुप से अपर समाहर्ता राकेश रोशन, जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी इंदु प्रभा खलखो आदि शामिल थे। विश्व आदिवासी दिवस समारोह में आदिवासी छात्र छात्राओं द्वारा गीत संगीत और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें संथाली और नागपुरी नृत्य प्रस्तुति पर सभी ने खूब वाह वाही बटोरी। आदिवासी बालिका छात्रावास और संत रॉबर्ट बालिका विद्यालय की छात्राओं द्वारा शानदार नृत्य प्रस्तुत किया गया।

टाउन हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम में बालक छात्रावास, बालिका छात्रावास ,संत अना ,दीपू गड़ा, मरियम टोली, लाखे, सिंघानी, पतरातू ,कोरा, कटकमसांडी, दारू ,झुमरा चुरचू, चरही,इत्यादि जगहों से अपने सुंदर मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में आदिवासी छात्र संघ से सुशील ओड़िआ, महेंद्र टोप्पो प्रकाश, कार्तिक उरांव, राजेश बेदिया,आदिवासी केंद्रीय सरना समिति से महेंद्र बैक, महेंद्र टोप्पो, सुनील लकड़ा ,महेंद्र कुजूर जितवाहन भगत ,जग्गन कच्छप, फुलवा कच्छप, झरिया देवी ,प्रकाश, पप्पू उरांव, आल संथाल स्टूडेंट यूनियन से मनोज टुडू महासचिव नरेश सोरेन,अनिल टुडू,चंदन किस्कू, राजकुमार किस्कू, छोटे किस्कू, सुनील लकड़ा, फुलवा कच्छप, जितवाहन भगत, बालकृष्ण टुडू, रमेश हेंब्रम, बबलू मुर्मू राजकिशोर मुर्मू , बबलू मुर्मू कालेश्वर मुर्मू, नवीन टुडू, सागर सोरेन, राहुल सोरेन, पेरू टुडु, रवि हेम्ब्रम, मनीष हेम्ब्रम सहित आदिवासी समाज के सैकड़ों गणमान्य लोग सम्मिलित रहे।

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