कब तक तेजस्वी तेज प्रताप को रोकते रहेंगे

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में इन दिनों हाई वोल्टेज ड्रामा जारी है. आरजेडी प्रमुख अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और महुआ से विधायक तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ़्रेस के लिए पत्रकारों को बुलाया था लेकिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेस नहीं की.

एक बात जो साफ़ तौर पर ज़ाहिर है वो ये कि पार्टी के भीतर ‘सबकुछ ठीक नहीं’ है. प्रेस कॉन्फ़्रेस बुलाने से लगभग दो घंटे पहले तेज प्रताप ने सबको चौंकाते हुए एक ट्वीट के ज़रिए एलान किया कि वो आरजेडी छात्रसंघ संरक्षक के पद से इस्तीफ़ा दे रहें हैं.

वो पिछले कई सालों से पार्टी के छात्र संघ का नेतृत्व कर रहे थे और पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनावों में छात्रों के टिकट पर अंतिम मुहर लगाने का काम उन्हीं के हाथों में था.

उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया, ”छात्र राष्ट्रीय जनता दल के संरक्षक के पद से मैं इस्तीफ़ा दे रहा हूं…नादान हैं वो लोग जो मुझे नादान समझते हैं, कौन कितना पानी में है सबकी ख़बर है मुझे.” उनके इस ट्वीट से ऐसा लग रहा था कि वो पार्टी के नेतृत्व से ख़ासे नाराज़ हैं.

तेज प्रताप की इस नारज़गी के पीछे की वजह उनके क़रीबियों को लोकसभा चुनाव का टिकट ना मिलना है. वो पार्टी के नेतृत्व से अपने कुछ ख़ास लोगों के लिए टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन आरजेडी ने उन सीटों पर दूसरे उम्मीदवारों को टिकट दिया है.

पार्टी के नेताओं के मुताबिक़ पिछले साल अपनी पत्नी से तलाक़ की अर्ज़ी देने वाले तेज प्रताप अपने छोटे भाई तेजस्वी सहित पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे कि शिवहर सीट से अंगेश कुमार और जहानाबाद सीट से चंद्रप्रकाश यादव को टिकट दिया जाए.

लेकिन पार्टी ने दोनों ही सीटों पर अन्य उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं जिनका औपचारिक एलान होना बाक़ी है.पार्टी में अपनी बात ना माने जाने से तेज प्रताप अपने छोटे भाई और लालू यादव की अनुपस्थिति में पार्टी के सर्वेसर्वा तेजस्वी से नाराज़ हैं.

ख़बर है कि गुरुवार की दोपहर 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ़्रेस करके वो अपने उम्मीदवारों का नाम घोषित करने वाले थे. लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं को इसकी भनक लग गई और उन्होंने तेज प्रताप को ये कॉन्फ़्रेंस रद्द करने के लिए मनाया.

कहा जा रहा है कि उनकी मां राबड़ी देवी ने उन्हें ऐसा करने से रोकने में सबसे अहम भूमिका निभाई है. तेज प्रताप ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस बुलाकर उसमें शामिल ना होने की वजह तो नहीं बतायी लेकिन उन्होंने एक न्यूज़ चैनल से कहा कि वह तेजस्वी यादव और आरजेडी प्रमुख से गुज़ारिश करते हैं कि वो उन दो नामों पर विचार करें क्योंकि वो दोनों ही युवा चेहरे हैं.

उन्होंने कहा, ”मैं तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से गुज़ारिश करता हूं कि वो युवा उम्मीदवारों को टिकट दें. युवा ही पार्टी को आगे ले जाएंगे. हाँ, मैं चाहता हूं कि मेरे दो लोगों को टिकट दिया जाए और इसमें कुछ ग़लत नहीं है. मैं तेज प्रताप, मीसा या तेजस्वी के लिए टिकट की बात नहीं कर रहा हूं. हमारी पार्टी में नौजवानों को बेहतर मौक़े मिलने चाहिए. ”

फ़िलहाल आरजेडी का अंदरूनी विवाद सुर्खियों में छाया हुआ है. इससे पहले भी तेज प्रताप अपने अप्रत्याशित रवैये से पार्टी के लिए ऐसी स्थितियां पैदा कर चुके हैं.

हाल ही में तेजप्रताप ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के खिलाफ पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर अपने क़रीबियों की नियुक्ति नहीं करने का आरोप लगाया था.

इससे पहले, तेजप्रताप ने खुले तौर पर कहा कि उनकी बड़ी बहन और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ना चाहिए न कि मनेर विधायक भाई बीरेंद्र को.

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा है। बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बाद अब उम्मीदवारी को लेकर विवाद जारी है। इस बीच राजद के भीतर ही उम्मीदवारी को लेकर कलह सामने आई है। राजद नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने आरजेडी स्टूडेंट विंग के प्रमुख का पद छोड़ दिया है। यहीं नहीं तेज प्रताप यादव ने बिहार की शिवहर और जहानाबाद से कैंडिडेट्स के नामों का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वो लालू प्रसाद यादव से इस मुद्दे पर बात करेंगे। तेज प्रताप यादव के इस तेवर के बाद जिस तरह से आरजेडी में कलह की स्थिति नजर आ रही, क्या इसका फायदा बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव में होगा?

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