गया से अमरेंद्र कुमार
अयोध्या में वर्षों से अटका श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य अब जोरों पर है. हालांकि, निर्माण कार्य आधे से ज्यादा हो चुका है. इसलिए 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस दिन को पर्व की तरह मनाने की तैयारी भी जोर-शोर से की जा रही है. इस दिन के साक्षी बनने के लिए देश-दुनिया से हजारों लोग अयोध्या नगरी पहुंचने लगे हैं. वहीं, लोगों का बुलावा भी शुरू हो गया है.
इसके लिए गांव-गांव, घर-घर खास अंदाज में न्योता भेजा जा रहा है. रामभक्त घर-घर जाकर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अक्षत यानी चावल देकर न्योता दे रहे हैं. लेकिन यहां ज्यादातर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि आखिर राम मंदिर से आए चावलों का क्या करें।।.
भारतीय परंपरा के अनुसार प्राचीन काल में लोग एक-दूसरे को किसी उत्सव या कार्यक्रम का न्योता देने के लिए अक्षत का उपयोग करते थे.
अक्षत यानि चावल देकर लोगों को निमंत्रण भेजा जाता था. इसके लिए हल्दी में रंगे हुए पीले चावलों का उपयोग किया जाता था. हिंदू धर्म में अक्षत का विशेष स्थान है और कोई भी पूजा-पाठ, अनुष्ठान या धार्मिक कार्य अक्षत के बिना पूरा नहीं होता।।..
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि, चावल शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए शुक्र ग्रह से धन वैभव लक्ष्मी समस्त भौतिक सुख सुविधाएं प्राप्त होती है. इसका लाभ लेने के लिए चावल को लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखना चाहिए. ऐसा करने से मंगल और चंद्र दोनों सक्रिए होकर लक्ष्मी योग का निर्माण करेंगे. इससे घर में खुशियां आएंगी।।..
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, राम मंदिर से मिले चावलों का बहुत महत्व होता है. इसलिए रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन इन चावलों से खीर बनाई जा सकती है. इसके बाद इस खीर को परिवार के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और दूसरों में भी बांटें. ऐसा करने से घर में समृद्धि बनी रहेगी।।..
श्रीराम मंदिर से आए चावलों का क्या करें? इस सवाल पर डॉ. गौरव दीक्षित बताते हैं रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्योता में मिले चावलों का विशेष महत्व है. ये शुभता के भी निशानी माने जाते हैं. इसलिए जब भी आप शुभ कार्य के लिए घर से निकल रहे हैं तो इन चावलों को तिलक के रूप में मस्तक पर लगा सकते हैं. ऐसा करने से कोई भी कार्य आसानी से बन जाता है।।..
यदि आपको रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण में अक्षत मिले हैं और सोचते हैं कि इसका क्या करें? तो बता दें कि, जिन लोगों की हाल में शादियां होंगी तो उनकी दुल्हन अपनी पहली रसोई में इन चावलों का प्रयोग कर सकती हैं. ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है और घर में मेल-मिलाप बना रहता है।।..
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, धार्मिक दृष्टिकोण से अक्षत का विशेष महत्व होता है. इसलिए इन चावलों को पूजा-पाठ में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा जिन लड़कियों की हाल में शादी होनी है उनके पिता उन्हें सौभाग्य के रूप में राम मंदिर से आए चावलों से कन्या दान कर सकते हैं. ऐसा करने से जिस घर में बेटी जाएगी, वहां बरकत होने लगेगी।।..