तीन वर्षीय डिप्लोमा के लिए आईसेक्ट विश्वविद्यालय को एआईसीटीई से मिली मान्यता


सत्र 2023-24 के लिए माइनिंग, सिविल, इलेक्ट्रिकल, मेक्निकल व कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में होगा नामांकन


मैट्रिक उत्तीर्ण विद्यार्थी इन डिप्लोमा कोर्सों में ले सकते हैं नामांकन


हजारीबाग। वर्ष 2021 में एआईसीटीई से एमबीए व एमसीए की मान्यता मिलने के बाद एआईसीटीई, नई दिल्ली की ओर से तीन वर्षीय डिप्लोमा की मान्यता भी अब आईसेक्ट विश्वविद्यालय को प्रदान की गई है। इसके तहत माइनिंग इंजीनियरिंग, मेक्निकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग एवं सिविल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा की पढ़ाई आईसेक्ट विश्वविद्यालय में कराई जाएगी।

इन कोर्सों में नामांकन के लिए मैट्रिक उत्तीर्ण इच्छुक विद्यार्थी अपना नामांकन करा सकते हैं। उक्त जानकारी आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने दी। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी हित में ऐसे कोर्सों की आवश्यकता थी।

ऐसे छात्र-छात्राएं जो माइनिंग, सिविल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल व मेक्निकल इंजीनियरिंग में अपने उज्जवल भविष्य की कल्पना कर रहे हैं, उन्हें अब बाहर जाकर पढ़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि आईसेक्ट विश्वविद्यालय से ही इन कोर्सों को पूरा कर वह अपने करियर को नई और ऊंची उड़ान दे सकते हैं।

डॉ गोविंद ने बताया कि तीन वर्षीय डिप्लोमा की मान्यता एआईसीटीई, नई दिल्ली से मिलने के बाद सत्र 2023-24 से ही माइनिंग इंजीनियरिंग, मेक्निकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग व कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

डॉ गोविंद ने कहा कि वैसे तो आईसेक्ट विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी कर कई विद्यार्थी क्रिप्टोटेक सोल्यूशन, विवो, बाईजूस, एक्स्ट्रामार्क्स एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड सहित कई अन्य कंपनियों के साथ साथ अन्य निजी कंपनियों व सरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं और अब इन डिप्लोमा कोर्सों के शुरू होने से विश्वविद्यालय में रोज़गार पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा होने की पूरी उम्मीद है।

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