*वाह रे सरकारी स्कूल : शिक्षिका की लापरवाही से तिलौना विद्यालय का बच्चे का भविष्य खराब, दम तोड़ रहे हैं सरकार के सभी दावे*

*बीइइओ ने कहा मामला संज्ञान में आया है जांच की जाएगी* आदिवासी एक्सप्रेस /अनिल कुमारमोहनपुर: झारखंड सरकार चाहे बच्चों के ऊपर शिक्षा के प्रति लाख दावे कर ले कि राज्य के सरकारी विद्यालय में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जा रही है। लेकिन उन दावों को दम तोड़ते नजर आ रहे है। ऐसा ही मामला प्रखंड के अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय तिलौना विद्यालय की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है बताया जाता है कि विद्यालय के शिक्षिका एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण नामांकित बच्चों में से अधिकांश बच्चे प्रतिदिन विद्यालय नहीं जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय की शिक्षका नियमित समय पर विद्यालय नहीं आती हैं। अगर पहुंच भी गए तो घंटों समय फोन पर बात करते नजर आते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को ही कक्षा लेते अमूमन देखा जा सकता है। जिससे बच्चे खुद अपनी नजरों में अपना भविष्य अंधकारमय होते देख रहे हैं। हैरत की बात तय हुई जब शिक्षिका के द्वारा पढ़ाए गए पांचवी कक्षा के बच्चों से जब पूछा गया कि आप किस जिले में रहते हैं झारखंड का मुख्यमंत्री कौन है शिक्षा मंत्री झारखंड में कुल कितने जिले हैं तो ज्यादातर बच्चों ने चुप्पी साध ली। अब आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि पढ़ाई में कितनी गुणवत्ता है। सरकार शिक्षा पर बड़ी राशि खर्च कर रही है इसके बावजूद भी इन विद्यालय में निम्न स्तर को शिक्षा देखकर हालात है कि बड़ी लापरवाही हो रही है। सुदूर क्षेत्र होने के नाते बेचारा अभिभावक दिहाड़ी मजदूरी करके अपने बच्चे को पढ़ा लिखा रहा था और टूटे-फूटे खपरोल मकान में रहकर बच्चे पढ़ लिखकर देश का भविष्य बन सके। सरकारी विद्यालय में नामांकन कराया था। पर इस विद्यालय की शिक्षिका की लापरवाही की वजह से अब इस बात को लेकर बच्चों के साथ अभिभावक के लिए चिंता का विषय बन गया किसरकार की सोच थी कि एक तरफ बच्चों को शिक्षित करने के लिए जहां सरकार की ओर से सर्व शिक्षा अभियान सहित कई योजनाएं चलाई जा रही है ताकि सभी अपना मौलिक अधिकार शिक्षा अपने क्षेत्र में ग्रहण कर सके। निजी विद्यालय तथा कान्वेंट स्कूल की तर्ज पर गुणवत्ता शिक्षा दिलाने के लिए जो हजरत कर रही है ताकि बच्चे अच्छी तालीम पाकर अपना जीवन सवार सके लेकिन वर्तमान परिपेक्ष में इस सरकारी विद्यालय की हालात वाकई बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। *आखिर इन शिक्षिका के ऊपर किनका है आशीर्वाद जो करते इतनी मनमानी* ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षिका के मामले में शिकायत शिक्षा विभाग अधिकारी से कई बार किए पर आज तक किसी ने ठोस कदम नहीं उठाया और न ही पदाधिकारी विद्यालय में कभी जांच के लिए पहुंचे। तभी तो यह शिक्षिका सर चढ़कर बोल रहा है जहां जाना है जाओ हमारी पहुंच बहुत दूर तक है *तिलौना विद्यालय की स्थिति दयनीय है जांच से खुलेंगे कई राज* ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा दी गई राशि दुरुपयोग किया गया है ना ही विद्यालय में कभी बच्चों के लिए खेल सामग्री उपलब्ध कराया गया कई वर्षों से विद्यालय में रंग रोनक नहीं करवाया गया है। बच्चों के बीच कक्षा एक से पांचवीं तक के बीच पुस्तक वितरण नहीं किया गया है बच्चों को माध्यम भोजन सही तरीके से गुणवत्ता पूर्वक नहीं दी जाती है एक चापाकल है जो अधिकतर खराब पड़ा रहता है। किचन रूम में रसोईया कभी ड्रेस में नहीं आती है। *क्या कहते हैं बीइइओ* मामला संज्ञान में आया है टीम गठित कर मामले की जांच की जाएगी।

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