दिल्ली व्यूरो
नई दिल्ली, 7 फरवरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। जिसके बाद कांग्रेस की ओर से भी इस पर प्रतिक्रिया दी गई है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कोविड के समय उनकी पार्टी के कामकाज पर पीएम मोदी की टिप्पणी को बेशर्मी कहा है।
रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा- लॉकडाउन लगा मज़दूरों व उनके परिवारों को बेहाली के भँवर में धकेलने वाले, ‘माफी मांगने’ की बजाय मदद के लिए जुटे ‘हाथ’ पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।सरकार के निकम्मेपन के कारण लाखों लोगों ने अपनों को खो दिया, मग़र आज बेशर्मी से संसद में उनकी पीड़ा पर हँसी-ठिठोली की गई। याद रखा जाएगा। बता दें कि लोकसभा में पीएम मोदी ने अपने भाषण में लॉकडाउन में कांग्रेस के मजदूरों की मदद की कोशिशों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कोविड के इस समय में कांग्रेस पार्टी ने सारी हदें पार कर दी। पहली लहर में जब लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे थे, सुझाव दे रहे थे कि लोग जहां हैं वहीं रहें, तब कांग्रेस मुंबई स्टेशन पर खड़ी थी और निर्दोष लोगों को घर जाने को उकसा रही थी।
सुरजेवाला ने एक और ट्वीट में कहा, आज सदन में खूब ‘प्रोपोगंडा’- भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। हकीकत- भारत में मुट्ठी भर अमीरों की ग़ुलाम सरकार है, अमीरी और गरीबी में विभाजित अर्थव्यवस्था है। 142 अमीरों की सम्पति 23,14,000 करोड़ से बढ़कर 53,16,000 करोड़ हो गई और 84 फीसदी घरों की आय टूट गई।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, राजा ने 2016 में ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दे मैन्युफैक्चरिंग को साल 2022 तक GDP का 25% करने का वादा किया।आज फिर दोहराया। हक़ीक़त – मैन्युफ़ैक्चरिंग साल 2015-16 में GDP का 17% से घट कर साल 2020-21 में 14% हुई। हाँ चीन से 1 साल में आयात 46% बढ़ $66 बिलियन से 97 बिलियन डॉलर हुआ
कांग्रेस नेता ने अन्य ट्वीट में लिखा- राजा ने 20 जून, 2020 को कहा, ना कोई देश में घुसा, न कोई आया। आज फिर संसद ने खुद की मजबूती की दुहाई दी। हक़ीकत- चीन से लद्दाख में कब्जे को लेकर 14 बार वार्ता। चीन ने Y जंक्शन तक डेपसांग प्लेन में कब्जा किया। चीन ने गोगरा-होट स्प्रिंग में कब्जा किया।
उन्होंने आगे लिखा, संसद में बात होनी थी- 12 CR गए रोज़गारों की, 23 करोड़ मजबूर ग़रीबों की, 700 किसानों की शहादत की, 27रुपए/दिन किसान की आय रह जाने की, 84% घरों की घटी आमदनी की, 30 साल में सबसे ज्यादा महंगाई की, 40-60 लाख कोरोना से मरने वालों की। मगर अहंकार को अभी चुनाव हारने का इंतजार है। आज सदन से साफ संदेश आया है-हम एक भी चुनाव हार जाएं तो ही पूरा ‘ईको सिस्टम’ काम करता। मतलब साफ है। भयंकर बेरोजगारी, बेतहाशा महंगाई, घटती आमदनी और बेतहाशा गरीबी से राहत चाहिए तो इन्हें चुनाव में हराना होगा तो ही ईको सिस्टम काम करेगा।