*रांची में बसी सहरसा की बहू,अमेरिका में बंधक*

Saharsa's daughter-in-law settled in Ranchi held hostage in America *
बड़े आन बान और शान से कोई पिता अपनी पुत्री का विवाह कराता है
अपनी पुत्री प्रभा को पढ़ा लिखा कर जो स्वयं भारत में टाटा जैसी कंपनी में कंप्यूटर अभियंता पर स्वयं कार्यरत थी, ऐसी नौकरी को छोड़कर सात समंदर पार इस परिणय सूत्र में बंधकर कोई लड़की स्वयं को कृतार्थ समझती है।
किसे पता था कि विधि का विधान क्या होगा।
रांची के विश्व प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाला शख्स इस क़दर कष्ट देने वाला होगा, ऐसा कभी सोचा न होगा, उस वृद्ध बीमार पिता ने!
रांची में बड़े अरमानों से घर लिया ताकि अपने बच्चों को एक अच्छा माहौल दे सके। आज भी सहरसा में प्रवीण का परिवार रहता है। उसके पिता स्वर्गीय रामानंद झा, सहरसा कॉलेज में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर रह चुके थे।
father on bed
old father on death bed
अपनी अंतिम सांसों को गिनता हुआ वो पिता अस्पताल में अपनी प्यारी पुत्री के इंतजार में, पलक बिछाए पड़ा है। क्या यही नियति को मंजूर है। क्या एक वृद्ध असहाय पिता अपनी पुत्री को देखे बिना ही दम तोड देगा।
सहरसा का यह पुत्र, अमेरिका में अपनी पत्नी को उसके दो पुत्रों के साथ बंधक बना कर रखा है, और कहता है पांच वर्ष तक वो उसकी अनुमति के बिना हिल नहीं सकती। पिछले दो वर्षों से वह पुत्री कैसा जीवन जी रही होगी, यह सोचकर भी सहम उठता है उस लड़की का परिवार।
एक असहाय पिता की आवाज आज कोई बनने को तैयार नहीं।

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