सदर विधायक ने किया प्रेस- कांफ्रेंस, राज्य की गिरती कानून व्यवस्था पर जताई चिंता, मानसून सत्र में उठाएं सवालों को गिनाया

हजारीबाग। सदर विधायक मनीष जायसवाल ने झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र- 2023 से लौटकर मंगलवार को अपने विशेश्वर दयाल जायसवाल पथ स्थित विधायक सेवा कार्यालय सभागार में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और सदन पटल पर उठाए गए सवालों से अवगत कराया। उन्होंने बताया की बीते 28 जुलाई से लेकर 4 अगस्त तक यह मानसून सत्र चला। जो कुल 6 दिनों का रहा, जिसमें प्रश्नावली दिवस कुल 5 दिन का था। उन्होंने कहा की हर विधानसभा सत्र के तर्ज पर इस मानसून सत्र में भी मैंने जनहित और राज्यहित के मुद्दों को लेकर कुल 9 प्रश्न सदन में डालें।

जिसमें दो समरूप हो गया तथा एक का जवाब का इंतजार है। 01 सवाल गैर सरकारी संकल्प में और 03 निवेदन प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने किया। सदन के दौरान विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को मुखरता से प्रेस-ब्रीफिंग के माध्यम से जनता की आवाज़ बनें तो वहीं सदन पटल पर विभिन्न प्रश्नों को लेकर गूंजते नजर आए। मानसून सत्र के दौरान खाली समय का सदुपयोग करते हुए जनहित के मामले को लेकर महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कई मंत्री और अधिकारियों से मिलकर विभिन्न मुद्दों पर संज्ञान भी दिलाया ।

*निराशापूर्ण रहा मानसून सत्र, जनता के मुद्दे हुए गौण- मनीष जायसवाल*प्रेस- कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल ने बताया कि झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र पूरी तरह निराशापूर्ण रहा और जनता के महत्वपूर्ण विषय इसमें गौण हो गए। उन्होंने बताया कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है, भ्रष्टाचार चरम पर है, कोयला, बालू, पत्थर और लकड़ी की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है, ड्रग्स का कारोबार तेज़ी फल-फूल रहा है, हत्या, बलात्कार, चोरी- लूट सरेआम हो रही है, नियोजन नीति व स्थानीय नीति को लेकर युवाओं की जनभावना से खिलवाड़ हो रहा है, राज्य में सुखाड़ की स्थिति बन रही है और किसान परेशान हैं, स्वास्थ्य व्यवस्था कोमें में हैं और राज्य के ऐसे ज्वलंत एवं महत्वपूर्ण विषयों को लेकर हमलोग सदन पटल पर चर्चा चाहते थे लेकिन सत्ता पक्ष ने निजी एजेंडे के साथ औपचारिकताओं में इस महत्त्वपूर्ण सत्र को बीता दिया और जनता के प्रश्न को पूरी तरह गौण कर दिया ।

*मानसुन सत्र चल रही थी और सूबे के कई क्षेत्र में आपराधिक घटनाएं लगातर घट रही थी*विधायक मनीष जायसवाल ने बताया कि चलती मानसून सत्र के दौरान राजधानी रांची सहित सूबे के कई जिलों में घटित हो रही घटनाओं ने सबको विचलित कर दिया लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हुआ। राजधानी रांची में सुभाष मुंडा जैसे सामाजिक और प्रतिष्ठित व्यक्ति को उनके दफ्तर में घुसकर गोली मार दी गई, रांची के ही एक विद्यालय में 5 साल की उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार की घटना घटी, बगोदर के सरिया की घटना, हजारीबाग में दिनदहाड़े सरेआम शहर के बीच में अपराधी ठाय- ठाय करके दहशत फैलाकर सुरक्षित भाग गया, हजारीबाग के कई प्रतिष्ठानों में चोरी और सेंधमारी की घटनाएं, फ्लैट जैसे सुरक्षित स्थलों में चोरी होना जैसी घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है लेकिन सरकार संवेदनशील नहीं हो रही है और जनता को उनके हाल पर ही छोड़ दिया गया है।

*कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी का आदिवासी समाज के प्रति अपमानजक ब्यान घोर निंदनीय*विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि सदन के दौरान सत्ता पक्ष में शामिल राजनीतिक दल कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी के द्वारा देश में निवास करने वाले करीब 10 करोड़ आदिवासी भाई- बहनों के लिए कहा गया अपशब्द बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि देश की प्रथम महिला जो अपने काबिलियत के दम पर राष्ट्रपति के पद पर आसीन है वह भी आदिवासी ही हैं। लेकिन आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है.. एक विधायक के द्वारा यह कहा जाना संपूर्ण आदिवासी समाज के लिए अपमान करना है।

उन्होंने कहा कि सदन पटल पर जब हम सभी ने इसका पुरजोर विरोध किया तो कांग्रेस पार्टी की ओर से उनके वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। लेकिन जान- बूझकर किसी विधायक के द्वारा ऐसा हरकत करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आदिवासी समाज सम्मानित रहे हैं और यह समाज देश के सबसे शांतिप्रिय समाज में से एक रहा है । *नकल विरोधी कानून एक काला कानून है, जिसके द्वारा सरकार दोषियों को बचाने और आवाज उठाने वालों को दबाने की कोशिश करेगी*विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि झारखंड सरकार मानसून सत्र के दौरान जो नकल विरोधी कानून बिल लाने का प्रयास कर रही है जो एक काला कानून है।

जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाले एंजेसी के दोषियों को बचाने और उसके खिलाफ आवाज उठाने वालों को दबाने का प्रयास कर रही है। यह कानून लाकर सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। झारखंड में आने वाले 26 हज़ार सहायक शिक्षकों की बहाली से पहले इस कानून को लाकर भ्रष्टाचार का राह प्रशस्त करना चाहती है। इस सरकार ने पहले शिक्षकों की वेतन को आधा कर दिया और सहायक शिक्षक के नाम पर बहाली कराने जा रही है और आप इस काले कानून के माध्यम से आवाज उठाने वालों को दबाकर 26 हज़ार नौकरियों को लूटने की योजना बना रही है।

विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि सरकार ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के बिल को देखने के लिए एक कमेटी गठित किया था लेकिन उस कमेटी के द्वारा कोई कार्य ना कर पुनः मानसून सत्र में 2- 4 प्राइवेट यूनिवर्सिटी को पास कर दिया गया। उन्होंने कहा कि झारखंड की अधिकांश प्राइवेट यूनिवर्सिटी सिर्फ डिग्री बेचने का धंधा करती है यह जानते हुए भी सरकार ने पुराने प्राइवेट यूनिवर्सिटी पर किसी प्रकार का कोई नकेल कसे बिना अपने बहुमत का फायदा उठाकर बहुमत के जरिए और यूनिवर्सिटी पास करा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी का भी बिल लेकर आई है जिसमें परंपरागत ढांचे के विपरीत मुख्यमंत्री को कुलाधिपति होने का प्रस्तावित किया है। जबकि राज्य के राज्यपाल किसी भी विश्वविद्यालय के परंपरागत कुलाधिपति होते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ गैर भाजपा शासित प्रदेशों में सुनियोजित तरीके से संघीय ढांचा के विपरीत एक पैरलल व्यवस्था कायम करने की प्रथा चल रही है। इसी व्यवस्था के तहत झारखंड में भी कार्य किया जा रहा है और एक ही तरह के कार्य में जब दो तरह की व्यवस्थाएं चलेगी तो निश्चित रूप से तकरार होगा और इससे बेसिक की जरूरत का औचित्य खत्म होकर सिर्फ राजनीतिक एजेंडा तक सीमित हो जाएगा ।*मानसून सत्र में सत्ताधारी विधायक खुद को एमपी और झारखंड विधानसभा को लोकसभा समझ कर राज्य की बजाय देश की चर्चा अधिक कर रहे थे*विधायक मनीष जायसवाल ने बीते मॉनसून सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि सत्ताधारी विधायक अपने को एमपी एवं झारखंड विधानसभा को लोकसभा समझ रहे थे और उसी तर्ज पर झारखंड की स्थिति पर बात ना कर देश के विषयों पर चर्चा करने में अधिक मशगूल रहें।

वर्तमान सरकार की विफलता के चलते राज्य की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण हो गई है लेकिन राज्य के सत्ताधारी विधायकों को उससे अधिक अन्य प्रदेशों की चिंता सता रही थी ।*सदन में जनहित के इन सवालों पर सदर विधायक ने उठाया आवाज, हुई पटाक्षेपसदर विधायक मनीष जायसवाल ने गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से कटकमदाग क्षेत्र की जनता के राहत के लिए कटकमदाग थाना को उसके पेरेंट्स सदर पुलिस अनुमंडल- 2 से हटाकर बड़कागांव अनुमंडल में किए जाने से स्थानीय लोगों की हो रही समस्या से सदन को अवगत कराया जिसके फलस्वरूप हजारीबाग एसपी ने तत्काल इस आर्डर को मॉडिफाई करें कटकमदाग थाना को पुनः सदर पुलिस अनुमंडल-2 में शामिल कर दिया गया। इससे कटकमदाग वासियों को बड़ी राहत मिली।

*अंचल कार्यालय के कर्मियों की कार्यशैली के कारण पीएम कृषि सम्मान के साढ़े आठ लाख़ लाभुक लाभ से हो रहें हैं वंचितविधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार की कार्यशैली उनके द्वारा दिए गए एक जवाब से आप आकलन कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना जिसके तहत 2000 की राशि 3 किस्तों में किसानों को मिलती है। इस योजना के लाभ से झारखंड राज्य के कुल साढ़े आठ लाख और हजारीबाग के 1 लाख़ 60 किसानों को अंचल कार्यालय के कर्मियों के द्वारा जमीन का सत्यापन कर जमीन को टैग नहीं किए जाने के कारण नहीं मिल पा रहा है। प्रखंड और अंचल- कार्यालय मैं भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिस कारण जन भावनाओं का कद्र नहीं होता है और किसानों को सरकार द्वारा दी जा रही लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा की पिछले साल जो धान का क्रय किया गया उसका 1 साल बीत जाने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं किया गया जबकि सरकार द्वारा 7 महीने में भुगतान करने की बात कही गई थी। हजारीबाग में महज 62% ही भुगतान किया गया है ।मोबाइल की रोशनी में एचएमसीएच में इलाज और फ़िर डीजल के नाम पर अवसर की तलास पर सवाल, मंत्री ने लिया है संज्ञान*विधायक मनीष जायसवाल ने बताया की हजारीबाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में इलाज किए जाने और फिर उसे अवसर में बदलकर डीजल के नाम पर भ्रष्टाचार किए जाने के मामले पर स्वास्थ मंत्री से शिकायत करने के बाद उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और 15 दिनों के अंदर जांच कर कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि एचएमसीएच प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा यहां इलाज कराने आने वाले जरूरतमंद मरीजों और उनके परिजनों को झेलना पड़ता है।

सदर अस्पताल के बाद 24 घंटे सातों दिन चलने वाली जांच घर की सुविधा अब महज कुछ घंटे तक सीमित रह गई है और निजी जांच घरों को फायदा पहुंचा कर पुनः यहां दलाली का बीज बोया जा रहा है। ऐसे अन्य कई मामले पर सरकार और विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया है ।इसके अलावे विधायक मनीष जायसवाल ने सदन पटल पर उठाए गए राज्य व केंद्र सेवा संवर्ग के अधिकारियों एवं पदाधिकारी सहित कई अन्य सेवा संवर्ग के कर्मियों को पदोन्नति के बाद भी सरकार के द्वारा धारित पदों में पदस्थापित नहीं किया जाना, हजारीबाग जिले के कटकमसांडी एवं कटकमदाग प्रखंड स्थित छड़वा डैम एवं गोंदा डैम की सीमांकन करते हुए उक्त डैमो की साफ- सफाई एवं गहरीकरण कराया जाना, शारीरिक शिक्षकों का बहाली करना, राज्य के खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप राशि का भुगतान किया जाना, हजारीबाग हवाई अड्डे निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण कार्य के संबंध में संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया जाना सहित अन्य मामले पर विस्तार से जानकारी दी साथ ही प्रेस/ मीडिया से जुड़े पत्रकारों के सवालों का भी विस्तारपूर्वक जवाब दिया ।

*मौके पर विशेषरुप से ये गणमान्य लोग रहें मौजूद*पत्रकार वार्ता में विधायक मनीष जायसवाल के साथ विशेष रूप से उनके कटकमदाग विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार साहू, सदर विधायक प्रतिनिधि विजय कुमार, कटकमसांडी विधायक प्रतिनिधि किशोरी राणा, दारू विधायक प्रतिनिधि बालदेव बाबू, नगर विधायक प्रतिनिधि आशीष सोनी, कृषि और खाद्य आपूर्ति विभाग के विधायक प्रतिनिधि इंद्रनारायण कुशवाहा, मत्स्य पशुपालन एवं कल्याण विभाग के विधायक प्रतिनिधि शिवपाल यादव, खेलकूद विभाग के विधायक प्रतिनिधि बंटी तिवारी, जयप्रकाश उर्फ़ जेपी, भाजयुमो नेता राजकरण पांडेय, आशीष गुप्ता, विक्रमादित्य, मणिकांत सिंह, बद्री मेहता, सदर विधायक मीडिया प्रतिनिधि रंजन चौधरी, विशेषांक वर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें ।

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