संकट में है साध्वी प्रज्ञा

Sadhvi Pragya is in crisis

New Agency : साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी की सदस्यता लिये चौबीस घण्टे भी नहीं बीते कि माले गांव के धमाके के पीड़ितों में से एक ने उनकी उम्मीदवारी को चुनौती दे दी है. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने seventeen अप्रैल को भोपाल में पार्टी की सदस्यता ली थी, इसी के साथ ही बीजेपी ने उन्हें दिग्विजय सिंह के खिलाफ अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था.

साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ कांग्रेसी एक्टिविस्ट तहसीन पूनावाला ने चुनाव आयोग में शिकायत की है. तहसीन ने साध्वी प्रज्ञा की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की गुहार की है. तहसीन ने अपनी शिकायत में कहा है कि साध्वी प्रज्ञा प्रीवेंशन एक्ट सहित अन्य अपराधों में आरोपी है. उधर भोपाल में साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि वो twenty three अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करेंगी. भोपाल लोक सभा सीट पर twelve मई को वोट डाले जायेंगे.

साध्वी प्रज्ञा के मैदान में उतरने भर से भोपाल लोकसभा सीट न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर की मीडिया में चर्चा का विषय बन गया. साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है. 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया गया. वह nine सालों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्हें लगातार twenty three दिनों तक यातना दी गई थी.

Related posts

Leave a Comment