बेरोजगारी और किसान संकट के बजाय पीएम बजा रहे परमाणु बम का ढोल

Nuclear bomb drums playing PM instead of unemployment and peasant crisis

News Agency : नरेंद्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले देश की जनता से कई वादे किए। काला धन, रोजगार, भ्रष्टाचार, खाते में fifteen लाख जैसे तामाम वादे और दावे किए गए। अब five साल बाद उनके पास इन मुद्दों पर चर्चा करने लायक कुछ है नहीं और न ही वो उन वादों को याद करना चाहते हैं। काला धन और रोजगार के मामले में तो मोदी सरकार एक दम बेकार साबित हुई।

बीजेपी और पीएम मोदी यह जानते हैं कि उनकी सरकार ने वोट मांगने लायक कोई काम नहीं किया है। इसलिए अपने चुनावी भाषणों में पीएम मोदी और बीजेपी के तमाम नेता पाकिस्तान, आतंकावाद और राष्ट्रवाद का जिक्र कर रहे हैं। जनता को पाकिस्तान और आतंकवाद के नाम पर डरा कर राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया जा रहा है। चुनाव आयोग के मना करने के बावजूद पीएम मोदी और अमित शाह पुलवामा आतंकी हमला और बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करना नहीं भूलते। वोट के लिए पीएम मोदी ने हाल ही में अपनी चुनावी सभा में परमाणु बम का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान के बाड़मेर में चुनावी रैली में कहा है कि भारत के परमाणु बम दिवाली के लिए नहीं रखे गए हैं। नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो वोट पाने के लिए परमाणु युद्ध तक का जिक्र कर रहे हैं। कई बड़े पत्रकारों और राजनीतिक दलों ने पीएम मोदी के इस बयान को गैरजरुरी और चुनावी लाभ लेने वाला करार दिया है। पत्रकारों और राजनीतिक दलों का मानना है कि पीएम मोदी को शायद परमाणु युद्ध से होने वाले नुकसान के बारे में पता नहीं है तभी वो वोट के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं। दक्षिण एशिया के जाने माने पत्रकार कनक मनी दीक्षित ने भी पीएम मोदी के इस बयान पर नाराजगी जाहिर की है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मिस्टर मोदी परमाणु बटन के बारे में ऐसी अस्थिरता ठीक नहीं है। यह बेहद दुखद और अकल्पनीय है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मिस्टर मोदी परमाणु बटन के बारे में ऐसी अस्थिरता। दुखद, बेखबर, अकल्पनीय, अपमानजनक। हम जानते हैं कि आपको चुनाव जीतना है, लेकिन उपमहाद्वीप में परमाणु युद्ध हमारे देशों से लाखों लोगों को गायब कर देगा। आशा है कि आपके देश में ऐसे लोग हैं जो आपत्ति करेंगे।”

वहीं वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पीएम मोदी के इस बयान पर ट्वीट कर कहा, “पीएम मोदी ने पूछा: क्या हमारे परमाणु बम दिवाली के लिए हैं? नहीं सर वो दिवाली, ईद, क्रिसमस या किसी और त्योहार के लिए नहीं हैं… मैं जानता हूं की यह चुनाव का समय है और ऐसी बातों से वोट मिलता है, लेकिन इतनी आसानी से परमाणु युद्ध की बातें न करें… नए भारत को ‘विकास’ की जरूरत है, जबकि परमाणु बम विनाश लाता है…” वरिष्ठ पत्रकार एमके वेणु ने पीएम मोदी के इस बयान को नीच प्रवृत्ति वाला बयान बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मोदी संभवत: सार्वजनिक बैठकों में पाकिस्तान के साथ परमाणु युद्ध के बारे में इतनी लापरवाही से बात करने वाले पहले भारतीय पीएम हैं।

पीएम मोदी का यह कहना कि “हमारे बम दिवाली के लिए नहीं हैं” उनका यह बयान उनके खोटे मन को दर्शाता है।” पीएम मोदी के इस बायन पर कई राजनीतिक दलों ने भी सवाल उठाए और उनके इस बयान को गैरजरुरी बताया। बेरोजगारी, कृषि संकट, संवैधानिक संस्थाओं का धूमिल होती साख जैसे ज्वलंत मुद्दों को छोड़कर प्रधानमंत्री वोट के लिए परमाणु बम का ढोल बजा रहे हैं। लेकिन शायद उन्हें आभास नहीं है कि परमाणु बम से विकास नहीं विनाश होता है, और पड़ोसी के साथ असर अपने घर पर भी पड़ता है।

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