मदरसा फैजाने मदीना व रज़ाए मुस्तफा सीरामपुर में रजा जामा मस्जिद के इमाम ने तालिमे बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन किया।

गोमो। तोपचांची प्रखंड के अन्तर्गत सिरामपुर पंचायत के सिरामपुर गांव में मदरसा फैजाने मदिना रजाये मुस्तफा व रजा जामा मस्जिद के खतीबे इमाम शायरे इस्लाम “हजरत मौलाना कारी अमीर हमजा निज़ामी रांचवी साहब के द्वारा एक तालीमी बेदारी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।जिसमें उनके पास मदरसा में पढ़ने वाले 40 बच्चे और बच्चियों ने मिलकर बेहतरीन इनामी मुकाबले में शिरकत की और कामयाब हुए। पांच बच्चों को खास पुरस्कृत किया गया। बाक़ी तमाम बच्चों को जो इम्तिहान में शामिल हुए उन सबको तोहफा और इनाम से भी नवाजा गया।उन पांच बच्चियों को पुरुस्कृत किया गया जो इस तरह से है।प्रथम पुरस्कार – बुशरा फातिमा बिन्त मो इंतिखाब आलम ने हासिल करके हर एक का दिल जीत लिया साथ ही द्वितीय पुरस्कार – सादिया आफरीन बिन्त हफिजुददीन अंसारीतृतीय पुरस्कार – आसिया परवीन बिन्त अख्तर अंसारीचौथा पुरस्कार – आयशा परवीनपांचवा – तरन्नुम खातून, साथ ही सभी बच्चों को सम्मान जनक पुरुस्कार दिया गया। रजा जामा मस्जिद के इमाम आमिर हम्ज़ा ने कहा कि मेरा यह प्रोग्राम करने का मकसद यही है के लोगों में तालीमी बेदारी कायम हो और जो बच्चे और बच्चियां फिजूल अपना समय बर्बाद करते हैं वह इस्लामी तालीम और तबियत हासिल करके अपनी जिंदगी को खुशहाल बना सकें। साथ ही अपने मां-बाप का नाम रोशन कर सके और मजहब ए इस्लाम जो एक अच्छा और सच्चा मजहब है जो हमेशा अमन व शान्ति का संदेश देता है साथ ही मोहब्बत का पैगाम देता है, उसे आम करें ताकि लोग मदरसे के तालीम और दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम दोनों मे कामयाबी हासिल करे। इस प्रोग्राम में गांव के तमाम ओलमाए किराम व हाफिजे कुरान के साथ नायेब इमाम हजरत हाफिज अख्तर हुसैन के साथ नूरी मस्जिद के इमाम मोलाना अफजल नूरी, हाफिज सरफुद्दीन सर्फ हाफिज, गुलाम मुर्तजा, मौलाना जाहिद मिस्बाही और गाँव के दीगर आलिमों की शिरकत हुई साथ ही गांव के गणमान्य लोगों कि उपस्थिति रही। मौके पर रजा जामा मस्जिद के इमाम हजरत मौलाना अमीर हम्ज़ा निजामी साहब ने अपनी प्यारी आवाज़ मे नात शरीफ सुना कर सबका मन मोह लिया और खूब दुआएं बटोरी साथ ही साथ उनके पास पढ़ने वाले बच्चों और बच्चियों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया जिससे गांव में एक नई उमंग सी नजर आ रही है। लोगों में तालिमे बेदारी हो लोग अपने बच्चों को दिनीतालीम में ज्यादा से ज्यादा तवज्जो दें। ओर बच्चे बच्यो को हौसला अफजाई करें ताकि बच्चे में एक उमंग पैदा हो दीनी तालीम हासिल करने का जज्बा पैदा हो।

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