जांच में सही पाए गए लेह के पत्रकारों को रिश्वत देने के आरोप

News Agency : लोकसभा चुनाव में हार की संभावना से घबराई बीजेपी किसी भी कीमत पर चुनाव जीतना चाहती है। उसके लिए बीजेपी साम-दाम-दंड और भेद अपना रही है। ताजा मामला जम्मू-कश्मीर का है। जहां बीजेपी नेताओं द्वारा लेह के पत्रकारों को प्रेस क्लब में रिश्वत दिए जाने का मामला शुरुआती जांच में सही पाया गया है। इस संबंध में लेह प्रेस क्लब ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ शिकायत की थी। अब जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद लेह की चुनाव अधिकारी अवनी लवासा ने मामले में एफआईआर दर्ज कराने के बात कही है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अवनी लावासा ने बताया, “हमने मंगलवार को पुलिस के जरिए कोर्ट से संपर्क किया। हम लोग इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट से अभी कोई आदेश नहीं आया है।” उन्होंने आगे बताया कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आई है और ये दंडनीय अपराध के दायरे में आता है।

इस मामले को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, लेह में बीजेपी नेताओं द्वारा पत्रकारों को घूस देने की कोशिश की जा रही है। मैं प्रेस क्लब लेह द्वारा शिकायत के पत्र को फिर से रीट्वीट कर रहा हूं। बीजेपी नेताओं पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, “यह कथित रिश्वतखोरी के प्रयास का सीसीटीवी फुटेज है।”बता दें कि लेह प्रेस क्लब ने चुनाव अधिकारी और एसएचओ के पास अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थी जिसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना, एमएलसी विक्रम रंधावा समेत कई नेताओं पर मीडियाकर्मियों को घूस देने का आरोप लगा था।

खबर के मुताबिक ऐसा पांचवें चरण के मतदान से पहले बीजेपी के पक्ष में रिपोर्टिंग करने के लिए किया गया था। हालांकि रविंद्र रैना ने इन आरोपों को खारिज किया है। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि कुछ बीजेपी नेताओं को चार से पांच मीडियाकर्मियों को लिफाफे दे रहे हैं।

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