लालू बोले: न मैं गिरा न मेरे हौसलों के मीनार गिरे, मगर मुझे गिराने में कई लोग बार-बार गिरे

लोकसभा चुनाव में महज कुछ  हफ्ते बचे हैं. ऐसे मे  एक समय  साथ मिलकर मिलकर भजपा का रथ रोकने वाली बिहार की दो राजनीतीक पार्टियां एक बार फिर आमने-सामने हैं.

चारा घोटाले के कई मामलों में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा कि उनको गिराने वाले बार-बार गिरे हैं.

लालू प्रसाद ने बुधवार को अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर शायराना अंदाज में लिखा कि न मैं गिरा न मेरे हौसलों के मीनार गिरे, मगर मुझे गिराने में कई लोग बार-बार गिरे.

इसमें लालू ने आगे लिखा कि मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूरे जनता होता है.

लालू ने इस ट्वीट के साथ एक कॉर्टून तस्वीर  भी पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि उन्हें विभिन्न जांच एजेंसियों के माध्यम से परेशान किया जा रहा है.

मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है
वही होता है जो मंजूरे ‘जनता’ होता है।

जाहिर है उनका इशारा केंद्रीय और राज्य की सत्ता दल की तरफ है. जद (यू) इतना कोसे जाने के बाद पीछे कैसे रहती. इस ट्वीट के  तुरंत बाद ही  सत्ताधारी जनता दल (यूनाइटेड) ने भी पलटवार करते हुए इसे मंजूरे जनता बताया.

जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने लालू के ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता ने ही चाहा है कि जिसने खुद को गरीबों के मसीहा बताकर अकूत संपत्ति अर्जित कर ली थी,आज वह होटवार जेल के कैदी नंबर 3351 हैं.

आगे उन्होंने कहा कि श्रम करके तो कुछ कमाए नहीं हैं, अब तो शर्म कीजिए. जनता आपकी हकीकत जान चुकी है. ये सब मंजूरे जनता ही है.

फिलहाल लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की होटवार जेल में बंद हैं और उन्हें कई गंभीर बीमारियां हैं जिसके कारण कई महीनों से उनका इलाज रांची के रिम्स में चल रहा है.

हाई कोर्ट से जमानत की याचिका खारिज होने के बाद लालू ने 10 दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट में जमानत  के लिए याचिका दायर कर दी है.

2019 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से किंग मेकर लालू का बाहर आना बहुत जरूरी है ऐसे में राजद और लालू ,दोनों की निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैं. बहरहाल इस ट्वीट ने सरगर्मी बढ़ा दी है.

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