पाटलिपुत्र में मीसा भारती और रामकृपाल यादव के बीच कड़ी टक्कर

Hard fight between Misa Bharti and Ramkripal Yadav in Pataliputra

News Agency : बिहार की राजधानी पटना की पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में वैसे तो कई चुनावी मुद्दे हैं, लेकिन इस चुनाव में यहां मतदाताओं की कसौटी पर ‘सहानुभूति’ और ‘विकास मॉडल’ ही नजर आ रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की पुत्री व राज्यसभा सांसद डा़ॅ मीसा भारती दूसरी बार केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के खिलाफ लड़ रही हैं। यही कारण है कि भाजपा और राजद के लिए यह सीट प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में दानापुर, मनेर, फुलवारी, मसौढ़ी, पालीगंज और विक्रम विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। यह संसदीय क्षेत्र मुख्यरूप से ग्रामीण क्षेत्र है, लेकिन शहरी मुद्दे भी यहां हावी रहते हैं। वर्तमान समय में पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के तहत चार विधानसभा पर राजद और कांग्रेस का कब्जा है, जबकि दो पर राजग के विधायक हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में राजद को छोड़कर भाजपा का दामन थामे रामकृपाल ने मीसा भारती को हराया था। उस चुनाव में रामपाल यादव को three,83,262 वोट मिले थे जो कुल वोट का thirty-nine.16 प्रतिशत था, जबकि राजद प्रत्याशी मीसा भारती को three,42,940 (35. 04 प्रतिशत) वोटों से संतोष करना पड़ा था। तीसरे स्थान पर जद (यू) के रंजन प्रसाद यादव को 2014 के चुनाव में ninety seven,228 वोट मिले थे, जबकि भाकपा (माले) के प्रत्याशी रामेश्वर प्रसाद को fifty one,623 वोट मिले थे। इस चुनाव में पाटलिपुत्र का सियासी परिदृश्य बदला है। जद (यू) और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) जहां भाजपा के साथ है, वहीं भाकपा (माले), कांग्रेस सहित कई अन्य छोटी पार्टियां इस सीट पर राजद के समर्थन में हैं।

पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर एऩ क़े चौधरी कहते हैं कि रामकृपाल का व्यक्तित्व और कृत्य अव्वल है तो मीसा भारती के पास मात्र उनके पिता लालू प्रसाद का व्यक्तित्व है। ये दीगर बात है कि लालू प्रसाद के जेल में रहने के कारण उनके साथ जुड़ी सहानुभूति की लहर को उभारने की राजद द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है। हालांकि समाज के सामने निर्णय करना अभी बड़ी चुनौती है।

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