मेघा दूध में करोड़ों का हेराफेरी

अरुण कुमार चौधरी,
रांची : पिछले कई महीनों से यह चर्चा थी कि मेधा दूध के फेडरेशन में 2.17 करोड़ रुपये की घोर अनियमितता हुई है इसमें आरोप है कि झारखंड मिल्क फेडरेशन में बॉयलर, क्रीम सेपरेटर, स्कीड माउंट चिलर, मॉड्यूलर फर्नीचर, पूवर रॉ, मैटेरियल फॉर फील्ड प्लान, हाईटेक मिल्क एनलाइजर, होल मिल्क पाउडर इंफलेटेड रेट एवं मीडिया एजेंसी, कर्मचारी तकनीकी संवेदक की नियुक्ति में अनियमितता, डीजल क्रय एवं रिकार्डिंग, मिल्क क्रेटस खरीद एवं रिकार्डिंग, आस्मा डेयरी को आपूर्ति की गई दूध मामले में अनियमितता व भ्रष्टाचार का आरोप था और इन आरोपों को लोकायुक्त के गहरी छानबीन में भारी अनियमितता सामने पाई।

इसी क्रम में झारखंड मिल्क फेडरेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार व अनियमितता की शिकायत लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय से की गयी थी। लोकायुक्त ने इसकी जांच तीन सदस्यीय कमेटी से करायी। कमेटी ने लोकायुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जांच में कमेटी ने भ्रष्टाचार व वित्तीय अनियमितता की बात को सही पाया। जांच दल को इसके पुख्ता सबूत भी मिले है़ं जांच के क्रम में पाया गया कि नियमों को ताक पर रखकर मनमाने ढंग से नियुक्ति से लेकर अन्य कंपनियों से समझौता कर लाभ पहुंचाया गया। दोषियों पर शीघ्र ही ठोस कार्रवाई की जायेगी।

उक्त बातें लोकायुक्त के सचिव संजय कुमार ने लोकायुक्त कार्यालय स्थित अपने चेंबर में कही। बॉयलर क्रय के संबंध में जांच दल ने पाया कि फेडरेशन के पास पहल से तीन हॉस्क ब्रिंक्यूट बॉयलर में से दो अभी तक पिछले तीन वर्षों से ऐसे ही पड़ा है। एक बॉयलर कुछ दिन पहले देवघर में स्थापित किया गया है़ सामान्यत: इस बॉयलर की तकनीकी रूप से जरूरत नहीं थी, लेकिन अधिकारियों के निजी लाभ के लिए खरीदा गया। फेडरेशन द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार, दो अखबारों में बॉयलर खरीद के लिए निविदा संबंधी विज्ञापन छपा था, लेकिन जिस कंपनी ने निविदा डाली उससे सामान नहीं खरीद दूसरी कंपनी से लाभ लेकर सामान की खरीदारी की गयी। इसी तरह अन्य चीजों में भी वित्तीय अनियमितता व भ्रष्टाचार की बात को जांच दल ने उजागर किया। इस जांच में तीन सदसीय जांच टीम ने 13 बिंदुओं पर विभिन्न अनियमितता को पकड़ा है। ये सारी अनियमितता पूर्व एमडी श्री खन्ना के समय में हुआ था और उस समय महाप्रबंधक श्री शर्मा थे। अभी भी जांच की प्रक्रिया चल ही रही है और आगे चलकर कई बड़ी मछलियां पकड़ेने की संभावना है।

दोषियों पर शीघ्र ही ठोस कार्रवाई की जायेगी। उक्त बातें लोकायुक्त के सचिव संजय कुमार ने लोकायुक्त कार्यालय स्थित अपने चेंबर में कही। बॉयलर क्रय के संबंध में जांच दल ने पाया कि फेडरेशन के पास पहल से तीन हॉस्क ब्रिंक्यूट बॉयलर में से दो अभी तक पिछले तीन वर्षों से ऐसे ही पड़ा है। एक बॉयलर कुछ दिन पहले देवघर में स्थापित किया गया है़ सामान्यत: इस बॉयलर की तकनीकी रूप से जरूरत नहीं थी, लेकिन अधिकारियों के निजी लाभ के लिए खरीदा गया। फेडरेशन द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार, दो अखबारों में बॉयलर खरीद के लिए निविदा संबंधी विज्ञापन छपा था, लेकिन जिस कंपनी ने निविदा डाली उससे सामान नहीं खरीद दूसरी कंपनी से लाभ लेकर सामान की खरीदारी की गयी। इसी तरह अन्य चीजों में भी वित्तीय अनियमितता व भ्रष्टाचार की बात को जांच दल ने उजागर किया। इस जांच में तीन सदसीय जांच टीम ने 13 बिंदुओं पर विभिन्न अनियमितता को पकड़ा है। ये सारी अनियमितता पूर्व एमडी श्री खन्ना के समय में हुआ था और उस समय महाप्रबंधक श्री शर्मा थे। अभी भी जांच की प्रक्रिया चल ही रही है और आगे चलकर कई बड़ी मछलियां पकड़ेने की संभावना है।

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