राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची. राजनीति में कई बार जो बात शब्दों से बयां नहीं होते, वो तस्वीरों से बयां हो जाते हैं, क्योंकि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती. इसलिये इसका संदेश भी काफी दूर तक जाता है. वैसे तो भारतीय संस्कृति में पैर छू कर प्रणाम करना संस्कार माना जाता है, पर कई बार ऐसे संस्कार के निर्वाहन के बाद लोग चर्चा में आ जाते हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को मिलनसार, मृदुभाषी और सौम्य माना जाता है. सामने वाले व्यक्ति के सम्मान में कई बार वो प्रोटोकॉल भी तोड़ देते हैं.
गुरुवार को रांची डीसी कार्यालय में कुछ ऐसा ही देखने को मिला. मांडर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के नामांकन का मौका था. कांग्रेस उम्मीदवार शिल्पी नेहा तिर्की के नामांकन में महागठबंधन के तमाम बड़े नेता जुटे थे. नामांकन कक्ष के बाहर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कांग्रेस के तमाम नेता बैठे थे. मुख्यमंत्री की बायीं ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर बैठे थे. उनके ठीक बगल में सुबोधकांत सहाय और उनके बगल में कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह बैठी थीं. राजेश ठाकुर और हेमंत सोरेन आपस मे हंस-हंस कर कुछ बातें कर रहे थे. तभी अचानक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले दीपिका पांडेय सिंह को हाथ जोड़कर प्रणाम किया और फिर उठ कर उनके पैर छू लिए.
यह देख कर दीपिका पांडेय सिंह अचानक अपनी कुर्सी उठ खड़ी हुईं . उन्होंने मुख्यमंत्री को जा कुछ कहा भी. मंत्री आलमगीर आलम सहित कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और राजेश ठाकुर सब हंसने लगे. काफी देर तक सब के बीच हंसी – मजाक चलता रहा. इस तस्वीर को देख कर दीपिका पांडेय सिंह की ट्वीट याद आ गई जो उन्होंने दो दिन पहले किया था.
दीपिका पांडेय सिंह ने राज्यसभा चुनाव में जेएमएम का उम्मीदवार खड़ा करने के बाद कहा था विनाश काले – विपरीत बुद्धि. दो दिन बाद ही नामांकन के क्रम में इस तस्वीर के आने के बाद लोग अपने- अपने तरीके से चर्चा करने में जुट गए हैं. वैसे इस चर्चा के केंद्र बिंदु में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आदर – सम्मान और संस्कार है जो हमेशा हर किसी के पास झलकता है.