ओमिक्राॅन सतर्कता के साथ सावधानी

क्रांति कुमार पाठक यह वाकई राहत की बात है कि कोविड-19 के संक्रमण के न‌ए मामले 15 महीने के न्यूनतम स्तर पर है। लेकिन, कोरोनावायरस के न‌ए वैरिएंट ओमिक्राॅन के मामले विश्व के विभिन्न देशों में जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, उससे साफ है कि महामारी से अब भी बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। यही वजह है कि कोरोना के न‌ए वैरिएंट ओमिक्राॅन की बढ़ती रफ्तार को थामने के लिए आज विश्व में जहां नाना तरह के उपाय खोजे जा रहे हैं, वहीं कुछ शोधकर्ताओं का मानना है…

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किसान आंदोलन : एक साल में बीजेपी ने क्या खोया, क्या पाया 

अरविंद छाबड़ा एक साल से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर तीन विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में बैठे किसानों ने फ़िलहाल अपना आंदोलन स्थगित करने का एलान किया है. केंद्र सरकार ने उनकी पाँच माँगों पर उन्हें लिखित आश्वासन दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि अगले साल जनवरी से हर महीने सरकार के किए वादों और उस दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी. किसान नेता योगेंद्र यादव ने संयुक्त किसान मोर्चा के फ़ैसले को मीडिया से साझा करते हुए कहा, “किसान ने अपना खोया हुआ…

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बारदोली सत्याग्रह:शोषक और शोषित का साझा संघर्ष

पंकज कुमार श्रीवास्तव बीसवीं शताब्दीके पहले दशक(सन्1908के आसपास) में सूरत जिला(वर्तमान गुजरात और तब का बॉम्बे प्रेसीडेंसी)के बारदोली इलाकेके 137गांवोंकी आबादी 87000 थी।बारदोलीमें किसानोंमें प्रभावशाली जाति ‘कुनबी-पाटीदार’थी।लेकिन,पाटीदार किसानोंकी ज़मीन ‘दुबला आदिवासी’जोता करते थे,जिन्हें’कालिपराज’ भी कहा जाता था।कालिपराज जनजातिको’हाली पद्धति’के तहत उच्च जातियोंके यहाँ पुश्तैनी मज़दूरके रूपमें कार्य करना होता था।’हाली पद्धति’एक प्रकार की”बन्धुआ मजदूरी”थी,जिसे कापिलराज जनजातिके लोग करनेको विवश थे।उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय थी।इनकी आबादी बारदोली तालुकामें 60% थी। 1908ई.से ही भ्राताद्वय-कुंवरजी एवं कल्याणजी मेहता एवं दयालजी देशाई,केशवजी जैसे उनके साथी कालिपराज समुदायके लोगोंको संगठित करने और इनमें चेतना जगानेका…

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प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर जयपुर रवाना 

राजनीतिक संवाददाता द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में कल जयपुर में आहूत महंगाई हटाओ महारैली में शामिल होने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कांग्रेस विधायक दल नेता सह झारखण्ड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, दिल्ली से जयपुर के लिए रवाना हुए। रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि आज देश की जनता महंगाई से त्रस्त है और मोदी सरकारा मस्त है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा महंगाई, गिरती अर्थव्यवस्था, किसान मजदूरों की अथाहः पीड़ा, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ो, अल्पसंख्याकों के हक…

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भारत-रूस के रिश्तों में मजबूती

क्रांति कुमार पाठक हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से दोनों देशों के पुराने रिश्तों को और मजबूती मिली है। दरअसल, भारत-रूस 21 वीं सालाना शिखर बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दिल्ली आना जाहिर करता है कि मास्को की निगाह में भारत की क्या अहमियत है। रूसी राष्ट्रपति ने भारत को यूं ही एक परखा हुआ मित्र नहीं कहा है, इस मित्रता ने पांच दशकों का अडिग सफर तय किया है। 9 अगस्त 1971 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व सोवियत संघ…

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क्या भारतीय जनमानस को एक बार फिर चौंका पाएंगी, सोनिया  i

पंकज कुमार श्रीवास्तव वैनेतो,इटली इलाके में विसेन्ज़ा से 20किमी दूर एक छोटे से गाँव लूसियाना में पिता स्टेफ़िनो मायनो और माता पाओलो मायनों के घर 9दिसंबर,1946 को एक कन्या ने जन्म लिया।यह लड़की 1964 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में बेल शैक्षणिक निधि के भाषा विद्यालय में अंग्रेज़ी भाषा का अध्ययन करने गयीं। 1968में इस लड़की-अन्टोनिया एड्विज अल्बीना मायनो-ने पूरे विश्व और खासकर भारतीय जनमानस को इस खबर से चौंका दिया,जब उसने भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बड़े पुत्र से राजीव गांधी से विवाह किया।इंदिराजी भारत की प्रधानमंत्री थी,लेकिन उनके…

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केंद्रीय राजनीति का लिटमस टेस्ट बनेंगे 13 राज्य

क्रांति कुमार पाठक दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अगले चंद महीनों में होने जा रहे 5 राज्यों के चुनावों के साथ फिर से इलेक्शन मोड में आ गया है। सच कहें तो भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां हर साल बल्कि हमेशा कहीं न कहीं और कोई न कोई चुनाव होते ही रहते हैं। इन पर होने वाले भारी भरकर खर्च के लिहाज से भले ही लोगों की अलग अलग राय हो, लेकिन जनता के द्वारा जनता के हाथों, जनता की हर स्तर की सरकार बनाने की जो…

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डा०भीमराव अम्बेडकर के 65 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर अम्बेडकर पार्क में माल्यार्पण

संवाददाता मेदिनीनगर:भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डा०भीमराव अम्बेडकर के 65 वीं पुण्यतिथि सोमवार को प्रातः डा० अम्बेडकर राजकीय अनुसूचित जाति कल्याण छात्रावास रेड़मा से प्रारंभ भव्य शोभायात्रा बाबा साहब भारतीय संविधान का जयकारा लगाते हुए अम्बेडकर पार्क स्थित अनावरणाधीन मूर्ति के समक्ष उनके तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ सम्पन्न हुआ। शोभायात्रा का नेतृत्व छात्रावास अधीक्षक प्रो०अजय राम, झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु, पुलिस एसोसिएशन के नेता लालेश्वर राम,छात्र नेता अनुराग भारती, प्रदीप कुमार,प्रेम कुमार,अमित कुमार,परमानन्द कुमार व दिव्या भगत कर रहे थे। उक्त…

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जन्मदिन 7दिसंबर पर विशेष: आमरा मोरबो,देश जागबे’का नारा देने वाले   बाघा यतीन की

पंकज कुमार श्रीवास्तव ‘आमरा मोरबो,देश जागबे’यानि कि‘हम अपनी जान देंगे,तभी देश जागेगा’का नारा देने वाले बाघा जतीन (07दिसम्बर,1879-10सितम्बर,1915) के बचपन का नाम जतीन्द्रनाथ मुखर्जी(जतीन्द्रनाथ मुखोपाध्याय)था। कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट के हेड और बंगाल के पुलिस कमिश्नर रहे चार्ल्स टेगार्टने कहा था- “अगर बाघा जतिन अंग्रेज होते तो उनकी मूर्ति लंदन ट्रेफलगर स्क्वायर पर लगती.” जतीन्द्र नाथ मुखर्जी का जन्म जैसोर जिले में सन् 1879ई में हुआ था।पाँच वर्ष की अल्पायु में ही उनके पिता का देहावसान हो गया था। माँ ने बड़ी कठिनाई से उनका लालन-पालन किया।18वर्ष की आयु…

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5दिसंबर-रवीश कुमार के जन्मदिन पर विशेष:एक मुलाकात रवीश कुमार के साथ

  पंकज कुमार श्रीवास्तव 5दिसम्बर,1974 को जब रवीश कुमार का जन्म ग्राम-जितवारपुर, मोतिहारी,जिला-पूर्वी चंपारण(बिहार) में हुआ होगा,तब मैं ए एन कालेज का विद्यार्थी था।तब बिहार आन्दोलन,जेपी आंदोलन या संपूर्ण क्रांति आंदोलन अपने पूरे शबाब पर था,और उसकी सबसे तेज तपिश पटना में महसूस की जा रही थी।पत्रकारिता जगत के तमाम नामचीन पत्रकार-धर्मयुग के धर्मवीर भारती, साप्ताहिक हिन्दुस्तान के मुरली मनोहर जोशी,अज्ञेय, रघुवीर सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी,कादम्बिनी में राजेन्द्र अवस्थी, लक्ष्मी नारायण लाल, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,अपनी बौद्धिकता और कलम के तेवर से इस आन्दोलन को अपना-अपना समर्थन दे रहे थे।महादेवी वर्मा,अमृतलाल नागर,अमृत…

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