घर से विद्यालय पढ़ाने को निकली अल्पसंख्यक युवती की निर्मम हत्या के 72 घण्टे बाद भी पुलिस के हाथ खाली

11 जनवरी को पुलिस ने मदुरना पहाड़ी के पास से सर कटी अज्ञात लाश को किया था बरामद

दावों और आश्वासनों के बीच परिवार जनों का सबर का टूटने लगा बांध

भभुआ कैमूर -अज्ञात शव की पहचान के बाद भी जिले की चैनपुर पुलिस के द्वारा 72 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी ना ही कटे हुए सर को बरामद कर सकी न ही अभी तक पुलिस हत्यारो तक पहुंच सकी। राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री व स्थानीय विधायक मोहम्मद जमा खान के आश्वासन और पाताल से भी कातिलों को खोज निकालने की यकीन दिहानी के बाद अब परिजनों का सब्र का बांध टूटने लगा है।

एसपी के आश्वासन के बाद गम ज़ादा परिवार किसी तरह बिना गर्दन और सर के जिसमको दफना तो दिया, लेकिन अब तक बात-बात में दावा करने वाली पुलिस पताल से हत्यारो को खोजने की बात तो दूर कटे हुए सर व उसमें प्रयुक्त हथियारों का बरामद न होना एक बड़ी चुनौती बन गई ।

रोहतास जिला से कैमूर को अलग हुए करीब 30 वर्ष का समय बीतने को है लेकिन जिले के इतिहास में सर को तन से जुदा करने की यह पहली घटना बताई जाती है यहां बता दें कि यह घटना राज्य के जिला कैमूर के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र की है ।जहां से अल्पसंख्यक मंत्री मोहम्मद जमा खान आते हैं यह घटना अल्पसंख्यक मंत्री के घर से मात्र एक से डेढ़ किलोमीटर और चैनपुर थाना से करीब 5 से 6 किलोमीटर के दूरी पर घटित हुई है।

जो मदुरना पहाड़ी के निकट की है घटना से मात्र कुछ दूरी पर सैयद शाह पीर उस्मान कोटवी की मजार मुबारक है और ठीक उसी के सेट शेरशाह के दामाद बख्तियार खान का रौज़ा असजद भी मौजूद है। घटनास्थल के आसपास घने जंगल की झाड़ियां आबाद है ।

पास में ही पश्चिमी दिशा में विशालकाय मदुरना पहाड़ी है।वैसे यह स्थान आस पास बसे ग्रामीण क्षेत्रो के अतिरिक्त बाहरी लोगो के लिए सुनसान व बयाबान सा है। राज्य के कैबिनेट अल्पसंख्यक मंत्री के क्षेत्र में एक अल्पसंख्यक युवती के साथ सर से जुदा तन वाली घटना चर्चा का विषय इसलिए बनी हुई है कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अल्पसंख्यको की सुरक्षा से ले कर उनके विकास की जिम्मेवारी अल्पसंख्यक मंत्रालय के कंधे पर दी गई है।

उनके बीच आरही समस्याओं को विधानसभा में एक आवाज़ बन कर उठाई जाए और अल्पसंख्यक समुदाय का विकास हो और भारतीय संविधान के अनुरूप भय मुक्त हो कर जीवन जी सके।इसी जिम्मेवारी का निर्वहन करते हुए हमेशा ही अल्पसंख्यक मंत्री अपने क्षेत्र के लोगों के बीच भ्रमण कर उनके सुख-दुख में शामिल होते रहते हैं ।

लेकिन विचलित करने देने वाली ह्रदयविदारक निर्मम घटना ने सभी को विचलित कर दिया है।और सोचने पर विवश कर दिया है कि चैनपुर क्षेत्र में आए दिन छोटी सी बड़ी घटना अखबारों की सुर्खियां तो बनती ही रहती है लेकिन इस तरह की निर्मम हत्या वह भी एक युवती के साथ शरीर को सर से अलग कर बेखौफ अपराधियो ने किस बे दर्दी से घटना को अंजाम दिया है।

हालांकि चैनपुर थाना क्षेत्र में इन दिनों आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है स्थानीय पुलिस केवल शराब तस्करों के पीछे पड़ी हुई है। ग्रामीण सड़को पर पुलिस की गाडी पेट्रोलिंग भी करती हुई दिखाई देती है।बावजूद उसके चोरी हत्याएं जैसी घटना पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। हाल ही में एक दलित छात्रा को दबंगो ने उसके पिता के सामने लाठियों और डंडों से इसलिए मार पीट कर अधमरा कर दिया था कि छात्रा ने खेत से साग खोट लिया था।

बाद में इलाज को लेजाने के बीच छात्रा की मौत हो गई थी। इस घटना से मर्माहत बसपा और माले जैसी राजनीतिक पार्टियों ने सड़क पर उतर कर ज़ोरदार आवाज़ उठाइ थी।लोगो ने कैंडिल जला कर अपराधियो की गिरफ्तारी और घटना की तीव्र निंदा की थी। यह घटना तो लाठी डंडों वाली थी जिस पर आवाज़ उठाई गई लेकिन एक अल्पसंख्यक युवती के साथ बे दर्दनाक घटना और वो भी आतंकियों जैसी सर से तन जुदा करने वाली घटना पर बसपा माले के साथ साथ अल्पसंख्यक तंज़ीमो की चुप्पी से अपराधियो के हौसले बुलंद है।

यहां यह बता दें आतंकियों जैसी अंजाम देने वाली घटना 11 जनवरी 2024 की है ।चैनपुर पुलिस को स्थानीय लोगों से सूचना मिली की मदुरना पहाड़ी के निकट खाली पड़े खेत के गढ़ों में सर कटी युवती का धड़ पड़ा हुआ है जिस का सर गायब है। घटना की सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष रणवीर कुमार घटना स्थल पर पुलिस बल के साथ पहुंचे ।

जहां घटना स्थल पर शव के साथ एक पत्र भी प्राप्त हुआ जिस पर मामा लिखा हुआ था ,बिना सर के लाश को न हीं पुलिस पहचान सकी न ही स्थानीय लोग।शव को अज्ञात समझ कर भभुआ सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद पहचान के लिए सुरक्षित रखा दिया गया था। 12 जनवरी के दिन अचानक शव की पहचान चैनपुर स्थित पूर्वी कसाब टोला निवासी 80 वर्षीय मीर शमीम की 19 वर्षीय पुत्री गुलफ्शा परवीन के रूप में की गई ।दरअसल गुलाफ्शां परवीन 10 जनवरी से ही लापता थी ।

गुलाफ्शां एक होनहार छात्रा के साथ ही चैनपुर के ही संस्कारम नामक विद्यालय में शिक्षिका थी ।गुलाफ्शां के पिता की शादी चैनपुर मोहल्ला पश्चिम टोला में होने के कारण एक मोहल्ला में ददिहाल तो दूसरे मोहल्ला में ननिहाल है।बताया जाता है कि गुलाफ्शां पांच बहनों और दो बहनों में चंचल होने के कारण ननिहाल और ददिहाल दोनों में दुलारी थी ।यही कारण है कि वह शैक्षणिक कामों को अंजाम देकर रात अपने ननिहाल में बिताया करती थी और दूसरे दिन प्रातः अपने दादा के घर जाया करती थी जहां अपने निजी कामों को अंजाम देने के बाद विद्यालय करती थी बताया जाता है कि 10 जनवरी को विद्यालय जाने के लिए वह घर से निकली थी लेकिन तभी से वह लापता थी,देर रात्री तक ननिहाल नहीं पहुंचने पर ननिहाल के लोगो ने सोचा कि वह ददिहाल चली गई होगी, लेकिन 11 जनवरी की सुबह दादी हाल के लोगों को चिंता हुई।

कि वह अब तक घर क्यों नहीं आई, दोनों घरों द्वारा तलाश जारी की गई थी इस बीच मीडिया में दर्दनाक घटना की छपी खबर पर परिजनों ने अज्ञात शव की जांच की और कपड़ो से पहचान की गई।कपड़ों से शव की पहचान होने के बाद पहचान होने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया, परिजनों ने बिना सर के शव को लेने से इनकार कर दिया गया।

उधर घटना की जानकारी मिलते ही एसपी कैमूर ललित मोहन शर्मा मृतिका के घर पहुंचे और मौजूद लोगों के बीच कटे हुए सर को बरामद करनेहत्यारो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का पूरा भरोसा दिलाया ।तब जाकर परिजनों ने शव को प्रापत किया।शव एक मुस्लिम युवती का होने के कारण बिना सर के अंतिम संस्कार करने में परिजनों को समस्या आ रही थी।

बुद्धिजीवी और धार्मिक मौलाना से विचार विमर्श के स्थानिय कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया घटना की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र भ्रमण पर निकलेअल्पसंख्यक मंत्री मोहम्मद जमा खन परिजनों के बीच पहुंचे और घटना की तिथि से तीखी निंदा की, और पाताल से भी छुपे अपराधियों को खोज निकालने का वादा किया। मृतका के गायब होने, बिना सर के अज्ञात शव के बरामद और पहचान होने के बीच 72 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी चैनपुर पुलिस न हीं कटा हुआ सर बरामद कर सकी न हीं अपराधियों को गिरफ्तार कर सकी।हालांकि कैमूर एसपी द्वारा इस निर्मम हत्या को काफी संजीदगी से लिया गया और तत्काल डीआईओ टीम के साथ-साथ चार सदस्य टीम का गठन कर स्वयं इसकी जिम्मेदारी चैनपुर थाना अध्यक्ष को सौंपी ताकि तत्काल अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सके , चैनपुर पुलिस अपने स्तर से कार्य में जुटी हुई है लेकिन इस तरह से घटी हृदय विदारक घटना चैनपुर पुलिस के लिए चुनौती बन गई है ।

साथ ही पुलिस को यह पता लगाना काफी अहम हो गया कि आखिरकार हत्यारा कौन है मृतका के शरीर के पास से बरामद कागज और लिखे मामा शब्द कहीं घटना को किसी दूसरे ओर मोड़ने की कोशिश तो नही की गई हो ।बड़ा प्रश्न यह भी उठता है कि आखिरकार 19 वर्षीय युवती की दुश्मनी किससे थी ,क्या कहीं परिवार के लोगों का भूमि विवाद तो किसी अन्य लोगों से नहीं था ,या कही कोई पारिवारिक दुश्मनी तो नहीं थी।

सवाल यह भी उठना है कि अगर परिवार के लोगों का भूमि विवाद या पारिवारिक दुश्मनी थी तो घर के पुरुष सदस्यों के होते हुए एक युवती से लोगों की क्या दुश्मनी हो सकती है।प्रश्न यह भी उठता है कि कहीं अपराधियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटना को अंजाम तो नहीं दिया गया और पकड़े जाने के भय से मामा जैसे शब्द का प्रयोग का घटना को किसी दूसरे और जोड़ने की कोशिश की गई हो, बहरहाल यह घटना पुलिस के लिए पहेली बनी हुई है ।

साथ ही यह अनुसंधान का मामला है कि हकीकत क्या है, यह तो भविष्य के गर्भ में है जो अपराधियों के गिरफ्तारी के बाद ही सारी हकीकत का पता चल सकेगा। अभी तो घटना को ले कर तरह तरह की कयास आरआई की जा रही है।जितना मुंह उतनी बात हो रही है। *मृतिका के पिता मीर शमीम के अनुसार* इस संबंध में मृतका के पिता मोहम्मद मीर शमीम का कहना है कि मेरी पुत्री शुरू से ही शांत स्वभाव और मृदुभाषी थी।

पांच बहनों में वह चौथे नंबर पर थी काफी चंचल और तेज होने के कारण वह ननिहाल और दादी हाल दोनों के बीच काफी प्रेमी थी मीर शमीम ने बताया कि 10 जनवरी को घर से कह कर निकली थी कि विद्यालय जा रही हूं तभी से वो ला पता है, 11 जनवरी को घर नहीं आने पर जब-वह घर नही पहुंची तो परिजनों को चिंता हुई , ननिहाल से लेकर अन्य जगह पता ही किया जा रहा था तभी 12 जनवरी को मीडिया में छपी खबर के आधार पर हम लोग जब सदर अस्पताल जाकर अज्ञात शव की पहचान की गई तो शरीर पर पहने कपड़े के आधार पर उसकी पहचान मेरी पुत्री के रूप में की गई। इस तरह के निर्मम घटना से हम सभी अचंभित हैं उन्होंने यह भी बताया कि बिना सर के लाश को प्राप्त करने से हम लोगों ने इनकार कर दिया था तभी कैमूर एसपी घर पर आए और उनके आश्वासन के बाद हम लोगों ने सर को प्राप्त कर मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार दफना दिया ।

एसपी साहब ने वादा किया था कि जल्द ही हत्यारो का भी पता लगाएंगे और सर कटे हुए गायब सर को जल्द ही बरामद कर लिया जाएगा।लेकिन 72 घंटे से अधिक का समय बीत गया केवल पुलिस बार-बार घर पर आकर छानबीन कर रही है लेकिन अभी तक न हीं सर मिल सका न हीं हत्यारो का पता चल सका ।

पिता में शमीम द्वारा एसपी से मांग की गई के जल्द से जल्द मेरी पुत्री का कटा हुआ सर को खोजा जाए और हत्यारो को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। *स्तानीय समाज सेवी व मामा सयैद अशफ़ाक़ के के अनुसार* इस संबंध में मामा स्थानीय समाज सेवी सैयद अशफाक बबलू का कहना है कि 10 जनवरी को वह चैनपुर के ही संस्कारम नामक स्कूल में शैक्षणिक काम को अंजाम देने के लिए घर से निकली थी, ,10 तारीख की रात्री जब वह घर नहीं आई तो लोगों को लगा कि वह ददिहाल चली गई होगी लेकिन जब दूसरे दिन ददिहाल के लोगों द्वारा घर नहीं आने पर खोजबीन की गई। खोजबीन किया जाने लगा लेकिन अचानक मीडिया में खबर छपी के चैनपुर पुलिस के द्वारा एक सर कटा अज्ञात शव को बरामद किया गया।

शव की पहचान भाजी गुलाफ्शां परवीन के रूप में किया गया ।उन्होंने कहा कि इस तरह के हृदय विधायक घटना से हम सभी मर्माहत हैं कैमूर पुलिस पर पूरा विश्वास है लेकिन अब सब्र का बांध टूटना टूटने लगा है उन्होंने कहा कि अपराधी कोई भी हो जल्द से जल्द पुलिस गिरफ्तार करें और मेरी भांजी गुलफशा प्रवीन को इंसाफ मिल सके।

*थानाध्यक्ष रणवीर कुमार ने बताया कि*इस संबंध में चैनपुर थानाध्यक्ष रणवीर कुमार ने बताया कि जल्द ही पूरे मामला का खुलासा होगा ,तेज़ी से अनुसन्धान जारी है। *एसडीपीओ भभुआ के अनुसार*दूरभाष पर जानकारी लिए जाने पर एसडीपीओ भभुआ में बताया कि जांच जारी है पूरी टीम लगी हुई है। अपराधी कही भी होंगे बचेंगे नही।

Related posts

Leave a Comment