सर्वे के अनुसार मोदी सरकार को नापसंद करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी

सर्वे के अनुसार मोदी सरकार को नापसंद करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की मतदान खत्म हो चुका है और 18 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान होना है। इस बीच लोगों का मूड बता रहा है कि मोदी सरकार की लोकप्रियता में गिरावट आई है। मोदी सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग में 12 मार्च और 12 अप्रैल के बीच 12 अंकों की गिरावट आई है। सीवोटर-आईएएनएस ट्रैकर में यह बात सामने आई है।

मोदी सरकार की प्रदर्शन रेटिंग 26 फरवरी को बालाकोट हवाई हमले के बाद के दिनों में काफी बढ़ गई थी और 7 मार्च को यह 62.06 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। लेकिन इसके बाद मोदी सरकार की लोकप्रियता में लगातार गिरावट दर्ज की गई। 22 मार्च तक 50 से 59 के बीच रहने के बाद लोकसभा के पहले चरण में 91 सीटों पर मतदान के एक दिन बाद 12 अप्रैल को सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग घटकर 43.25 रह गई। जबकि ठीक एक महीने पहले 12 मार्च को, सरकार को पसंद करने वालों की रेटिंग 55.28 थी।

ट्रैकर निष्कर्ष उस सर्वेक्षण पर आधारित है, जिनमें लोगों से भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के बारे में पूछा गया था कि क्या वे सरकार से ‘बहुत संतुष्ट’ हैं, ‘कुछ हद तक संतुष्ट’ हैं, ‘संतुष्ट नहीं’ हैं और ‘नहीं जानते/नहीं कह सकते’ हैं।

सात मार्च को 51.32 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा था कि वे सरकार के प्रदर्शन से बहुत संतुष्ट हैं। हालांकि, सर्वेक्षण में शामिल सभी लोगों के जवाब को ध्यान में रखते हुए, सरकार के लिए लोगों की नेट अप्रूवल रेटिंग में लगातार गिरावट में रही है और यह पुलवामा हमले की घटना से पहले के स्तर पर आ रही है।

एक जनवरी को सरकार को पसंद करने की रेटिंग 32.4 थी और मध्य फरवरी के बाद जब पुलवामा हमला हुआ था तब लगातार बढ़ने से पहले पूरे महीने के लिए 30 और 40 के बीच बनी रही और इसके बाद बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के खिलाफ हवाई हमले की कार्रवाई के बाद रेटिंग में तेजी से वृद्धि हुई थी।

Related posts

Leave a Comment