पूर्वमंत्री रणधीर सिंह तथा बहनोई अशोक राय ने करोड़ों की लूट की

बिशेष प्रतिनिधि द्वारा
देवघर :पिछले रघुवर सरकार के कार्यकाल के दौरान देवघर में पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा के विधायक रणवीर सिंह ने तरह-तरह के हथकंडे कर करोड़ों रुपयों का संपत्ति अर्जित किया है इन्होंने बड़ी ही चालाकी से करीबन कई एकड़ जमीन देवघर के टाउन के आसपास मंत्री का धौंस जमा कर अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीन खरीदा है!इसके अलावे सूत्रों के अनुसार डाबर कंपनी का जमीन कई एकड़ गैरकानूनी रूप से कब्जा कर लिया और उस पर अपना अधिकार बताकर वाणिज्य लाभ ले रहे हैं! इसके साथ-साथ विधायक रणवीर सिंह का ओर भी कई जमीन का मामला आम लोगों के बीच चर्चा में है

डाबर - विकिपीडिया

दूसरी तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए जाने के बाद पूर्व कृषि मंत्री और सारठ से बीजेपी विधयक रणधीर सिंह की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई है। देवघर के मधुपुर प्रक्षेत्र के विद्युत कार्यपालक अभियंता ने बीजेपी विधायक रणधीर सिंह के बहनोई अशोक राय के स्टोन क्रशर प्लांट के कैंपस में अवैध तरीके से रखे कुल 37 ट्रांसफार्मर जब्त कर दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने को लेकर चित्रा थाना ने आवेदन दिया है।

विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता पूरी तैयारी के साथ सारठ विधायक के बहनोई के क्रशर प्लांट में छापेमारी करने पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ विभाग के कई अधिकारियों समेत सारठ की बीडीओ और स्थानीय लोग भी मौजूद थे। पुलिस को दिए अपनी लिखित तहरीर में कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि उक्त कैम्पस से 16kva और 25kva के कुल 37 बेकार पड़े डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर गैरकानूनी तरीके से रखे पाए गए, जिसे जेवीएनल के केंद्रीय भंडार देवघर में होना चाहिए था। जिसकी वजह से झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम को कुल 7 लाख 17 हजार 1 सौ 94 रुपये का नुकसान हुआ है।
छापेमारी करने पहुंचे विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने निरीक्षण के दौरान विधायक पर दबंगई करने और अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर विभाग के कनीय अभियंता से अपने पक्ष में रिपोर्ट लिखवाकर दस्तखत करवाने का भी आरोप लगाया है। पुलिस को दिए अपने आवेदन में कार्यपालक अभियंता ने कहा है कि मौके पर हालात इतने गंभीर हो चुके थे कि उन्हें जिलाधिकारी को सूचना देनी पड़ी और फिर मधुपुर अनुमंडलाधिकारी के पहुंचने के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।25 Kva Three Phase 25KVA Electrical Power Transformer, Rs 75000 | ID: 20921018191

कार्य पालक अभियंता ने अपने आवेदन मे लिखा है कि गुप्त सूचना के आधार पर विधुत विभाग ने एक जांच टीम गठित की थी. इसके बाद प्रखंड स्तर के अधिकारियों के सहयोग से 9 जून को विद्यायक आवास के पास बंद पड़े स्टोन क्रशर प्लांट मे छापेमारी की गई. इस दौरान 25 केवीए के जले हुए 33 ट्रांसफार्मर और 16 केवीए के जले हुए 4 ट्रांसफॉर्मर बरामद किए गए. इसके बाद विद्युत विभाग की टीम मे कार्रवाई करते हुए ट्रांसफार्मर को जब्त कर देवघर स्टोर रूम भेजा. आवेदन में बताया गया है कि जले हुए ट्रांसफार्मर की कीमत करीब 7 लाख 17 हजार 194 रुपए है.आवेदन में कार्यपालक अभियंता ने ये बताया कि छापेमारी के दौरान विधायक ने कार्रवाई नहीं करने का भी दबाव बनाया था. निजी परिसर से मिले सभी सरकारी ट्रांसफार्मर के खिलाफ इंडियन इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज करने का निवेदन किया गया था. आवेदन पर चितरा थाना में 34 /22 केस रजिस्टर्ड हो चुका है.
विद्युत विभाग की छापेमारी में जिस अशोक राय का नाम सुर्खियों में है वह पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक रणधीर सिंह के बहनोई हैं. अशोक राय की पत्नी देवघर की पूर्व जिलापरिषद अध्यक्ष रह चुकीं हैं और अशोक राय उनके प्रतिनिधि रह चुके हैं. विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता ने विधायक और उनके बहनोई के खिलाफ केस दर्ज को लेकर स्थानीय थाने में लिखित तहरीर जमा करा दी है. ऐसे में इलाके की सियासी सरगर्मी तो तेज हो ही गई है साथ ही विधायक के विरोधी खेमे ने भी हलचल तेज हो गई है.राज्य में पूजा सिंघल प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व की रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर एसीबी को जांच के आदेश दिए हैं. लेकिन, इससे पहले सारठ विघायक के सहरजोरी स्थिति निजी परिसर में बिजली विभाग की हुई अचानक छापेमारी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
विधायक के बहनोई ने कहा- मैंने लीज पर लिया था परिसर
पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद जब विधायक के बहनोई अशोक राय से बात की तो उन्होंने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। अशोक राय ने बताया कि जिस परिसर में विद्युत विभाग की तरफ से छापेमारी की गई, वह विधायक का निजी परिसर है जिसे उन्होंने लीज पर लिया था लेकिन, लीज की अवधि खत्म हो जाने की वजह से उन्होंने परिसर को विधयक के सुपुर्द कर दिया था। इतना ही नहीं, परिसर के भीतर रखे ट्रांसफार्मर को हटाने को लेकर भी विधयक की तरफ से विभाग को चिट्ठी लिखकर पूर्व में भी मांग की गई थी लेकिन, विभाग ने जानबूझकर बेकार पड़े ट्रांसफार्मर को नहीं हटाया था।
एक प्रार्थी ने हाई कोर्ट मे PIL दायर कर रघुवर सरकार में मंत्री रहे रणधीर सिंह सहित 5 पांच मंत्रियों की संपत्ति की जांच कराने की मांग की थी. जिसके बाद हेमंत सोरेन ने ACB से जांच कराने का निर्णय लिया है. रणधीर सिंह ने ACB जांच का स्वागत करते हुए कहा कि निष्पक्ष जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इन्होने बताया की जांच में अगर आय से अधिक संपत्ति का मामला सामने आएगा तो वह किसी भी कार्रवाई का विरोध नहीं करेंगे.रणधीर सिंह, पूर्व मंत्रीरणधीर सिंह ने केंद्र में मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल की जमकर सराहना की.

इधर पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों की संपत्ति की एसीबी से जांच के हेमंत सरकार के आदेश पर बहस छिड़ गई है. भाजपा का आरोप है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भाजपा के पूर्व मंत्रियों को टारगेट किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी अपनी संपत्ति की जांच करवानी चाहिए. तब लोगों को सही पिक्चर देखने को मिलता.
एसीबीदरअसल, साल 2020 में पंकज यादव नामक आरटीआई एक्टिविस्ट ने झारखंड हाई कोर्ट में पीआईएल दायर कर आरोप लगाया था कि पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, रणधीर सिंह, नीरा यादव, अमर बाउरी और लुईस मरांडी की संपत्ति में उनके कार्यकाल के दौरान एक हजार प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है. लिहाजा, इस मामले की जांच होनी चाहिए. हाई कोर्ट में दलील दी गई थी कि जब बंधु तिर्की की संपत्ति 126 अधिक मिलने पर एसीबी से जांच कराकर जेल भेजा गया था, फिर इन मंत्रियों ने तो बहुत ज्यादा संपत्ति अर्जित की है. इसी को आधार बनाकर राज्य सरकार ने पूरे मामले की एसीबी से जांच कराने का आदेश दिया है, जो बहस का मुद्दा बन गया है.याचिका के मुताबिक पांचों पूर्व मंत्रियों ने 2014 और 2019 के चुनाव में संपत्ति का जो ब्यौरा दिया है, उसमें अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. अमर बाउरी की संपत्ति 7.33 लाख से बढ़कर 89.41 लाख हो गई. यानी 1120 प्रतिशत का इजाफा हुआ. रणधीर सिंह की संपत्ति 78.92 लाख से बढ़कर 5.06 करोड़ यानी 542 प्रतिशत बढ़ गई. नीरा यादव की संपत्ति 80.59 लाख से बढ़कर 3.65 करोड़ यानी 353 प्रतिशत बढ़ गई. लुइस मरांडी की संपत्ति 2.5 करोड़ से बढ़कर 3.65 करोड़ हो गई. उनकी संपत्ति में 303 प्रतिशत का इजाफा हुआ. वहीं नीलकंठ सिंह मुंडा की संपत्ति 1.46 करोड़ से 4.35 करोड़ यानी 199 प्रतिशत बढ़ गई.
भाजपा बोली पूर्वाग्रह से ग्रसित कदम तो कांग्रेस ने सही कदम बतायाअब सवाल है कि क्या सिर्फ पूर्वर्ती रघुवर सरकार के पांच मंत्रियों की ही संपत्ति में इजाफा हुआ है. झारखंड इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट पर नजर डालेंगे तो इसका जवाब मिल जाएगा. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2014 के चुनावी शपथ पत्र में अपनी संपत्ति 5 करोड़ बताई थी. लेकिन 2019 के चुनाव में उनकी संपत्ति 143 प्रतिशत के इजाफे के साथ 8 करोड़ की हो गई. झामुमो विधायक दशरथ गगराई की संपत्ति में 1,015 प्रतिशत का इजाफा हुआ. भाजपा विधायक नवीन जयसवाल की संपत्ति 106 प्रतिशत बढ़ गई. भाजपा विधायक राज सिन्हा की संपत्ति में 117 प्रतिशत का इजाफा हो गया. भाजपा विधायक जेपी पटेल की संपत्ति 112 प्रतिशत बढ़ गई. भाजपा विधायक ढुल्ली महतो की संपत्ति 1.43 करोड़ से बढ़कर 3.33 करोड़ हो गई. झामुमो विधायक निरल पूर्ति की संपत्ति 29 लाख से बढ़कर 1.75 करोड़ यानी 499 प्रतिशत बढ़ गई. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी की संपत्ति में 100 फीसदी जबकि झामुमो विधायक जगरनाथ महतो की संपत्ति 227 प्रतिशत बढ़ गई.संपत्ति में इजाफे का चौंकाने वाला प्रतिशत: सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि भाकपा माले विधायक रहे राजकुमार यादव ने 2014 में 22 लाख की संपत्ति का जिक्र किया था जो 2019 में 485 प्रतिशत इजाफे के साथ 1.33 करोड़ हो गया था. देवघर से भाजपा विधायक नारायण दास ने 2014 में 8 लाख की संपत्ति घोषित की थी, जो 2019 के चुनाव के वक्त 1,136 प्रतिशत हो गई. तमाड़ से झामुमो विधायक विकास मुंडा की संपत्ति 7 लाख से बढ़कर 51 लाख हो गई. उनकी संपत्ति में 631 प्रतिशत का इजाफा हुआ. जेवीएम की टिकट पर चक्रधरपुर से चुनाव लड़े शशीभूषण समद की संपत्ति में 744 प्रतिशत का इजाफा हुआ.
ऐसा नहीं है कि 2014 के बाद 2019 में चुनाव लड़ने वाले सभी माननीयों की संपत्ति दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ी. कुछ की संपत्ति कम भी हुई. ऐसे सिर्फ चार माननीय थे. कोलेबिरा से कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी की संपत्ति 40 प्रतिशत कम यानी 76 लाख से 46 लाख हो गई. बेरमा से भाजपा प्रत्य़ाशी योगेंद्र महतो की संपत्ति तीन करोड़ से एक करोड़, गढ़वा से भाजपा प्रत्याशी सत्येंद्र नाथ तिवारी की संपत्ति 5 करोड़ से 3 तीन करोड़ हो गई.

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