कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘न्याय’ का वादा एक हफ्ते से भी कम के वक्त में उनकी पार्टी के शासित राज्यों में 41% वोटरों तक पहुंच गया. इंडिया टुडे के सर्वे से ये सामने आया है. दूसरी ओर, सर्वे के मुताबिक मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कर्नाटक में फरवरी में पाकिस्तान के अंदर घुसकर एयर स्ट्राइक की धमक चुनावी मुद्दे के तौर पर धीमी पड़ गई है. ये सर्वे इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के लिए एक्सिस-माई-इंडिया ने 26 से 29 मार्च के बीच किया.
बता दें कि 25 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एलान किया था कि अगर उनकी पार्टी केंद्र की सत्ता में आती है तो गरीबी की मार झेल रहे देश के 20% परिवारों को न्यूनतम आय योजना (NYAY) के तहत 72,000 रुपए सालाना की आय सुनिश्चित की जाएगी. राहुल के मुताबिक देश के 25 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा.
चार राज्यों में 26% वोटर आश्वस्त दिखे कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आती है तो ये पार्टी ‘न्याय’ को अमली जामा पहनाने में कामयाब रहेगी. इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी न्यूनतम आय योजना के तौर पर पेश किया जा रहा है. PSE के मुताबिक 42% वोटर इस योजना के मूर्त रूप लेने पर आशंकित है. वहीं 29% वोटर इस सवाल पर स्पष्ट राय नहीं जता सके.
राहुल गांधी की ओर से योजना के एलान के चार दिन में ही मध्य प्रदेश में 45% प्रतिभागियों को इसका पता चल गया. PSE के मुताबिक मध्य प्रदेश में 53% वोटरों को इस योजना के बारे में अब तक जानकारी नहीं है.
राज्य के जिन वोटरों को इस योजना के बारे में जानकारी है उनमें से 27% ने भरोसा जताया कि कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आने पर इस योजना को लागू कर पाएगी. वहीं 26% वोटर इस पर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके. दूसरी ओर 47% प्रतिभागी आश्वस्त नहीं है कि कांग्रेस इस योजना को लागू कर पाएगी. बता दें कि बीते साल के आखिर में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 15 साल से राज कर रही बीजेपी को मात देकर सत्ता हासिल की थी.
मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में PSE सर्वे के मुताबिक राहुल गांधी की ‘न्याय योजना’ के बारे में एक हफ्ते में ही 33% वोटरों तक इसकी जानकारी पहुंच गई. जिन्हें इस योजना की जानकारी है उनमें से 29% वोटरों को भरोसा है कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आती है तो इसे लागू कर पाएगी. वहीं 29% प्रतिभागी कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके. PSE के आंकड़े बताते हैं कि 42% वोटर कांग्रेस के केंद्र की सत्ता में में आने के पर इस योजना के अमल को लेकर आश्वस्त नहीं हैं. 29 मार्च तक छत्तीसगढ़ के 61% प्रतिभागियों ने ‘न्याय’ के बारे में नहीं सुना था.
PSE सर्वे के मुताबिक राहुल गांधी की न्याय योजना के बारे में राजस्थान में 29 मार्च तक 45% वोटर अवगत हो गए. वहीं 50 % वोटरों ने इस योजना के बारे में नहीं सुना है. राजस्थान में PSE सर्वे के मुताबिक सिर्फ़ 24% वोटरों को भरोसा है कि अगर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आती है तो राहुल गांधी की न्याय योजना को लागू कर पाएगी.
राजस्थान के 47% वोटर मानते हैं कि कांग्रेस के केंद्र में आने के बाद इस योजना को लागू नहीं किया जा सकेगा. वहीं 29% प्रतिभागी कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके. पार्टी के अनुभवी नेता अशोक गहलोत ने दिसंबर में विधानसभा चुनाव नतीजों में कांग्रेस की जीत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एनडीए सरकार के कामकाज से मध्य प्रदेश में 63%, छत्तीसगढ़ में 57%, राजस्थान में 66% और कर्नाटक में 62% प्रतिभागी संतुष्ट दिखे. वहीं दूसरी 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर एयरस्ट्राइक का मुद्दा चार राज्यों में वोटरों को प्रभावित करने वाले मुद्दों में फीका पड़ गया है.
मध्य प्रदेश में PSE सर्वे से सामने आया कि महज़ 2 फीसदी प्रतिभागियों ने ही कहा कि वे 26 फरवरी को बालाकोट में भारतीय वायुसेना के एयरस्ट्राइक के आधार पर वोट देने का फैसला करेंगे.
PSE सर्वे के मुताबिक आम चुनाव के लिए मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 28% वोटरों ने अहम मुद्दे के तौर पर पीएम के उम्मीदवार का नाम लिया. मध्य प्रदेश में दूसरे अहम मुद्दे के तौर पर पार्टी की ओर से किए गए प्रदर्शन का 24% प्रतिभागियों ने नाम लिया. 11% प्रतिभागियों ने बेरोजगारी को भी अहम मुद्दा बताया.
PSE सर्वे के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सबसे अहम मुद्दे के तौर 22% वोटरों ने बेरोज़गारी का नाम लिया. छत्तीसगढ़ में दूसरे नंबर पर अहम मुद्दे के तौर पर 19% वोटरों ने पार्टी की ओर से किए गए प्रदर्शन को गिनाया. इसी तरह किसानों की समस्या से जुड़े गए मुद्दे को 14% प्रतिभागियों ने सबसे अहम मुद्दा बताया. सिर्फ़ 3% प्रतिभागियों ने ही कहा कि उनके लिए एयरस्ट्राइक अहम मुद्दा है.