News Agency : नरेंद्र मोदी द्वारा राजनीतिक विमर्श के हर दिन नई गहराइयों के गर्त में धकेलने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन सोमवार को तो उन्होंने हदें पार कर दीं, जब उन्होंने खुलेआम विधायकों की खरीद-फरोख्त का ऐलान कर दिया। इसके पीछे उनकी मंशा साफ थी कि वे ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार को गिराना चाहते हैं।प्रधानमंत्री ने हुगली में एक चुनावी सभा में कहा कि, “दीदी, 23 मई के बाद आपके विधायक भी आपको छोड़कर भाग जाएंगे। आपके 40 विधायक मेरे संपर्क में हैं।”
नैतिकता से यूं तो प्रधानमंत्री को वैसे भी कोई मतलब नहीं है, तो नैतिकता को अलग भी रख दें तो साफ हो जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी अंकगणित में भी काफी कमजोर हैं।पश्चिम बंगाल विधानसभा में कुल 295 सीटें है। अगर बीजेपी के ममता सरकार गिराकर अपनी सरकार बनानी है तो उसे कम से कम 148 विधायक चाहिए होंगे। फिलहाल बीजेपी के पास सिर्फ 2 विधायक हैं। यानी उसे कम से कम 146 विधायकों से दलबदल कराना होगा।
दूसरी बात, अगर तृणमूल के 40 विधायक ममता सरकार से अलग हो भी जाते हैं, तो भी 42 विधायकों के साथ बीजेपी मुख्य विपक्षी दल तक नहीं बन पाएगी। 2016 के चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चे ने मिलकर चुनाव लड़ा था और उनके 74 विधायक हैं।दरअसल जमीनी हकीकत वाली सूचनाएं सामने आने से बीजेपी में हताशा बढ़ती जा रही हैं। बूथ स्तर से आने वाली रिपोर्टें संकेत देती हैं कि मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में खासा नुकसान होने वाला है। एक अनुमान के मुताबिक बीजेपी कम से कम 100 सीटें तो हिंदी पट्टी में ही हारने वाली है। साथ ही गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र में होने वाला नुकसान अलग से।