विशेष संवाददाता द्वारा
रांची : राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से घोषित साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा 24 जून यानी आज झारखंड आने वाले थे। वे रांची स्थित कांग्रेस भवन में पार्टी के विधायकों और सांसदों के साथ मुलाकात करने और आसन्न चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा करने वाले थे। लेकिन देर रात उनके कार्यक्रम में फेरबदल हुआ है। पार्टी की ओर से अब यह जानकारी दी गयी है कि यशवंत सिन्हा अब 26 जून के बाद झारखंड आएंगे।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि 24 जून को पूर्वाह्न 11 बजे रांची स्थित कांग्रेस भवन में पार्टी विधायकों-सांसदों की बैठक स्थगित कर दी गयी है। इस बैठक में राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी शामिल होने वाले थे, लेकिन इस बैठक को अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया गया है। राजेश ठाकुर ने बताया कि यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम के अनुसार बैठक की तिथि निर्धारित होने पर फिर से सूचना दी जाएगी।
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस की ओर से यह जानकारी दी गयी थी कि यशवंत सिन्हा के झारखंड आगमन को लेकर कल 24 अप्रैल को कांग्रेस भवन में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के नेतृत्व में पार्टी के सभी विधायकों-सांसदों की बैठक रखी गयी है। इस बैठक में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी सभी से मुलाकात करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनाया जाना झारखण्ड के लिए गर्व का विषय है। यशवंत सिन्हा एक कुशल प्रशासक एवं राजनीतिज्ञ के रूप में ख्यातिप्राप्त हैं। झारखंड से उनका सीधा संबंध रहा है, वे हजारीबाग से सांसद रहे हैं। केंद्र सरकार में वित्त मंत्री एवं विदेश मंत्री के रूप में देश को अपनी सेवाएं दी हैं।
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इधर, झारखंड में गठबंधन सरकार में शामिल सबसे बड़े दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की ओर से भी 25 जून को पार्टी के सांसदों और विधायकों की बैठक बुलायी गयी है। जेएमएम केंद्रीय समिति के सदस्य विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन के आवास पर पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की बैठक 25 जून को पूर्वाह्न 11 बजे होगी।
बीजेपी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है। झारखंड ही देश की पहली महिला आदिवासी राज्यपाल के बाद अब बीजेपी द्वारा उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाये जाने से जेएमएम में भी असमंजस्य की स्थिति है। द्रौपदी मुर्मू से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी अच्छा संबंध रहा है और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आदिवासी उम्मीदवार होने के नाते जेएमएम भी विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जगह द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे सकता है। हालांकि इस संबंध में हेमंत सोरेन ने साफ किया है कि कोई भी औपचारिक फैसला पार्टी विधायकों एवं सांसदों की बैठक के बाद ही लिया जाएगा।