सोनबाद में संन्यासी पर युवती के अपहरण का आरोप लगा ग्रामीणों ने किया मॉब लिचिंग का प्रयास  

सोनबाद में संन्यासी पर युवती के अपहरण का आरोप लगा ग्रामीणों ने किया मॉब लिचिंग का प्रयास

 

गिरिडीह, प्रतिनिधि। गिरिडीह के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के सोनबाद गांव में मंगलवार को देवघर के रामकृष्ण मिशन के एक संन्यासी मॉब लिचिंग का शिकार होने से बच गये। ग्रामीणों की भीड़ ने युवती के अपहरण का आरोप लगा कर संन्यासी को जम कर पीटा, संन्यासी स्वामी राधाकांता उर्फ उदय महाराज ने मारपीट के दौरान ग्रामीणों के सामने हाथ जोड़ते हुए अपहरण के आरोपों से इंकार करते रहे। उन्होंने भीड़ से कहा भी कि वे दोनों पति पत्नी हैं शादी कर चुके हैं। उनकी बात न मानते हुए भीड़ उनकी जान लेने पर उतारू थी इस दौरान सोनबाद पंचायत के मुखिया डिस्को मंडल कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से संन्यासी उदय महाराज को सुरक्षित बचाने में सफल रहे। घटना की जानकारी बेंगाबाद थाना पुलिस को दी। पुलिस सोनबाद गांव पहुंची और संन्यासी समेत युवती को थाना लेकर पहुंची जहां दोनों से पूछताछ की जा रही है फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि संन्यासी उदय महाराज क्या सही में युवती का अपहरण करने पहुंचे थे या मामला कुछ और है। बेंगाबाद थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने युवती के अपहरण की बात से इंकार करते हुए कहा कि युवती अनिता मुर्मू और संन्यासी आपस में पति-पत्नी बताये जा रहे हैं इधर संन्यासी उदय महाराज ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि जिस युवती से उनकी शादी हुई है वो एक आदिवासी है और बिहार के जमुई जिले के कटोरिया की रहनेवाली है। जबकि युवती के कुछ रिश्तेदार सोनबाद में भी रहते हैं वहीं संन्यासी उदय महाराज देवघर में रामकृष्ण मिशन में रहते हैं। जमुई की यह युवती अनिता मुर्मू भी देवघर के उसी आश्रम में रह कर पढ़ाई करती थी। इसी दौरान दोनों के बीच साल 2013 में पहली मुलाकात हुई दोनों के बीच प्यार हो गया। इस बीच अनिता को गंभीर बीमारी ने जकड़ा, तो संन्यासी उदय महाराज ने ही उसका रांची में इलाज कराया। रांची से लौटने के बाद अनिता रामकृष्ण मिशन में रह कर पढ़ाई करती रही। इस बीच इसी 26 अगस्त को अनिता और संन्यासी ने शादी कर ली। लेकिन अनिता के माता-पिता को जब जानकारी मिली, तो वह अनिता को लेने मंगलवार की सुबह आश्रम पहुंच गये और संन्यासी की गैर मौजूदगी में अनिता को लेकर बेंगाबाद के सोनबाद गांव स्थित टुडु निवास पहुंच गये, जहां अनिता के कुछ रिश्तेदार रहते थे। घटना के दौरान ही संन्यासी उदय महाराज ने दावा करते हुए कहा कि अनिता ने उनके मोबाइल नंबर पर कॉल करने के साथ मैसेज किया कि उसे उसके रिश्तेदार के घर ले जाया जा रहा है। संन्यासी भी पीछे-पीछे उसके रिश्तेदार के घर पहुंच गये और अनिता को ले जाने का प्रयास किया। रिश्तेदारों ने अपहरण का आरोप लगा कर ग्रामीणों के सहयोग से संन्यासी को पीटना शुरू कर दिया। इस दौरान मामला जब शांत हुआ, तो युवती अनिता ने संन्यासी के दावे को गलत बताते हुए कहा कि पिछले 26 अगस्त को उसकी मांग में संन्यासी ने जबरन सिंदूर डाल दिया और अब वह संन्यासी के साथ नहीं रहना चाहती।

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