आप लोगों की कथनी और करनी में फर्क है

आलोक कौशिक, सोशल मीडिया पर खुद को चौकीदार कहना आसान है परन्तु प्रधानमंत्री एवं उनके अंधभक्तों को उन लोगोंं का भी ख्याल रखना चाहिए जो पढ़ लिख कर चौकीदारी करने पर मजबूर हैं। क्योंकि ये नौकरी नहीं मजबूरी कहलाती है। 

ब्लैक फ्राइडे, गुलाल, पटियाला हाउस और पांच जैसी फिल्मों में काम कर चुके एक्टर का नाम त्रिलोचन सिंह सिद्धू उर्फ सवी सिद्धू है। उनकी आर्थिक हालात कुछ ऐसे हैं कि उन्हें मुंबई में एक अपार्टमेंट में गार्ड (चौकीदार) की नौकरी करनी पड़ रही है।

सवी ने लखनऊ से शुरूआती पढ़ाई की। इसके बाद ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ पहुंच गए। यहां मॉडलिंग के ऑफर मिले। इसके बाद लॉ करने वापस लखनऊ आए। लखनऊ में पढ़ाई के साथ-साथ थिएटर भी किया। भाई की नौकरी मुंबई में लगी तो तो उनके लिए मुंबई आना बहुत आसान हो गया। इसके बाद डायरेक्टर, प्रोड्यूसर से मिलने का काम शुरू किया। धीरे-धीरे काम मिलना शुरू हुआ। अनुराग कश्यप के साथ पहली फिल्म ‘पांच’ की, जो रिलीज़ नहीं हुई। इसके बाद ‘ब्लैक फ्राइडे’ में इम्पोर्टेन्ट रोल था। फिर ‘गुलाल’ में भी काम किया। ‘पटियाला हाउस’ में काम करने का मौका मिला।

सवी बताते हैं कि उस वक्त काम की कोई दिक्कत नहीं हुई। एक वक्त तो ऐसा आ गया था कि इतने काम आ जाते कि मुझे ही छोड़ना पड़ता। फिर तबियत खराब रहने लगी। सोचा कि ब्रेक लूं और फिर आराम से लौटकर काम करना शुरू करूं। लेकिन उस दौरान फाइनेंशियल दिक्कतें भी बढ़ गईं। सेहत का भी साथ नहीं मिल रहा था। इसके बाद और भी बुरा दौरा आया। सबसे पहले वाइफ चली गईं। इसके बाद पापा, मम्मी, सास, ससुर सहित परिवार के कई लोगों की हर साल मौत हो रही थी। यह मेरे लिए सबसे बुरा दौर था। ये बताते हुए सवी रोने से लगते हैं।  मैं अकेला होते-होते बिलकुल अकेला हो गया।

सवी अभी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। 12 घंटे की इनकी शिफ्ट होती है। अभी तो सवी के पास डायरेक्टर और प्रोड्यूसर से मिलने तक के पैसे नहीं हैं। फिल्मों को बहुत मिस कर रहे हैं लेकिन फिलहाल फ़िल्में देखना तो उनके लिए ड्रीम है।

सवी अभी पैसे जमा कर रहे हैं। कहते हैं कुछ पैसे जमा कर लूं फिर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर लोगों से मिलूंगा। उम्मीद है कि काम मिल जाएगा। पहले भी पॉजिटिव रिस्पोंस मिला है। काम देने से कोई मना नहीं करेगा। 

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