विनोद दुआ: आने वाली नस्लें याद रखेंगी, एक ऐंकर ऐसा भी था

डॉ मुकेश कुमार जाने-माने टीवी ऐंकर विनोद दुआ का जाना टीवी पत्रकारिता के एक युग का अंत है. यहाँ ‘एक युग का अंत’ घिसा-पिटा मुहावरा या अतिश्योक्ति नहीं है, वह सच्चाई है. ख़ास तौर पर हिंदी टीवी पत्रकारिता के लिए. उन्हीं की वज़ह से टीवी पर हिंदी पत्रकारिता पहली बार जगमगाई थी. उस समय जब टीवी की दुनिया दूरदर्शन तक सिमटी थी और टीवी पत्रकारिता नाम के लिए भी नहीं थी, विनोद दुआ धूमकेतु की तरह उभरे थे. इसके बाद वे लगभग साढ़े तीन दशकों तक किसी लाइट टॉवर की…

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