ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जी की गर्जना से भयभीत होकर भाग खड़े हुए थे अंग्रेज अधिकारी

The British officers ran away in fear of the roar of Thakur Vishwanath Shahdev ji.

लाल सूरज नाथ शाहदेव: ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जी के नेतृत्व में 1857 का झारखंड विद्रोह से ऐसा लगा जैसे अंग्रेजी हुकूमत पूरी तरह समाप्त हो गया।आज उनकी शहादत की 164 वीं वर्ष पर यह विशेष लेख।        अंग्रेज भारत मे ब्यापार करने की नीयत से आये थे लेकिन यहां कि धन संपदा और वैभव को देखते हुए उनकी नियत बदल गयी और वे यहां शाषन करने की योजना बना डाले। तत्कालीन भारतीय राजाओं की भूल और आपसी मदभेद के कारण अंग्रेज यहां लगभग 200 सालों तक भारतीयों पर…

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