राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची :इन दिनों झारखंड में सभी विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है, नेता और अधिकारी दोनों हाथों से झारखंड को लूट रहे हैं, इस लूट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू है और मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सबसे आगे हैं
सूत्रों के अनुसार प्रेस सलाहकार पिंटू ,जो दिन रात मुख्यमंत्री के साए में रहकर मलाईदार अधिकारियों के स्थानांतरण तथा करोड़ों रुपयों को ठेका दलालों के माध्यम से करोड़ों रुपए वसूल रहे हैं! ईडी द्वारा पकड़ाया गया दलाल विशाल चौधरी और प्रेम कुमार से सीधा संपर्क पिंटू से है ! पिंटू को विशाल चौधरी के रंगीले पार्टी में भी देखा गया तथा इसके साथ-साथ दूसरा प्रेम कुमार पिंटू के माध्यम से अधिकारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग कराता है! इसके बदले में पिंटू करोड़ों रुपए वसूल रहा है , ऐसे तो पिंटू के भ्रष्टाचार के अनंत कथाएं हैं और जिसके कारण संभवत: बहुत जल्द पिंटू के यहां ईडी का छापा पड़ने वाला है
दूसरा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा का साहिबगंज, पाकुड़ तथा दुमका जिला में तूती बोलती है इन जिलों में मिश्रा दलालों ,ठेकेदारों और रंगदारों से खुलेआम 10 % से 20% कमीशन लेते हैं और इन्हें जिला में मिश्रा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है जिसके कारण स्थानीय लोगों का कहना है कि मिश्रा की बेनामी संपत्ति करीब एक हजार करोड़ से भी ज्यादा है !इसी क्रम में पिछले दिनों पंकज मिश्रा पर ईडी की कार्रवाई बहुत ही तीव्र गति से हो रहा है ! जिसमें सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को पूछताछ के लिए पंकज मिश्रा को ईडी दफ्तर बुलाया गया था. दिन भर की पूछताछ के बाद थोड़ी देर पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
ईडी की टीम ने पंकज मिश्रा को लगातार दो बार समन जारी किया था, लेकिन स्वास्थ्य का हवाला देते हुए ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे थे. मंगलवार को पंकज मिश्रा सुबह 11:00 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे और एक झोला में कई कागजात ईडी कार्यालय ले गये थे. इससे पहले ईडी ने साहेबगंज में पंकज मिश्रा और उनके सहयोगियों के बैंक खातों को सीज किया था. ईडी की टीम ने 36 करोड़ से अधिक रुपये को इस मामले में सीज़ किया है.
कई ब्यूरोक्रेट्स और नेता रडार पर झारखंड में अवैध खनन से अर्जित अवैध कमाई से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा रांची के दफ्तर में पूछताछ हुई.इससे पहले दो बार ईडी के द्वारा समन दिए जाने के बावजूद पंकज मिश्रा स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर पूछताछ के लिए नहीं आए थे.दो बार पूर्व में भी जारी हुआ था समनः 8 जुलाई को ईडी ने पंकज मिश्रा और उनके करीबी कारोबारियों के यहां छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद पंकज मिश्रा, दाहू यादव, बच्चू यादव और निमाई शील को ईडी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था. समन मिलने के बाद दाहू यादव, बच्चू यादव और निमाई शील पिछले चार दिनों से ईडी दफ्तर आ रहे थे. लेकिन बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हो रहे थे. आखिरकार तीसरे समन जारी होने के बाद पंकज मिश्रा मंगलवार को ईडी दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे.
क्या है पूरा मामलाः झारखंड में मनरेगा घोटाले में कार्रवाई के जरिए ईडी ने तत्कालीन खनन सचिव पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई की थी. लेकिन पैसों की बरामदगी के लिंक की पड़ताल शुरू हुई तो मामला अवैध खनन से जुड़ गया. ईडी ने साहिबगंज समेत संथाल परगना के कई जिलों के डीएमओ से पूछताछ की थी. मिली जानकारी के अनुसार पहली बार 8 जुलाई को छापामारी के बाद उत्तराखंड में 12 घंटे तक पंकज मिश्रा से पूछताछ की गई थी. उसके बाद से ही पंकज मिश्रा ईडी के राडार पर है.
पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और उनके करीबी कहे जाने वाले दहू यादव के खातों को सीज कर दिया है. अलग-अलग बैंकों में 11 करोड़ 88 लाख रुपए जमा थे. इससे पहले पूजा सिंघल से जुड़े मनरेगा और मनी लांड्रिंग मामले में 19 करोड़ से ज्यादा रुपए जब्त हुए थे. इस पूरे प्रकरण में अबतक 36.58 करोड़ रुपए सीज किए हैं. पहली बार ईडी की ओर से इस बाबत जानकारी साझा की गई है.
8 जुलाई को पंकज मिश्रा और दहू यादव से जुड़े करीबियों के ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान 5.34 करोड़ रुपए जब्त किए गये थे. इसके अलावा 37 बैंक खातों में जमा 11.88 करोड़ रुपए सीज कर दिए गये हैं. उस दिन साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहड़वा में कुल 19 जगहों पर छापेमारी की गई थी. इस क्रम में ईडी ने पांच अवैध स्टोन माइंस को भी सील किया है. जांच के दौरान कई लोगों से पूछताछ में डिजीटल साक्ष्य और अहम दस्तावेज भी हाथ लगे हैं. इससे साफ है कि अवैध माइनिंग के जरिए पैसों की उगाही की गई थी. ईडी के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में 100 करोड़ से ज्यादा के अवैध माइनिंग के लिंक मिल रहे हैं. इसकी पड़ताल जारी है.ईडी की ओर से बताया गया है कि मई माह में मनरेगा घोटाला मामले में 36 जगहों पर छापेमारी की गई थी. इस दौरान कुल 19.76 करोड़ रुपए जब्त हुए थे. यह छापेमारी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठीकानों पर की गई थी. जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि जब्त रुपयों का बड़ा हिस्सा अवैध माइनिंग से ही आया था. जिसमें कई सीनियर ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियन की भागीदारी थी. ईडी की ओर से बताया गया कि फिलहाल इस मामले में पूजा सिंघल और उनके सीए सुमन कुमार न्यायिक हिरासत में हैं. इनके खिलाफ अभियोजन शिकायत दायर की जा चुकी है. फिलहाल पूरे मामले में जांच जारी है. अब देखना है कि ईडी की रडार पर और कौन कौन आता है. क्योंकि स्पष्ट कर दिया गया है कि इस पूरे मामले में कई सीनियर ब्यूरोक्रेट्स और राजनेता भी शामिल हैं. लिहाजा, आने वाले दिनों में बहुत कुछ देखने को मिल सकता है.
ईडी ने वायरल ऑडियो सुनाकर पूछा, आवाज किसकीः बीते साल जून में टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं होने को लेकर पंकज मिश्रा ने पाकुड़ के ठेकेदार शंभूनंदन प्रसाद को फोन किया था. इस बातचीत में मंत्री आलमगीर आलम की भी आवाज थी. ईडी के अधिकारियों ने मिश्रा को आडियो सुनाकर पूछा कि यह आवाज किसकी है, साथ ही वह क्यों टेंडर को प्रभावित करना चाहते थे.
कारोबार, अवैध खनन और अचानक बढ़ी संपत्ति पर पूछे सवालः ईडी ने मिश्रा से उनके कारोबारी हितों के बारे में पूछा. पंकज मिश्रा ने ईडी को बताया कि वह राजनीतिक व्यक्ति हैं, लेकिन उन्होंने कभी अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया. ईडी ने पूछा कि अचानक बीते सालों में उनकी संपत्ति कैसे बढ़ी. अवैध खनन और गंगा के रास्ते खनिजों की अवैध ढुलाई के संबंध में भी सवाल पूछे गए. ईडी ने पूछा कि कैसे उन्होंने बीते सालों में अपने करीबियों व साझेदारों के नाम पर संपत्ति अर्जित की. इससे संबंधित दस्तावेज दिखाए व कई सवाल पूछे. कटिहार में एक स्कूल में निवेश के संबंध में भी सवाल पूछे. हालांकि अधिकांश मामलों में पंकज मिश्रा ईडी के सवालों को टालते रहे.
पंकज मिश्रा को ईडी ने माना है मास्टरमाइंडः ईडी ने अब तक की जांच में माना है कि संथाल परगना में अवैध खनन के जरिए 100 करोड़ से अधिक की कमाई हुई है. पंकज मिश्रा को ईडी ने अवैध खनन का मास्टरमाइंड माना है. ईडी ने इस मामले में पंकज मश्रिा व उनके कारोबारी साझेदारों की 11.88 करोड़ बैंक में जमा राशि, छापेमारी के दौरान जब्त 5.34 करोड़ नकदी राशि भी जब्त की है. वहीं पांच क्रशर प्लांट को सील किया गया है.
इसकेसाथ-साथ दूसरी ओर व्यवसायी शंभू नंदन ने बताया कि सीएम के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से संथाल परगना ही नहीं, बल्कि झारखंड के व्यवसायी परेशान थे. उनकी गिरफ्तारी से राज्य के व्यवसायी खुश हैं. शंभू नंदन ने कहा कि पिछले दो साल से न्याय के लिए भटक रहे थे. लेकिन ईडी ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच-पड़ताल शुरू की. मंगलवार को ईडी ने पंकज मिश्रा से पूछताछ की और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि पंकज मिश्रा के साथ कई लोग शामिल हैं और वे लोग भी ईडी के शिकंजे में आयेंगे.देखें वीडियोशंभू नंदन ने कहा कि विधायक प्रतिनिधि की गिरफ्तारी से पाकुड़, साहिबगंज के साथ साथ अन्य जिलों के कई व्यवसायी अब चैन से अपना कारोबार कर सकेंगे. इसलिये इन जिलों के व्यवसायी काफी खुश हैं. बता दें कि साल 2020 में बरहरवा नगर पंचायत ने टोल नाके की बंदोवस्ती का टेंडर निकाला था. इस टेंडर को मैनेज करने के लिए विधायक प्रतिनिधि ने फोन पर व्यवसायी शंभू नंदन को ठेका नहीं लेने को लेकर धमकी दी थी.बरहरवा नगर पंचायत कार्यालय में टेंडर के वक्त व्यवसायी शंभू नंदन के साथ मारपीट हुई थी. इसको लेकर व्यवसायी ने बरहरवा थाने में पंकज मिश्रा, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम सहित कई अन्य लोगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. लेकिन बरहरवा थाने की पुलिस कार्रवाई नहीं की. अब इस मामले को ईडी ने टेकओवर कर जांच शुरू कर दी.
ईडी कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की पेशी हुई. कोर्ट में पेश करने के बाद ईडी के अधिकारियों ने विशेष अदालत से अनुरोध किया कि पंकज मिश्रा से अभी कई मामलों में पूछताछ करना बाकी है, इसलिए 10 दिनों की रिमांड दी जाए, हालांकि कोर्ट ने सिर्फ छह दिन की रिमांड मंजूर की है.
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुरू से आगाह कर रहे थे कि साहिबगंज में बालू-पत्थर, जमीन की लूट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के संरक्षण और सहभागिता में चल रही है। पर सभी की मौन स्वीकृति रही।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद ट्वीट कर कहा- ‘वही हुआ, जिसका डर था, पंकज भाग नहीं पाया, आखिर ईडी ने उसको माइनिंग घोटाले में पकड़ लिया। पंकज झारखंड मुक्ति मोर्चा का महासचिव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का प्रतिनिधि है। लगता है कि अब भ्रष्टाचार का दरवाजा टूटेगा।’ आगे उन्होंने लिखा कि ‘सुना है कि पंकज काफ़ी डरा हुआ है और रोते-रोते बुरा हाल है, इतना भी क्या कष्ट है? बच्चों की तरह क्यों रो रहे हो? सब कुछ सही बता तो और चिंता मुक्त हो जाओ बाकी काम तो दाहू यादव ने कर ही दिया है। झारखंड का सबसे भ्रष्टाचारी शासन की कहानी’