हजारीबाग। आज की दुनिया में कोई भी ऐसा व्यक्ति नही है जिसको तनाव ना हो। तनाव का होना अच्छी बात है परन्तु एक हद के बाहर तनाव का हो जाना खतरनाक हो सकता है।
जिन्दगी में लगातार बढ़ रहे तनाव को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल, बल मुख्यालय, नई दिल्ली, के दिशा-निर्देशों एवं श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों के अन्तर्गत शनिवार को डॉ0 नीरु राणा, बावा अध्यक्षा, सीमा सुरक्षा बल, मेरु कैम्प की अध्यक्षता में मेरु परिसर स्थित परिवार कल्याण केन्द्र में केन्द्रीय विद्यालय के लगभग 70 छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों एवं परिसर में रह रही प्रहरी संगिनियों के लिए तनाव प्रबंधन एवं एस आई पी एबैकस (स्किल डेवलपमैंट) के विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
जिसमें छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों के साथ-साथ प्रहरी संगिनियाँ एवं बावा की वरिष्ठ बावा सदस्याएं उपस्थित रही। मिस प्रिती वर्मा जोकि आइसेक्ट यूनिवर्सिटी, हजारीबाग के मनोविज्ञान विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों एवं प्रहरी संगिनियों को तनाव के विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आज कल की युवा पीढ़ी में गुस्सा ज्यादा देखने को मिल रहा है इसके पीछे का कारण उनका समाज से अलगाव और डिजीटल दुनिया में ज्यादा समय बिताना समझें या उनके खाने-पीने की गलत आदतें।
इनसे बिगडते हॉर्मोन्स लेवल एवं युवा अवस्था के दौरान हॉर्मेान्स लेवल में होने वाले बदलाव भी चिडचिडेपन और गुस्से को बढ़ा देते हैं जिससे तनाव उत्पन्न होने लगता है। उन्हानें कहा कि तनाव के कईं कारण हैं जैसे रोजमर्रा की जिन्दगी में होने वाली ऐसी घटनाएं जिससे हमारी जिन्दगी प्रभावित होती है, इन्सान का अकेला रहना, शरीर में लगातार हो रही शारीरिक बिमारीयां, पुरानी यादें, शराब का सेवन, घरेलू कलह आदि ऐसे कारण हैं जो तनाव को जन्म देते हैं।
मिस प्रिती वर्मा ने तनाव से निपटने के उपाय बताते हुए कहा कि तनाव को दूर करने के लिए हमें प्रति दिन आधे घण्टे व्यायाम करना चाहिए, स्वस्थ आहार लेना, शराब से दूरी, भरपूर नींद, मेडिटेशन और योगा, संगीत सुनना, ड्राइंग करना एवं अपनी पसंददीदा आदतों को अमल में लाना ऐसे बहुत उपाय हैं जिनसे तनाव को दूर किया जा सकता है।
तनाव प्रबंधन के पश्चात छात्र-छात्राओं को सफल भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से एस आई पी एबैकस, हजारीबाग की संचालिका मनप्रीत बावा ने स्किल डेवलपमैंट के तहत एस आई पी एबैकस के विषय पर व्याख्यान दिया। एस आई पी एबैकस का एकमात्र उद्देश्य 06 से 12 साल के बच्चों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से सीखने व सिखाने की शिक्षा देना है।
इससे बच्चे समार्ट तो बनते ही हैं, साथ ही बच्चों में जल्दी सीखने की प्रवृति भी विकसित होती है। इससे बच्चों का बौद्धिक विकास बहुत शीघ्रता के साथ होता है व उनकी याद करने की, समझने की, किसी भी चीज को सही और जल्दी करने की क्षमताओं को बढ़ाता है। सेमिनार के दौरान मनप्रीत बावा ने छात्र-छात्राओं को मैथ्स कैलकुलेशन करने की कईं बहुत सरल विधियां बताई जिन्हे सिखने के लिए छात्र-छात्राओं में बहुत उत्सुक्ता दिखी।
छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों ने श्रीमति मनप्रीत बावा के बच्चों को सिखाने के इस प्रयास की बहुत सराहना की। डॉ0 नीरु राणा, बावा अध्यक्षा, ने अपने प्रेषित संदेश में उपस्थित छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों एवं प्रहरी संगिनियों को संबोधित करते हुए कहा कि तनाव आज के दौर की बहुत गम्भीर समस्या बन चुकी है।
तनावग्रसत व्यक्ति का इलाज उससे खुल कर बात करने, उसके दोस्त व साइक्लोज्सिट के जरिए करवाना चाहिए, साथ ही अपनी दिनचर्या को अनुशासनात्मक बनाएं जिससे तनाव को दूर किया जा सके।
उन्होनें मिस प्रिती वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर और बच्चों को सफल भविष्य के लिए तैयार करने का प्रयास कर रही संस्था एस आई पी एबैकस, हजारीबाग की संचालिका मनप्रीत बावा का बच्चों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी के लिए धन्यवाद किया। वरिष्ठ बावा सदस्याओं के द्वारा उन्हें सम्मान स्वरुप समृति चिन्ह भेंट किया।