रिखिया थाना: चर्चा का विषय बना दुर्घटनाग्रस्त टैंपू को छोड़ना व खाली गाड़ी में ट्रैक्टर का चालान कटना
देवघर/हमेशा सुर्खियों में रहने वाला रिखिया थाना फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते 2 अक्टूबर को रिखिया मोहनपुर मुख्य मार्ग स्थित माउंट लिटेरा स्कूल के समीप एक बाइक सवार व टेंपो के बीच भीषण टक्कर हुआ था जिसमें बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया था। हालांकि हैरानी की बात यह है कि रिखिया थाना की पुलिस ने टैंपू व बाइक को जप्त कर थाना ले आया था। जिसके पश्चात कुछ दिनों के बाद थाना प्रभारी अमित कुमार के आते ही दोनों वाहन को डीटीओ के पास बिना रिपोर्ट भेजें छोड़ दिया गया। जिसमें स्थानीय पुलिस ने बताया कि कोई कंप्लेन करने वाला नहीं था। दोनों ने कंप्रोमाइज का आवेदन भी दिया था। जब हमारे अखबार के पत्रकार ने इस पर पड़ताल तो आसपास के लोगों ने बताया कि 14 वर्ष का नाबालिक लड़का टेंपो चला रहा था वही बाइक चलाने वाले के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बना था। दोनों एक दूसरे को फसते आपस में कंप्रोमाइज कर लिया। वही दूसरा मामला बीते 13 अक्टूबर की है जब पुलिस ने बेहंगा के समीप खाली ट्रेक्टर पकड़ लिया था। इसमें हैरानी की बात यह है कि ट्रैक्टर में बालू का एक भी अंश नहीं था इसके बावजूद खनन व सेल टेक्स कार्यालय में 10 हजार का चालान कट गया। हालांकि इस संदर्भ में डीएमओ से पूछे जाने पर बताया कि थाना के द्वारा खाली ट्रेक्टर का जिक्र नहीं किया गया था नहीं तो एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी करते।
थाना प्रभारी के बेहद करीबी है मोहन
एक तरफ रिखिया थाना के लिए आम धारणाएं बन गया है कि ट्रैक्टर पकड़ते ही एफआईआर दर्ज की जाती है। वही इस धारणाएं के बीच खाली ट्रैक्टर में चालान कटना चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ जहां थाना प्रभारी हमेशा एफआईआरका अनुशंसा कर पत्र भेजते हैं वही पहली बार ऐसा हुआ कि आवश्यक व उचित कार्यवाही के लिए अनुशंसा की गई। थाना प्रभारी के आवास से सटे मोहन महतो का घर है जो थाना प्रभारी के बेहद करीबी माने जाते हैं। जो छोड़े गए उक्त ट्रैक्टर का मालिक है।
खाली गाड़ी में बालू लदे होने का चालान कटना पुलिस की सलीपेटा पर सवाल उठना लाजमी होगा।
छोड़े गए टैंपू व बाइक पर क्या कहते हैं कानून के जानकार
कानून के जानकार बताते हैं कि इस तरह के मामले में पुलिस केस करती है। क्योंकि नाबालिक बच्चा टेंपो चला रहा था जिस पर टेंपो के मालिक व नाबालिक बच्चा के अभिभावक पर कार्यवाही भी होती है। वहीं बगैर ड्राइविंग लाइसेंस का गाड़ी चलाने वाले बाइक चालक पर जुर्माना हो सकता था। पुलिस खुद मामले की कंप्रोमाइज कर खुद पर सवाल उठा लिया। हालांकि इस संदर्भ में थाना प्रभारी से संपर्क साधने का प्रयास किया लेकिन उसका फोन व्यस्त बताया।