News Agency : बिहार-पूर्वी यूपी में जब कोई कहता है कि ‘जरा लाव रे’, तो उसका मतलब यह निकाला जाता है कि वह अपना हथियार लाने को कह रहा है। ऐसा आम तौर पर दबंग लोग ही कहते हैं। लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) अध्यक्ष राज ठाकरे जब ऐसा ही वाक्य मराठी में बोलते हैं, तो उसका मतलब है, जरा उस वीडियो क्लिप (पीएम मोदी के) को ऑन करो।यह वाक्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी मंडली के लिए डराने वाला है क्योंकि इसके जरिये राज ठाकरे महाराष्ट्र में मोदी सरकार की पोल-पट्टी खोल दे रहे हैं।
राज ठाकरे इन दिनों अपनी रैलियों में मंच पर दो बड़े-बड़े एलईडी स्क्रीन्स लगवाते हैं। इस पर वह विभिन्न किस्म के दावे करते हुए मोदी के वीडियो क्लिप्स दिखाते हैं और फिर, अपनी बातें रखते हैं। उदाहरण के लिए, वह मोदी का एक वीडियो क्लिप दिखाते हैं जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि बिहार में eight लाख fifty हजार शौचालय एक हफ्ते में ही बना दिए गए। राज कहते हैं कि इसका मतलब हुआ कि हर पांच सेकेंड में सात शौचालय बना दिए गए। राज जब कहते हैं कि जितनी देर में आप शौचालय जाकर लौट आते हैं, उससे भी कहीं कम समय में एक शौचालय बनकर तैयार हो जाता है, तो लोगों की हंसी छूट जाती है।
राज ठाकरे राष्ट्रवाद के मुद्दे पर भी मोदी को ठीक ढंग से घेर रहे हैं। वह पुलवामा कांड और उसी तरह बालाकोट एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाते हैं। वह लोगों से पूछते हैं, “आप ही सोचो, अगर हमारी एयर स्ट्राइक से एक भी पाकिस्तानी मरा होता, तो क्या पाकिस्तान विंग कमांडर अभिनंदन को कुछ ही दिनों में जीवित लौटने देता? क्या इमरान खान पाकिस्तान के लोगों के प्रति जिम्मेदार नहीं है? ऐसे में, अमित शाह किस आधार पर दावा कर रहे हैं कि हमलोगों ने 250 पाकिस्तानियों को मार गिराया!” फिर भी, वह बीजेपी को अपने बयान के लिए आक्रमण का मौका नहीं देते हैं क्योंकि वह यह जरूर कहते हैं कि वह सेना पर कोई सवाल नहीं उठा रहे, सिर्फ इस मुद्दे के राजनीतिकरण को सामने ला रहे हैं।
राज ठाकरे चुटीले और आक्रामक ढंग से पहले भी बोलते रहे हैं, लेकिन यह उनकी नई स्टाइल है। इसमें किसी को भी शिवसेना प्रमुख रहे बाल ठाकरे का अक्स दिखेगा। बाल ठाकरे अपनी रैलियों में अखबार भी लाते थे। इनमें कई वाक्य लाल स्याही से रेखांकित किए रहते थे। वह इन्हें पढ़कर बताने के साथ लोगों को दिखाते भी थे। अब यह ऑडियो-वीडियो का जमाना है, तो राज इसी माध्यमका उपयोग कर रहे हैं। हालांकि राज ठाकरे की पार्टी ने इस चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। वह किसी पार्टी के साथ संयक्तु रैली भी नहीं कर रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ नरेंद्र मोदी-अमित शाह को हराना है। ऐसा करते हुए राज ठाकरे कई काम एक साथ कर रहे हैं। राज अपनी रैलियों के जरिये शिवसेना के वोट बैंक को भी अपनी ओर समेट रहे हैं।
इसके साथ ही राज मोदी- शाह बंधु बनाम पूरा देश का मसला लोगों के सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं। मुंबई में गुजराती-मराठी का झगड़ा बरसों से रहा है और वे घाव अभी भरे नहीं हैं। वह शेष महाराष्ट्र में मोदी की छवि गलत बातें करने वाले के तौर पर पेश करने में कामयाब हो रहे हैं। यह राज ठाकरे का इस मामले में भी नया अवतार है कि पहले वह मोदी के प्रशंसक रहे हैं। अब उन्होंने पाला क्यों बदल लिया, यह पूछे जाने पर वह कहते हैं कि मोदी न सिर्फ गलत दावे करते हैं बल्कि देश को भी नष्ट कर रहे हैं।
राज ठाकरे कहते हैं कि यह चुनाव सिर्फ इस बारे में नहीं है कि कौन जीतता है बल्कि बीजेपी की हार सुनिश्चित करनी है ताकि देश बच जाए। राज ठाकरे के इस पैंतरे से बीजेपी-शिवसेना की जोड़ी सकते में है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि राज ठाकरे के हमलों का जवाब कैसे दें, क्योंकि उनकी पार्टी तो इस चुनाव में लड़ ही नहीं रही है, उसके बावजूद वह विशाल रैली कर मोदी सरकार और बीजेपी को लगातार घेर रहे हैं। आने वाले दिनों में खासकर बीजेपी को अधिक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि राज ठाकरे twenty nine अप्रैल को महाराष्ट्र में अंतिम फेज की वोटिंग के बाद दूसरे राज्यों में जाकर भी इसी तरह की रैलियां करने वाले हैं।