सांसद महताे व पूर्व मंत्री मुंडा की हत्या पीछे केप्रशांत बाेस उर्फ किशन दा का हाथ

विशेष संवाददाता द्वारा
रांची:सरायकेला के कांड्रा से गिरफ्तार नक्सलियाें के थिंक टैंक व पाेलित ब्यूराे सदस्य एक कराेड़ के इनामी प्रशांत बाेस उर्फ किशन दा उर्फ बूढ़ा और उसकी पत्नी शीला मरांडी सहित छह लाेगाें काे रविवार काे सरायकेला जेल भेज दिया गया। इधर, रांची के जैप वन स्थित गेस्ट हाउस में प्रेस काॅन्फ्रेंस में डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि बाेस की गिरफ्तारी सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि सभी नक्सल प्रभावित राज्याें के लिए ऐतिहासिक है। वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है।
उन्हाेंने बताया कि पूर्वी सिंहभूम में सांसद सुनील महताे हत्याकांड, 2004 में गिरिडीह में गृह रक्षा वाहिनी का शास्त्रागार लूटने और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड का वही मास्टरमाइंड था। इसके अलावा सारंडा में 16 पुलिसकर्मियाें की हत्या, बिहार का जहानाबाद जेल ब्रेक, महाराष्ट्र का भीमा काेरेगांव हिंसा और छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में डेढ़ दर्जन से अधिक जवानाें की शहादत के पीछे भी प्रशांत बाेस का ही प्लान था।
डीजीपी ने बताया कि प्रशांत बाेस से एक पेन ड्राइव और दाे एसएसडी कार्ड मिले हैं। इसमें भाकपा माओवादी संगठन के कई अहम दस्तावेज हैं। करीब 100 पुलिस अधिकारियाें और कर्मचारियाें की टीम इसका अध्ययन कर रही है। इससे खुलासा हुआ है कि नक्सलियाें की याेजना झारखंड-ओडिशा और छत्तीसगढ़ रूट काे दुरुस्त करना था। एसएसडी कार्ड में 60 के दशक से अब तक की बड़ी घटनाओं, शीर्ष नेताओं की बैठकाें का पूरा ब्याेरा और प्लान है। इसकी जांच की जा रही है।
प्रशांत बाेस और शीला मरांडी सहित सभी छह लाेगाें काे जेल भेजने से पहले मेडिकल जांच को सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया। साथ में 11 गाड़ियाें का काफिला था। कड़ी सुरक्षा में करीब चार घंटे जांच चली। डाॅ. खेलाराम ने उससे कई सवाल किए। लेकिन बाेस ने सिर्फ इतना बताया कि दाे साल पहले गंभीर बीमारी हुई थी, जिसमें मेजर ऑपरेशन करना पड़ा। इसके बाद काेर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।
डीजीपी ने बताया कि शीला मरांडी भी कुख्यात नक्सली है। वर्ष 2001 में दिवाली मेले के दाैरान धनबाद के ताेपचांची स्थित जैप कैंप पर उसने अपने सहयाेगियाें के साथ हमला कर दिया था। पूरे कैंप काे ध्वस्त कर दिया था और हथियार व गाेला बारूद लूट लिया था। इस हमले में 15 पुलिस अधिकारी और जवान शहीद हुए थे। वर्ष 2006 में उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन 2016 में जमानत पर छूटते ही वह फिर संगठन में शामिल हाे गई। सारंडा में रहते हुए उसने नारी दस्ते के साथ मिलकर संगठन काे मजबूत किया। 2018 में उसे केंद्रीय कमेटी का सदस्य बना दिया गया। हालांकि उस पर काेई इनाम नहीं था।
प्रशांत बाेस पर झारखंड, बिहार, ओडिशा और अन्य राज्याें में 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। झारखंड में उस पर रांची के बुंडू में एक, खूंटी के अड़की में तीन व मुरहू में एक, गुमला के चैनपुर में तीन, चाईबासा के साेनुआ में आठ, जराईकेला में छह, छाेटानागरा में एक, गाेइलकेरा में सात, टाेंटाे में दाे, टाेकलाे में दाे, टेबाे में दाे, गुवा में एक, मनाेहरपुर में दाे, सरायकेला के कुचाई में तीन, जमशेदपुर के चाकुलिया में तीन, हजारीबाग के इचाक में एक, विष्णुगढ़ में एक, बाेकाराे के महुआटांड़ में दाे और चक्रधरपुर रेल थाने में एक केस दर्ज है।
पत्नी शीला पर भी 18 केस: बाेस की पत्नी शीला मरांडी पर भी बगोदर, पीरटांड़, बेंगाबाद, मधुबन, डुमरी, चंद्रपुरा, तोपचांची, बोकारो टाउन, गिरिडीह नगर, सोनुवा, मनोहरपुर, गोइलकेरा व टेबो थाने में 18 केस दर्ज हैं।
गाेइलकेरा | प्रशांत बाेस की गिरफ्तारी के विराेध में नक्सलियाें ने 20 नवंबर काे 24 घंटे का भारत बंद का आह्वान किया है। भाकपा माओवादी पूर्वी रीजनल ब्यूराे के प्रवक्ता संकेत ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इससे पहले 15 से 19 नवंबर तक प्रतिराेध दिवस मनाया जाएगा। इसमें कहा गया है कि प्रशांत बाेस और शीला मरांडी अस्वस्थ है। वे बीमारी का इलाज कराने जा रहे थे, तभी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विज्ञप्ति में दाेनाें का उचित इलाज कराने से सभी गिरफ्तार लाेगाें काे बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है।

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