प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देश की सबसे बड़ी रसोई गैस (एलपीजी) पाइपलाइन की आधारशिला रखेंगे. यह पाइपलाइन देश की एक-चौथाई आबादी को खाना पकाने की ईंधन जरूरतों को पूरा करेगी. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी दी.
सरकारी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) देश में रसोई गैस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से लेकर गुजरात तट तक एलपीजी पाइपलाइन बिछा रही है. इंडियन ऑयल की गुजराज में कांडला में एलपीजी आयात करने और इसे 1987 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के सहारे गोरखपुर तक ले जाने की योजना है. यह पाइपलाइन अहमदाबाद, उज्जैन, भोपाल, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी और लखनऊ से होकर गुजरेगी.
प्रधान ने कहा , “संभवत: यह पाइपलाइन दुनिया में सबसे बड़ी एलपीजी पाइपलाइन होगी. इसे बिछाने में 9000 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.’ पाइपलाइन के जरिये सालाना 37.5 लाख टन एलपीजी को गुजरात तट से देश के विभिन्न शहरों तक भेजा जायेगा. पाइपलान में कांडला बंदरगाह के साथ-साथ आईओसी की कोयाली रिफाइनरी में भी एलपीजी की सप्लाई की जायेगी.
यह देश में सबसे बड़ी एलपीजी पाइपलाइन होगी. वर्तमान में गेल गुजरात में जामनगर से लेकर लोनी तक की 1,415 किलोमीटर लंबी लाइन का परिचालन करती है. गेल के पास 623 किलोमीटर लंबी विशाखापट्टनम से सिकंदराबाद तक की पाइपलाइन भी है. इंडियन ऑयल की हरियाणा में पानीपत से जालंधर तक एक पाइपलाइन है. इसकी लंबाई 274 किलोमीटर है.
प्रधान ने कहा , ‘प्रधानमंत्री 24 फरवरी को पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखेंगे. इस परियोजना के तैयार होने पर इसके रास्ते में पड़ने वाले सिलेंडर भरने वाली 22 यूनिट्स को भी एलपीजी की सप्लाई की जाएगी.