वर्षों से बिना बिजली के जीवन बसर करने को मजबूर है ये वृद्धा

डिजिटल युग में भी कमला सिंह को ढिबरी की रोशनी का ही सहारा

संवाददाता रंजीत राणा

पूर्वी सिंहभूम झारखंड – गालूडीह थाना क्षेत्र की बड़ा खुर्शी पंचायत के दारीसाई गांव की एक 80 वर्षीया असहाय़ वृद्धा, कमला सिंह इस डिजिटल युग में ढिबरी की रोशनी में रात बिताने को मजबूर है.गर्मियां उनके लिए आफत बन जाती हैं. गरीबी के कारण आज तक वह बिजली का कनेक्शन नहीं ले पायी है. वृद्धा नारकीय जीवन जीने को विवश है.

कमला सिंह ने बताया कि वह निःसंतान हैं और परिवार में अकेली रहती हैं. पति को गुजरे कई वर्ष हो गए हैं. इस भीषण गर्मी में बिजली के बिना रहना मुश्किल हो रहा है. रात के समय अंधेरे में घर से बाहर निकलने के लिए सोचना पड़ता है. विदित हो कि वृद्धा पहले एक टूटे-फूटे झोपड़ीनुमा घर में रहती थी.

फिर समाजसेवी प्रकाश दास के ट्वीट पर तत्कालीन जिला उपायुक्त सूरज कुमार द्वारा संज्ञान लेकर वृद्धा के नाम पर अम्बेडकर आवास और पेंशन की स्वीकृति दी गयी थी. अब उनके सिर पर छत तो है लेकिन बिजली नहीं है.

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