चुनाव के बाद खुले वादों के पिटारे

चुनाव के बाद खुले वादों के पिटारे

News Agency : झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के राजनीतिक दल वोटरों को साधने की कवायद में जुट गए हैं। इस सिलसिले में वादे और घोषणाओं की झड़ी लगेगी। मुख्य विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 100 प्रतिशत रोजगार का नया नारा उछाला है जिसे लेकर राजनीतिक गलियारे में चर्चा गर्म है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के मुताबिक सरकार अगर विपक्षी महागठबंधन की बनी तो 100 फीसद रोजगार सुनिश्चित होगा। रोजगार नहीं मिलने तक सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता मुहैया कराया जाएगा।इस घोषणा को युवाओं को रिझाने की कवायद का हिस्सा माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद विपक्षी महागठबंधन की कवायद विधानसभा चुनाव को लेकर तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के रणनीतिकार इस वादे को ज्यादा से ज्यादा उछालने की जुगत में है। केंद्रीय समिति की 15-16 जून को रांची में होने वाली बैठक में इस आशय के निर्देश जारी किये जा सकते हैं।झामुमो की तमाम कमेटियों को इसे प्रचारित करने का निर्देश दिया जा सकता है ताकि वोटरों की सहानुभूति पार्टी को मिल सके। इसे सत्ताधारी भाजपा की उन कल्याणकारी योजनाओं की काट माना जा रहा है जो केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। किसानों को लाभ दिए जाने की योजना का बड़ा असर लोकसभा चुनाव में पड़ा था। राज्य सरकार ने भी किसानों को राहत देने के लिए अलग से योजना की शुरूआत की थी जिसमें लाभुक किसानों के खाते में सीधे राशि डालने का प्रावधान है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के बेरोजगारी भत्ता दिए जाने के वक्तव्य पर भाजपा ने चुटकी ली है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि झामुमो की बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा हास्यास्पद और कोरी कल्पना है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी 72 हजार देने की घोषणा थी, जिसे जनता ने लोकसभा चुनाव में नकार दिया।इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि हेमंत सोरेन मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी का उनका सपना 2019 में पूरा नही होने वाला। हेमंत सोरेन ने सभी युवाओं को रोजगार देने का जुमला उछाला है, लेकिन इसका कोई रोडमैप उनके पास नहीं है।

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