चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि ईवीएम और पोस्टल बैलट पेपरों पर सभी उम्मीदवारों की तस्वीरें होंगी ताकि वोटर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे नेताओं की पहचान कर सकें। आयोग ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की बैलट इकाइयों और पोस्टल बैलट पेपरों पर तस्वीरें छपी होंगी। इसके लिए उम्मीदवारों को आयोग की ओर से निर्धारित शर्तों पर अमल करते हुए निर्वाचन अधिकारी के पास अपनी हालिया स्टैंन साइज तस्वीर देनी होगी।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि पहली बार 2009 के चुनावों के समय फोटो युक्त मतदाता सूची का इस्तेमाल किया गया था। उस वर्ष असम, जम्मू-कश्मीर और नगालैंड में फोटो युक्त मतदाता सूची नहीं थी जबकि असम एवं नगालैंड में मतदाता फोटो पहचान-पत्र (एपिक) नहीं बांटे गए थे। अब सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में फोटो युक्त मतदाता सूची है और 99.72 फीसदी मतदाताओं की तस्वीरें मतदाता सूची में पहले से चस्पा हैं। इसके अलावा, 99.36 फीसदी मतदाताओं को एपिक दिए गए हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि एपिक से लैस मतदाताओं और मतदाता सूचियों में तस्वीरों का प्रतिशत बढ़ सकता है। कई राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पहले ही इसे शत प्रतिशत बताया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि मतदान की तारीख से कम से कम पांच दिन पहले आधिकारिक वोटर पर्ची, जिस पर मतदाता की तस्वीर होगी, बांटी जाएगी।