राजनीतिक संवाददाता द्वारा
पटना : बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी की स्थित न घर के न घाट के वाली होकर रह गई है। बिहार की सभी मुख्य पार्टियों ने मुकेश सहनी से किनारा कर लिया है। अब मुकेश सहनी बिहार की राजनीति में वह उपेक्षित नेता हैं, जिन्हें अब किसी का साथ नहीं मिल रहा है। वीआईपी पार्टी बनने के बाद लगभग 4 सालों के सफर में ही मुकेश सहनी ने बिहार की लगभग सभी प्रमुख पार्टी के साथ गठजोड़ किया और वहां से या तो निकाले गए या खुद निकल गए। नतीजा ये अब उन्हें कोई भी पार्टी अपने साथ नहीं रखना चाहती है।
शुरुआत में जब बोचहां विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी ने अपना कैंडिडेट उतारा तो जीतन राम मांझी की पार्टी हम की ओर से मुकेश सहनी को साथ मिलता नजर आ रहा था, लेकिन बाद में जीनत राम मांझी ने भी मुकेश सहनी से हाथ छुड़ा लिया। मांझी ने कहा, जैसा किया उनके साथ वैसा हुआ। उन्होंने कहा, मुकेश सहनी के लिए ये स्थिति उनके अपने कारण ही बनी है। यदि हम भी ऐसा करेंगे तो हमारे साथ भी ऐसा हो सकता है।
वहीं आरजेडी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी मुकेश सहनी से हाथ झटक लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में मुकेश सहनी जैसे कई नेता हैं। ऐसे में आरजेडी को मुकेश सहनी की कोई जरूरत नहीं है। राबड़ी देवी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मुकेश सहनी ने हमारी पार्टी छोड़ी थी। उन्होंने तेजस्वी पर उनके पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था। अब बीजेपी और डबल इंजन की सरकार ने सहनी के पीठ में छुरा घोंप दिया है।
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जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी ने भी मुकेश सहनी को नसीहत देते हुए कहा कि उनके अंदर पेशेंस यानी धैर्य की कमी है। उन्होंने भी मुकेश सहनी से किनारा करते हुए कहा कि सीटों का बंटवारा बीजेपी और जेडीयू के बीच हुआ था। हमने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और बीजेपी ने मुकेश सहनी को एडजेस्ट किया था। उनके साथ क्या किया जाना चाहिए इसका फैसला बीजेपी को ही करना है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मुकेश सहनी के तीनों विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कराने के बाद कहा कि ‘मुकेश सहनी को अब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। संजय जायसवाल ने मुकेश सहनी को महत्वाकांक्षी बताते हुए कहा कि ‘सत्ता का लालच सब चीज पर भारी पड़ता है मंत्री मुकेश सहनी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।’ वहीं दूसरे दिन भी संजय जायसवाल अपने बयान से साफ संदेश देने की कोशिश की कि अब कार्रवाई करेंगे। दरअसल, पशुपालन और मत्स्य विभाग में मछुआरों के सदस्यता और पंजिकरण का मामला था, जिसे मुकेश सहनी अपने हिसाब से चलाना चाहते थे। इस पर संजय जायसवाल ने साफ तौर पर कहा वो इसे ‘ठीक करे वर्ना हमें मुकेश सहनी पर कार्रवाई करनी पड़ेगी। बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी’। संजय जायसवाल के इस बयान के अगले दिन ही सीएम नीतीश ने मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने की अनुशंसा राज्यपाल से कर दी जिसपर महामहिम की मुहर भी लग गई है।