कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव में यूपी को तरजीह का मतलब

दिल्ली व्यूरो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में सिमटती जा रही कांग्रेस (Congress) में 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के पहले नई जान फूंकने की एक कोशिश गई है। प्रदेश के तीन चेहरों को अलग-अलग राज्यों से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस ने प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, राजीव शुक्ला को छत्तीसगढ़ से और इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। प्रमोद तिवारी अभी प्रदेश में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरों में शुमार किए जाते हैं। ताकत देकर कांग्रेस चाहती है कि उनकी सक्रियता प्रदेश में बढ़े और इसका लाभ आने वाले लोकसभा चुनाव में उठाया जा सके।
राजीव शुक्ला प्रियंका कैंप के माने जाते हैं। वह कानपुर से आते हैं। भले ही उनकी सियासत का केंद्र यूपी से बाहर हो, लेकिन वह यहां की राजनीतिक गतिविधियों में हस्तक्षेप रखते हैं। वहीं, इमरान प्रतापगढ़ी भी प्रियंका कैंप का हिस्सा हैं, जिनकी युवाओं में खासी लोकप्रियता है। यूपी के दो ब्राह्मण चेहरों को राज्यसभा भेजकर कांग्रेस ने अपनी नीति साफ कर दी है कि वह ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ के अजेंडे पर आगे बढ़ेगी। मुस्लिम वोटरों को वह इमरान के चेहरे से लुभाना चाहती है।

सूत्रों का दावा यह भी है कि राज्यसभा के उम्मीदवारों की तस्वीर साफ होने के बाद जल्द कांग्रेस यूपी में प्रदेश अध्यक्ष की भी घोषणा करेगी। राज्यसभा मिलने के बाद प्रमोद तिवारी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। इसके अलावा पीएल पुनिया का नाम भी चर्चा में है। प्रदेश में कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के सामने खड़ा होने के लिए अपनी ताकत को बढ़ाने की कोशिश में है। ऐसे में राज्यसभा सांसद लोगों के बीच आइकन के रूप में पेश किए जाएंगे। उनके जरिए पार्टी लोगों को एक संदेश देने की कोशिश करेगी। सपा और बसपा को निशाने पर भी लेने की योजना इसके जरिए है।

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