देश के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्रों में से एक पूर्वी दिल्ली से भाजपा के महेश गिरी वर्तमान सांसद हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार राजमोहन गांधी को लगभग दो लाख वोटों के अंतर से हराया था। लेकिन बदले माहौल में इस बार ऊंट किस करवट बैठेगा, इस पर स्थिति साफ नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण आप और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन है। अगर दोनों दल आपस में मिलकर लड़ने का फैसला करते हैं तो भाजपा के लिए इस बार यहां से जीत हासिल करने में मुश्किल हो सकती है।
पूर्वी दिल्ली से वर्तमान भाजपा सांसद महेश गिरी साफ-सुथरी छवि के नेता हैं। आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर के संगठन आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन से राजनीति में आए महेश गिरी पार्टी कार्यक्रमों से लेकर जनता के कामकाज कराने तक में अच्छी छवि रखते हैं। लेकिन माना जा रहा है कि इस बार पार्टी यहां से किसी नए उम्मीदवार को मौका दे सकती है। इसी बीच पार्टी से कई चेहरों ने यहां से अपनी दावेदारी ठोंकी है। इनमें पार्टी के कुछ बड़े चेहरे हैं तो कुछ नए लोग भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
भाजपा से पूर्वी दिल्ली सीट से दावेदारी करने वाले नेताओं में भाजपा के विश्वास नगर से विधायक ओम प्रकाश शर्मा शामिल हैं जो अपने बेबाक बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। कामकाज के मामले में भी उनकी छवि काफी अच्छी है। वे भाजपा के उन तीन विधायकों में से एक हैं जो अरविंद केजरीवाल की दिल्ली लहर में भी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। उनकी दावेदारी भी अच्छी मानी जा रही है।
वहीं, इस समय दिल्ली भाजपा में पूर्वांचल मोर्चे के अध्यक्ष मनीष सिंह ने भी इस सीट से अपनी दावेदारी ठोंक रखी है। वे युवा और जोश से भरे हैं। पूर्वांचल समाज और युवाओं पर अच्छी पकड़ रखते हैं। नए चेहरे होने के नाते उनके खिलाफ कहने के लिए विपक्ष के पास कुछ नहीं है, लेकिन संगठन के तौर पर रामलीला मैदान में दो बड़ी रैलियां कराकर पार्टी के उच्च नेताओं के बीच उन्होंने अपनी मजबूत पहचान बनाई है।
एयरफोर्स में ग्यारह साल सेवा दे चुके मनीष सिंह अब राजनीति के मैदान में विपक्षियों को धूल चटाने के लिए बेताब हैं। दिल्ली भाजपा के महामंत्री कुलजीत सिंह चहल ने भी इस सीट से अपनी दावेदारी ठोंक रखी है। बेबाक छवि और मजबूत सांगठनिक क्षमता के कारण उनकी दावेदारी भी इस सीट पर अच्छी मानी जा रही है।