शिक्षक और अध्यक्ष को सरकारी सैलरी से पेट नही भरा तो लगे बच्चो के पैसा का गमन करने।

शिक्षक और अध्यक्ष को सरकारी सैलरी से पेट नही भरा तो लगे बच्चो के पैसा का गमन करने।

 

पाकुड़।पाकुड़ जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत ईशाकपुर पंचायत में उत्क्रमित प्राथमिक मध्य विद्यालय फतेपुर में क्षतिपूर्ति राशि में भारी भरकम गड़बड़ी हुई है जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा किया गया सभी छात्र छात्राओं को कक्षा 1 से 5 तक के 229 दिनों की राशि 4.97 के हिसाब से देनी है। लगभग 1138 होती है। लेकिन इस विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं अध्यक्ष ने 300 रुपैया करके वितरण किया था। जिस कारण बच्चों के अभिभावक माता पिता ग्रामीण के मान्य गणन लोग स्थानीय स्कूल फतेहपुर पहुंचा राशि वितरण की जानकारी लिए 1138 के जगह 300 रुपया करके वितरण करने पर ग्रामीणों द्वारा इसका विरोध किया कुछ छात्र छात्राओं को राशि प्राप्त हो चुका था। विद्यालय के प्रधानाचार्य छुट्टी में है एवं अध्यक्ष भी स्कूल में अनुपस्थित रहे। रही हाल है झारखण्ड के सरकारी विद्यालय का शिक्षक समय पर नहीं आते है। और जो भी पैसा बच्चो के लिए आता है उसको वो लोग अपने में ही बंदरबाट कर लेते है। और यह के सरकारी विद्यालय का हल ऐसा है की यह के बच्चो के ना है अपने राज्य के मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं पता है। और ना ही शिक्षामंत्री का नाम पता है। आख़िर इसके जिमेदार कौन है। सरकार विध्यालय ना ही अच्छा खाना मिलता है और ना ही अच्छी पढ़ाई की जाती है। अगर हमारे झारखण्ड के विध्यालय का ऐसा हाला रहा तो कही ना कही झारखण्ड के एक पीढ़ी का भविष्य अंधेरे में चला जाएगा। आखीर क्यों नही सुधार पा रहा है झारखण्ड का शिक्षा व्यवस्था आख़िर क्या कारण हैं।

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